Published - 18 May 2020
कोरोना संक्रमण काल के दौरान चल रहे लॉकडाउन से हुए नुकसान से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। इसमें सभी वर्गों के लिए अलग-अलग योजनाओं की घोषणा की गई है। इसमें किसानों के लिए राहत पैकेज में कई योजनाएं शुरू की गई है। इसके तहत कृषि में आधारभूत ढांचा मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष बनाने की घोषणा की गई है। इससे किसानों को फायदा होगा।
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केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किसानों की आय में बढोतरी करने के प्रयास किए जा रहे है। इसको ध्यान रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कृषि में आधारभूत ढांचा मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की है। इसमें आत्मनिर्भर भारत के तहत किसानों के लिए फार्म-गेट अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाया जाएगा। इस कोष से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप आदि का लाभ मिलेगा। वहीं कृषि उपज, वैल्यू एडिशन सहित कई प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
केंद्र सरकार द्वारा कृषि उत्पाद का सही मूल्य दिलवाने के लिए किसानों से सीधे खरीदी करने कि योजना पर बल दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिंस खरीदने के लिए आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त कोल्ड चेन बनाए जाएंगे। इसके अलावा भंडारण बनाने के लिए 50 प्रतिशत कि सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही सरप्लस (अतिरिक्त उत्पाद) से कमी वाले बाजारों तक ढुलाई पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दिया जाएगा। उत्पाद सीधे किसान से खरीदने के लिए आसपास के क्षेत्र और संग्रह बिंदु, किफायती और आर्थिक रूप से व्यवहार्य के बाद उसके प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अंतर्गत आसपास के क्षेत्र और संग्रह बिन्दुओं (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप आदि) पर मौजूद कृषि आधारभूत ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषण के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों से जिंस की सीधी खरीद का फायदा किसानों को मिलेगा। इससे किसानों को अपनी जिंस की उचित कीमत मिल सकेगी। इस योजना के शुरू होने से अब किसानों को मजबूरन कम दाम पर अपनी जिंस बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए पहले से ही जिंसों के समर्थन भाव निर्धारित कर रखे हैं। वहीं किसानों के पास अपनी जिंस कही भी जाकर बेचने का विकल्प भी सरकार ने दे रखा है। इससे किसान जहां भी उसे अपनी फसल की अधिक कीमत मिलेगी वहीं वह अपनी फसल बेच सकेगा। इससे किसानों को फायदा होगा। वहीं पर्याप्त भंडारण की सुविधा होने पर जिंसों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
फसल की ज्यादा कीमत मिलने से किसानों की आय में वृद्धि होगी जिससे किसानों का जीवन स्तर ऊंचा हो सकेगा। पहले देखने में आता था कि व्यापारी किसानों से कम दामों में उनकी उपज खरीद कर ऊंचे दामों में बेचकर मुनाफा कमाते थे। वहीं सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य भी कम होता था जिससे किसानों को कम फायदा होता था। अब चूंकि किसान के लिए विकल्प खुले है और वह अपनी इच्छानुसार जहां भी दाम ज्यादा मिले अपनी फसल बेच सकता है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और स्वभाविक है जब आय बढ़ेगी तो किसानों का जीवन स्तर भी ऊंचा हो सकेगा।
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