Published - 23 Oct 2020
छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई हैं। खबर ये हैं कि अब इस राज्य के रायपुर जिले में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का क्षेत्रीय केंद्र खुलने जा रहा है। इससे यहां स्थानीय स्तर पर किसानों की फसलों का लागत मूल्य निर्धारण किया जा सकेगा। आज देश भर के अलग-अलग जगहों पर कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के 16 केंद्र खुले हुए हैं। यह 17 वां केंद्र होगा जो रायपुर में खोला जाएगा। जानकारी के अनुसार भारत सरकार द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का क्षेत्रीय केंद्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह केंद्र आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 से कार्य करना प्रारंभ कर देगा। इस केन्द्र के संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा 25 पद भी स्वीकृत किए गए हैं।
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राज्य निर्माण के बाद से यहां किसानों द्वारा उत्पादित फसलों के लागत का आंकलन करने हेतु कोई केन्द्र नहीं था। अब तक जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर स्थित केन्द्र द्वारा ही छत्तीसगढ़ में फसल उत्पादन लागत का निर्धारण किया जा रहा था। विश्वविद्यालय विगत चार वर्षों से यहां इस केंद्र की स्वीकृति हेतु प्रयासरत था। अब केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों की खेती की लागत निर्धारण हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को एक परियोजना स्वीकृत की गई है। इस परियोजना के संचालन हेतु समस्त राशि भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। कृषि विश्वविद्यालय द्वारा परियोजना संचालित करने हेतु सहमति एवं आवश्यक बजट का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया है। परियोजना के क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार से 10.75 करोड़ रुपए की मांग की गई है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है। यह आयोग जनवरी1965 में अस्तित्व में आया। यह आयोग कृषि उत्पादों के संतुलित एवं एकीकृत मूल्य संरचना तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सलाह देता है।
भारत सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, गेहूं, मक्का, ज्वार,बाजरा, जौ, रागी, सोयाबीन, अरहर, चना, उड़द, मूंग, मसूर, मूंगफली, तिल, रामतिल, सरसों, तोरिया, सूरजमुखी, कुसुम, गन्ना, कपास, जूट आदि फसलों की खरीदी की जाती है। इसके लिए प्रतिवर्ष आयोग द्वारा 23 कृषि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त गन्ने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की जगह उचित एवं लाभकारी मूल्य की घोषणा की जाती है। गन्ने का मूल्य निर्धारण आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के लिए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा देश के 16 राज्यों आंध्रप्रदेश, आसाम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। अब केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़, झारखंड एवं तेलंगाना में नवीन केंद्रों की स्थापना के लिए मंजूरी दी गई है। इसमें छत्तीसगढ़ के रायपुर में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का 17वां केंद्र खुलने जा रहा है।
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