user profile

New User

Connect with Tractor Junction

कपास की कीमत : किसानों के लिए फायदे का सौदा कपास की खेती

Published - 08 Mar 2021

कपास के दाम : एमएसपी से 15 प्रतिशत ऊंचे मिल रहे कपास के दाम, इस बार कपास का उत्पादन 371 लाख गांठ रहने का अनुमान

किसानों के लिए कपास की खेती फायदे का सौदा साबित हो रही है। इस चालू सीजन की बात करें तो बाजार में किसानों को कपास के भाव काफी अच्छे मिल रहे है। इससे किसान कपास उत्पादक किसान उत्साहित हैं। जानकारी के अनुसार इस इस समय बाजार में कपास के भाव सरकार द्वारा तय किए गए एमएसपी से करीब 15 प्रतिशत अधिक चल रहे हैं। इससे किसानों को बाजार में कपास बेचने में अधिक मुनाफा हो रहा है। बाजार में कपास की आवक शुरू हो गई है। किसान कपास लेकर व्यापारियों को बेच रहे हैं। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक महीने में देश में कपास की कीमतों में 5 प्रतिशत वृद्धि हुई है, अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में तेजी के रुझान के चलते कपास के दाम ऊंचे हुए हैं। वहीं भारतीय कपास की मांग होने से इसका निर्यात में भी तेजी आने का अनुमान हैं। वैश्विक बाजार में रूई के दाम में आई तेजी के बाद देश में कपास का भाव इसके एमएसपी से 15 फीसदी से ज्यादा तेज हो गया है।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


एमएसपी और बाजार भाव में कितना अंतर?

सरकार ने कपास (लंबा रेशा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,825 रुपए प्रति क्विंटल और मध्यम रेशा वाली कपास का एमएसपी 55,15 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। कारोबारियों ने बताया कि गुजरात में कपास का भाव 6,500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। वहीं पिछले महीने के मुकाबले कपास की कीमतें 44,000 रुपए से बढक़र 46,600 रुपए प्रति कैंडी हो गई हैं, क्योंकि घरेलू कपास का उत्पादन पहले की अपेक्षा काफी कम होने की उम्मीद है। कपास की एक कैंडी 356 किलोग्राम की होती है।

 


वैश्विक बाजार में भारतीय कपास की मांग बढ़ने से आई कीमतों में तेजी

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कपास की कीमतों में तेजी 2021-22 में अमेरिका, ब्राजील और भारत जैसे प्रमुख कपास उत्पादक देशों में कम बुवाई के अनुमानों के कारण बनी रहेगी। अमेरिका और ब्राजील सहित प्रमुख कपास उत्पादक देशों में कपास का उत्पादन घटने का अनुमान है क्योंकि किसानों ने मक्का और सोयाबीन की बुआई को तरजीह दी है जिन्होंने घरेलू कीमतों को भी समर्थन दिया है। भारतीय कपास की कीमतें वैश्विक कपास की कीमतों से 13 प्रतिशत सस्ती हैं। निर्यात पहले के 60 लाख टन के अनुमान से अधिक होने की उम्मीद है।


देश में कपास का इस बार कितना उत्पादन?

मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के अनुसार, देश में रूई का उत्पादन चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में 360 लाख गांठ है, पिछले साल का बकाया स्टॉक 125 लाख गांठ और आयात 14 लाख गांठ को मिलाकर कुल आपूर्ति 499 लाख गांठ रहेगी, जबकि घरेलू खपत मांग 330 लाख गांठ और निर्यात 54 लाख गांठ होने के बाद 30 सितंबर 2021 को 115 लाख गांठ कॉटन अगले सीजन के लिए बचा रहेगा। हालांकि कपड़ा मंत्रालय के तहत गठित कमेटी ऑनफ कॉटन प्रोडक्शन एंड कन्जंप्शन (सीओसीपीसी) के अनुसार, देश में चालू सीजन 2020-21 में कॉटन का उत्पादन 371 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जिसमें से 28 फरवरी 2021 तक 294.73 लाख गांठ कॉटन की आवक हो चुकी थी।


तीन साल के बाद आई कपास के भाव में इतनी तेजी

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गणत्रा ने मीडिया को बताया कि बीते तीन साल के बाद रूई में इतनी बड़ी तेजी आई है। रूई का भाव अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बीते 25 फरवरी को 95.57 सेंट प्रति पौंड तक उछला था, जो 11 जून 2018 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है, जब आईसीई पर रूई का भाव 96.49 सेंट प्रति पौंड तक चढ़ा था। हालांकि रूई का भाव इस साल के ऊंचे स्तर से टूटकर गुरुवार को 88 सेंट प्रति पौंड पर आ गया फिर भी रूई का भाव करीब तीन साल के ऊंचे स्तर पर बना हुआ है।

 

यह भी पढ़ें : अब कंबाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर और एग्रीकल्चर मशीनरी की खरीद पर होगा पहले से ज्यादा फायदा


किसानों की कपास में बढ़ेगी दिलचस्पी, बुवाई का रकबा बढ़ेगा

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कपास के मिल रहे ऊंचे भावों के देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि अगले सीजन में कपास की खेती के प्रति किसानों अधिक दिलचस्पी दिखा सकते हैं। कपास की बुवाई के रकबे में पिछले साल के मुकाबले कम से कम 10 फीसदी का इजाफा होगा। बता दें कि भारत कपास व इससे जुड़े उत्पादों का निर्यात करीब 166 देशों को करता है जिससे इसे 100 बिलियन अमेरिकी डालर की आमदनी होती है। हमारे देश से सबसे अधिक कपास की खरीद बांग्लादेश, वियतनाम और पाकिस्तान के द्वारा की जाती है।


क्या है कपास और क्यों है इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग?

कपास एक नकदी फसल हैं। यह मालवेसी कुल का सदस्य है। संसार में इसकी दो किस्म पाई जाती है। प्रथम को देशी कपास (गासिपियाम अर्बोरियाम)एवं (गा; हरबेरियम) के नाम से जाना तथा दूसरे को अमेरिकन कपास (गा, हिर्सूटम) एवं (बरवेडेंस)के नाम से जाता है। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे सफेद सोना कहा जाता हैं। कपास के पौधे बहुवर्षीय, झाड़ीनुमा वृक्ष जैसे होते है। जिनकी लंबाई 2-7 फीट होती है। पुष्प, सफेद अथवा हल्के पीले रंग के होते है। कपास के फल बाल्स कहलाते है, जो चिकने व हरे पीले रंग के होते हैं इनके ऊपर ब्रैक्टियोल्स कांटो जैसी रचना होती है। फल के अन्दर बीज व कपास होती है। कपास की फसल उत्पादन के लिए काली मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है। भारत में सबसे ज्यादा कपास उत्पादन गुजरात में होता है। कपास से निर्मित वस्त्र सूती वस्त्र कहलाते है। कपास में मुख्य रूप से सेल्यूलोस होता है। कपास तीन प्रकार की होती है- लंबे रेशे वाली कपास, मध्यम रेशे वाली कपास, छोटे रेशे वाली कपास। बता दें कि कपास की एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम होता है।


भारत में कहां-कहां होता है कपास का उत्पादन

गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश मिलकर देश के उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत कपास उत्पन्न करते हैं। देश की लगभग 60 प्रतिशत कपास का उत्पादन केवल तीन राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में होता है। अन्य मुख्य उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा है। गुजरात में कुल क्षेत्र का 21.7 प्रतिशत तथा उत्पादन का 31.9 प्रतिशत मिलता है। कपास उत्पादन के क्षेत्र में इस राज्य का देश में पहला स्थान है।

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Certified Used Tractors

Swaraj 744 एफई
₹ 1.40 Lakh Total Savings

Swaraj 744 एफई

48 HP | 2021 Model | Ahmednagar, Maharashtra

₹ 6,00,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 475 डीआई
₹ 2.25 Lakh Total Savings

Mahindra 475 डीआई

44 HP | 2019 Model | Sikar, Rajasthan

₹ 4,50,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Sonalika डीआई 50 आरएक्स
₹ 1.47 Lakh Total Savings

Sonalika डीआई 50 आरएक्स

52 HP | 2020 Model | Rajgarh, Madhya Pradesh

₹ 5,70,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Powertrac 434 प्लस
₹ 2.08 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 3,32,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All