न्यूनतम समर्थन मूल्य: नॉन एफएक्यू वाले गेहूं, चना एवं सरसों की नहीं की जाएगी खरीद

Share Product Published - 11 Apr 2022 by Tractor Junction

न्यूनतम समर्थन मूल्य: नॉन एफएक्यू वाले गेहूं, चना एवं सरसों की नहीं की जाएगी खरीद

जिंस का लिया जाएगा सैंपल, गुणवत्ता कम होने पर मिलेगी रिजेक्शन स्लिप

देश के अधिकांश राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की जा रही है। इसी क्रम में राजस्थान में भी गेहूं, चना एवं सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का काम शुरू हो चुका है। राज्य के सभी खरीद केंद्रों पर चना एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद का काम किया जा रहा है। बता दें कि राजस्थान में राजफैड को सरकारी खरीद के लिए एजेंसी नियुक्त किया गया है। इसी एजेंसी के माध्यम से राज्य में गेहूं, चना और सरसों की खरीद की जानी है। ऐसे में राजफैड की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने कहा कि समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना की गुणवत्तायुक्त कृषि जिंस की खरीद की जाए। गुणवत्तायुक्त कृषि जिन्स नहीं होने पर वेयर हाउस में जिन्स जमा नहीं हो पाएगी एवं समितियों को भी हानि होगी। अत: किसी भी परिस्थति में नॉन एफएक्यू जिन्स नहीं खरीदी जाए। यह बात राजफैड की प्रबंध निदेशक अरोड़ा ने खरीद तैयारियों एवं प्रगति की समीक्षा बैठक में कही।

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किसानों को दी जाएगी रिजेक्शन स्लिप

उन्होंने कहा कि यदि किसान खरीद केंद्र पर नॉन एफएक्यू जिंस लेकर आता है तो रिजेक्शन स्लिप पर कारणों को दर्शाते हुए किसान से पुष्टि ली जाए एवं सैम्पल भी लिया जाए। खरीद केंद्र पर खरीद की व्यवस्थाएं सुचारू हो इसे सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि खरीद केंद्र संचालन में किसी प्रकार की कठिनाई महसूस हो, तो तत्काल अवगत कराए। उन्होंने निर्देश दिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य राशि, किसान द्वारा वहनीय खर्चों का विवरण खरीद केंद्र पर प्रदर्शित की जाए एवं पेयजल व छाया व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। 

बारदाना की कमी न हो, इसलिए पहले करें मांग

प्रबंध निदेशक अरोड़ा ने कहा कि सभी केंद्र प्रभारी बारदाना की उपलब्धता बनाए रखने के लिए पहले बारदाना की मांग करें। इसके लिए केंद्र प्रभारियों को चाहिए कि वे बारदाना की आवश्यकता होने पर मांग क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से अविलम्ब भिजवाएं, क्योंकि बारदाना की खरीद नेफेड के माध्यम से कलकत्ता से की जा रही है। कलकत्ता से बारदाना आने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए ही मांग प्रस्तुत की जाए।  

राजस्थान में इस बार ऑनलाइन की गई है पंजीयन की व्यवस्था

बता दें कि राजस्थान में इस वर्ष गेहूं खरीद के लिए पंजीयन की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है। कोटा संभाग में 15 मार्च से गेहूं खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश में चने के 635 एवं सरसों के 635 सहित कुल 1270 खरीद केंद्रों पर सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है वहीं पूरे प्रदेश में 389 खरीद केंद्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। 

क्या है वित्तीय वर्ष 2022-23 में गेहूं, चना, सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

केंद्र सरकार ओर से हर रबी और खरीफ सीजन से पहले फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। इस बार भी रबी सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी सरकार की ओर तय किया गया है जो इस प्रकार से हैं-

  • गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है।
  • चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए तय किया गया है।

एमएसपी पर गेहूं, चना व सरसों बेचने के लिए कहां कराएं रजिस्ट्रेशन (Minimum Support Price)

राज्य सरकार ने इस वर्ष गेहूं की खरीद के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है जिसका लिंक खाद्य विभाग की वेबसाइट http://food.raj.nic.in पर ’गेहूं खरीद हेतु किसान रजिट्रेशन‘ नाम से दिया गया है। किसान ऑनलाइन पोर्टल पर सुबह 7 से लेकर शाम 7 बजे तक स्वयं या अन्य माध्यम से पंजीयन करवा सकते हैं। किसान को पोर्टल पर केंद्र चुनने का विकल्प भी दिया गया है। किसान अपना पंजीयन ई-मित्र केंद्र या संबंधित खरीद केंद्र (ग्राम सेवा सहकारी समिति/क्रय विक्रय सहकारी समिति) के माध्यम से करा सकते हैं।

एमएसपी पर सरसों व चना की कितनी खरीद का है लक्ष्य

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा चना खरीद का 5.97 लाख मीट्रिक टन और सरसों खरीद का 13.03 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य दिया गया है। निर्धारित केन्द्रों पर सरसों 5050 रुपए और चना 5230 रुपए के समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा जाएगा। किसान तुलाई के समय किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उपज को तय एफएक्यू मापदंडों के अनुसार तैयार करके लाना होगा।

किसी भी समस्या के लिए किसान इस टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं संपर्क

किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, उपज के बेचान और भुगतान आदि के संबंध में किसी प्रकार की समस्या होने पर टोल फ्री नंबर 1800-180-6001 जारी किया गया है। जिस पर किसान फोन कर समस्या का समाधान कर सकते हैं। 

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