मुर्रा भैंस और हरियाणा गाय ने बढ़ाई किसानों की आमदनी

Share Product Published - 14 Jul 2021 by Tractor Junction

मुर्रा भैंस और हरियाणा गाय ने बढ़ाई किसानों की आमदनी

जानें, मुर्रा भैंस और हरियाणा गाय की विशेषता, कीमत और लाभ

देश में अधिक दूध उत्पादन के लिए हरियाणा की मुर्रा भैंस और हरियाणा गया प्रसिद्ध हैं। भारत के कुल दूध उत्पादन में 5.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हरियाणा के किसानों की है और ये सब संभव हुआ है यहां के समृद्ध पशुधन से। हरियाणा राज्य में अधिकांश दूध उत्पादन के लिए मुर्रा भैंस या हरियाणा गाय का पालन करते हैं जो अधिक दूध देने के लिए पहचानी जाती है। हरियाणा के वर्तमान वार्षिक दूध उत्पादन 117.34 लाख टन में 82 प्रतिशत भैंस, 17 प्रतिशत गाय और 1 प्रतिशत बकरी के दूध की भागीदारी है। सरकारी सूत्र बताते हैं कि यही नहीं प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता जो 2016-17 में 930 ग्राम प्रति व्यक्ति थी वह आज बढक़र 1344 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है। 

Buy Used Tractor

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1 


हरियाणा में किसानों की पहली पसंद है मुर्रा भैंस

हरियाणा के किसानों की पहली पसंद मुर्रा भैंस है। यह अन्य भैंसों से काफी महंगी आती है लेकिन इसके दूध देने की क्षमता काफी अधिक है। यह मूलत: अविभाजित पंजाब का पशु है लेकिन अब दूसरे प्रान्तों तथा दूसरे देशों (जैसे इटली, बल्गेरिया, मिस्र आदि) में भी पाली जाती है। हरियाणा में इसे काला सोना कहा जाता हैै। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है। मुर्रा भैंस के सींग जलेबी आकार के होते हैं। इसके दूध में 7 प्रतिशत वसा पाई जाती है। इस भैंस का रंग काला होता है। उत्पत्ति स्थान हिसार से दिल्ली माना जाता है। मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की होती है और अयन विकसित तथा दूध शिराएं उभरी होती है। 


क्या है मुर्रा नस्ल की शारीरिक पहचान

इसकी शारीरिक बनावट की बात करें तो इस नस्ल के पशु का रंग गहरा काला होता है और खुर और पूंछ के निचले हिस्सों पर सफेद दाग पाया जाता है। इस भैंस के सींग छोटी व मुड़ी हुई होती है। इनका सिर छोटा व सींग छल्ले के आकार के होते हैं। लेकिन सिर, पूंछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल पाए जाते हैं। इनकी पूंछ लंबी तथा पिछला भाग सुविकसित होता है। अयन भी सुविकसित होता है। मुर्रा नस्ल की भैंस हरियाणा के रोहतक, हिसार व जिंद व पंजाब के नाभा व पटियाला जिले में पाई जाती है। अब देश के कई राज्यों में मुर्रा नस्ल की भैंसों का पालन होने लगा है।


दूध देने वाली भैंस की क्या है पहचान

दूध उत्पादक किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि वे कैसे पहचाने की जो भैंस वे खरीद रहे हैं वे दूध देती भी है या नहीं। इस समस्या को दूर करने के लिए हम आपको इसकी पहचान बता रहे है ताकि आपकों भैंस के चुनाव में परेशानी न हो। दूध देने वाली भैंस की पहचान यह है कि उसका शरीर हमेशा तिकोना होता है। यानि भैंस का शरीर पीछे से भारी और आगे से सकरा होगा। पैर मजबूत होंगे और अच्छी तरह जमीन पर टिकाऊ होंगे।


मुर्रा नस्ल की भैंस की दूध उत्पादन क्षमता

मुर्रा नस्ल की भैंसे सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल मानी जाती है। इसकी औसत उत्पादन क्षमता 1750 से 1850 लीटर प्रति ब्यात होती है। इसके दूध में बसा की मात्रा करीब 9 प्रतिशत होती है। अब बात करें इसके प्रतिदिन दूध उत्पादन की तो यह प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे देती हैं। 


मुर्रा नस्ल की भैंस की अनुमानित कीमत

मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत इन तीन आधारों पर निर्भर करती है। इनमें अब तक भैंस ने कितने बार बच्चों को जन्म दिया है, पहले बियान वाली भैंसों की कीमत ज्यादा होती है। इसके अलावा भैंस प्रतिदिन कितने लीटर दूध देती है। दूध में फेट का परसेंटेज कितना है। इसके अलावा भैंसों के स्वास्थ्य पर भी इसका दाम निर्भर करता है। आमतौर पर मुर्रा नस्ल की कीमत 60 हजार से शुरू होकर 5 लाख रुपए तक हो सकती है। बिहार के अररिया जिला में मुर्रा भैंस की कीमत 80 हजार रुपया बताया गया जो भैंस प्रतिदिन 15 लीटर दूध दे सकती है।


हरियाणा के एक किसान ने 25 लाख रुपए में बेची थी मुर्रा नस्ल की भैंस

साल 2015 में हरियाणा के रोहतक क्षेत्र के सिंघवा गांव के किसान कपूर सिंह ने अपनी एक मुर्रा नस्ल की भैंस को 25 लाख रुपए में आंध्रप्रदेश के हनुमान जंक्शन गांव के सरपंच राजीव को बेची था। भैंस की इतनी ज्यादा कीमत होने की वजह यह थी कि यह भैंस एक दिन में 30 से 32 लीटर तक दूध देती है। इसके अलावा यह भैंस विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी थी और तीन लाख रुपए के इनाम भी जीत चुकी थी। बता दें कि कपूर सिंह ने यह भैंस मात्र ढाई लाख रुपए में खरीदी थी लेकिन अच्छी देखभाल और अधिक दूध देने की क्षमता के कारण उन्हें इसकी इतनी ज्यादा कीमत मिली। 


हरियाणा गाय की मांग बढ़ी, दूध उत्पादन क्षमता भी अच्छी

गाय के दूध की मांग बढऩे से अब किसानों का रूझान गाय पालने की ओर भी बढ़ा है। हरियाणा के कई गांव भैंस पालने के लिए मशहूर रहे हैं। लेकिन अब यहां के किसान गाय का पालन भी कर रहे हैं। हरियाणा की मुर्रा भैंस की तरह ही हरियाणा गाय नस्ल की मांग भी बढऩे लगी है। इसके पीछे कारण यह है कि ये गायें अधिक दूध उत्पादन में समक्ष हैं। यह एक ब्यांत में लगभग 1200 लीटर दूध देती है और इसकी प्रतिदिन औसत दूध उत्पादन क्षमता 8-12 लीटर प्रतिदिन है। हरियाणा गायों का रंग सफेद, मोतिया या हल्का भूरा होता हैं। ये ऊंचे कद और गठीले बदन की होती हैं तथा सिर उठाकर चलती हैं। इनका प्राप्ति स्थान रोहतक, हिसार, सिरसा, करनाल, गुडगांव और जिंद है। भारत की पांच सबसे श्रेष्ठ नस्लों में हरियाणवी नस्ल आती है। 


हरियाणा नस्ल की गाय की कीमत

वैसे तो हरियाणा गाय की कीमत 50 हजार से लेकर इससे ऊपर कितनी भी हो सकती है। यह उसकी स्वस्थता और दूध देने की क्षमता पर निर्भर करता है। बता दें कि इसी साल हरियाणा के गांव गोरखपुर के लीला राम ने अपनी देसी नस्ल की गाय की बछड़ी को 4 लाख 21 हजार रुपए में बिहार के यादवेंद्र किशोर सिंह बेचकर मिसाल कायम की है।


कहां से करें उत्तम नस्ल के दुधारू पशुओं की खरीद

अगर आप देसी गाय सहित अन्य दुधारू पशुओं को खरीदना या बेचना चाहते हैं तो ट्रैक्टर जंक्शन पर आपको विश्वसनीय सौदे मिलते हैं। ट्रैक्टर जंक्शन पर किसानों द्वारा किसानों के लिए दुधारू पशुओं की खरीद-बिक्री की जाती है। देसी गाय सहित अन्य दुधारू पशुओं को खरीदने व बेचने के लिए क्लिक करें। 

अगर आप किफायती कीमत पर नया ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं तो महिंद्रा, स्वराज, टैफे, सोनालिका, जॉन डियर आदि कंपनियों में से उचित ट्रैक्टर का चयन कर सकते हैं। साथ ही हम आपको ट्रैक्टर लोन (Tractor Loan) की सुविधा भी प्रदान करते हैं।

अगर आप नए जैसे पुराने ट्रैक्टर व कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपने ट्रैक्टर या कृषि उपकरण का अधिकतम मूल्य मिले तो अपने बिकाऊ ट्रैक्टर / कृषि उपकरण को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back