न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद का कोटा बढ़ाकर 2.47 लाख मीट्रिक टन हुआ

Share Product Published - 05 Aug 2021 by Tractor Junction

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद का कोटा बढ़ाकर 2.47 लाख मीट्रिक टन हुआ

अब मूंग उत्पादक किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे अपनी उपज

मूंग उत्पादक किसानों के लिए एक खुशखबर आई है। मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी का कोटा बढ़ाकर 2 लाख 47 हजार मीट्रिक टन कर दिया गया है। इससे राज्य के किसानों को फायदा होगा। अब यहां के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी मूंग की उपज बेच सकेंगे। बता दें कि इस बार मध्यप्रदेश में मूंग की बंपर पैदावार हुई है जिसे लेकर किसान काफी उत्साहित हैं। इधर मध्य प्रदेश सरकार की केंद्र सरकार के साथ लगातार बातचीत और प्रयासों के बाद केंद्र सरकार ने मूंग खरीदी का कोटा बढ़ा दिया है और अब यह बढ़ाकर 2 लाख 47000 मीट्रिक टन कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले 1 लाख चौंतीस हजार मीट्रिक टन की मंजूरी मिली थी। हाल ही में जारी हुए केंद्र सरकार के आदेश में 1 लाख 13 हजार मीट्रिक टन की अनुमति और दे दी गई है जो कुल मिलाकर 2 लाख 47 हजार मीट्रिक टन हो गई है।

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मूंग खरीदी की गति में आएगी तेजी

वर्तमान समय में हो रही बारिश और मूंग की फसल की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मूंग की खरीदी की गति अपेक्षाकृत कम थी लेकिन अब इसकी खरीदी की गति में तेजी आने की पूर्ण संभावना बन गई है। यहां ये बताना जरूरी है कि प्रदेश में इस वर्ष जायद की फसल मूंग और उड़द के उत्पादन में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, लेकिन केंद्र द्वारा समर्थन मूल्य पर 1 लाख 34 हजार मीट्रिक टन मूंग खरीद का ही अनुमोदन मिला था। जिसके कारण मूंग के बाजार भाव में गिरावट से प्रदेश के किसानों को नुकसान हो रहा था। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र से समर्थन मूल्य पर 3 लाख टन मूंग खरीदने की अनुमति मांगी थी। मूंग का कोटा बढ़ाये जाने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्र सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का प्रदेश के किसानों की तरफ से ह्रदय से आभार व्यक्त किया है। 


मध्यप्रदेश में 6 लाख 82 हजार हैक्टयेर में हुआ है मूंग का उत्पादन

मध्यप्रदेश में इस वर्ष जायद मूंग का उत्पादन बहुत अधिक हुआ है। इस वर्ष किसानों ने राज्य में 6 लाख 82 हजार हैक्टेयर भूमि में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती की है। इसमें से 12 लाख 16 हजार मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी करेगी। इसके लिए राज्य के 2 लाख 32 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। 


अब 30 जिलों के किसानों बेच सकेंगे अपनी मूंग की उपज

केंद्र सरकार की ओर से 2 लाख टन मूंग का कोटा किए जाने की अनुमति प्रदान करने के बाद अब राज्य सरकार की ओर से 30 जिलों के किसानों से मूंग की खरीदी का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग को पहले 27 जिलों के किसान बेच सकते थे लेकिन अब इसमें भोपाल, बुरहानपुर तथा श्योपुरकला जिलों को भी अब जोड़ दिया गया है। इससे जिलों की संख्या 30 हो जाती है। अब राज्य के 30 जिलों के किसान समर्थन मूल्य पर अपनी मूंग की उपज बेच पाएंगे।


क्या है मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य

केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष रबी और खरीब की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है। इस बार मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इसके लिए ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7196 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।


जबलपुर के आशीष लोधी ने किया रिकार्ड तोड़ मूंग का उत्पादन, एमएसपी पर बेचने के हैं इच्छुक

जबलपुर के आशीष लोधी ने इस बार मूंग का रिकार्ड उत्पादन प्राप्त किया है और वह मध्यप्रदेश शासन की ओर मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी के तहत उत्पादित मूंग को बेचने का मन बनाए हुए हैं। जब उनसे पूछा गया कि आपने मूंग का बंपर उत्पादन किस प्रकार प्राप्त किया तो उन्होंने मूंग उत्पादन काल में अपनाने वाली तकनीकों की जानकारी दी जिसका प्रयोग करके उन्होंने मूंग के उत्पादन में रिकार्ड बढ़ोतरी की। 


लोधी ने मूंग की खेती में अपनाए ये तरीके

आशीष टीकम सिंह लोधी, ग्राम सुनाचर, विकासखंड शाहपुरा जिला जबलपुर के एक प्रगतिशील कृषक हैं जो कि एक वर्ष में तीन फसल पैदा करते हैं। आशीष लोधी ने कृषि विभाग की ग्रीष्मकालीन मूंग क्लस्टर योजना में 1 हेक्टेयर के प्रदर्शन प्लाट में उन्नत किस्म का बीज, साथ ही उत्कृष्ट गुणवत्ता की आदान सामग्री भी डाली।  लोधी ने कृषि विभाग से प्राप्त मूंग प्रदर्शन की निर्धारित मात्रा की बोनी तो की साथ ही अपने अन्य खेत में भी उन्नत किस्मों की बोनी की, बौने के पूर्व बीज उपचार किया एवं जीवाणु खाद अर्थात् कल्चर का भी प्रयोग किया। इस तरीके से उन्हें प्रति एकड़ पर्याप्त पौध संख्या प्राप्त हुई एवं सभी पौधे स्वस्थ रहे। संतुलित उर्वरक का उपयोग करते हुए किसान ने फसल के ऊपर पौध वर्धक हारमोंस का छिडक़ाव किया साथ ही कीट व्याधि होने की स्थिति में समुचित कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करते हुए फसल की सुरक्षित बढ़वार सुनिश्चित की। गर्मियों की फसलों में सिंचाई अधिक लगती है अत: कृषक ने समय-समय पर सिंचाई की जो कि चार से पांच बार निर्धारित समय पर की गई। ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल 55 से 65 दिन में पक जाती है अत: किसान ने फलियों की परिपक्व अवस्था होते ही फसल की कटाई की एवं सुरक्षित तरीके से गहाई भी की। इस तरह से कृषक श्री आशीष लोधी ने प्रति एकड़ 7 क्विंटल मूंग का उत्पादन प्राप्त किया। उन्नत किस्म का उत्पादन करने के बाद कृषक ने यह बीज अन्य किसानों को भी उपलब्ध कराया एवं शेष उपज को सुरक्षित तरीके से भंडारित करके रखा गया है। 

 

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