Published - 29 Apr 2021 by Tractor Junction
इस समय देश के करीब सभी राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रबी की फसल की खरीद जारी है। गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की एमएसपी पर काफी अच्छी खरीद चल रही है जिसे लेकर किसान उत्साहित हैं। अभी तक सरकार ने गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करीब 222.34 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है और इसकी एवज में 21 लाख गेहूं किसानों के खातों में पहुंचे 44 हजार करोड़ रुपए का भुगतान सीधा उनके खातों में किया गया है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार 2021-22 के मौजूदा रबी विपणन सत्र (आरएमएस) में, भारत सरकार ने किसानों से 25 अप्रैल 222.33 लाख मीट्रिक टन की कुल खरीद की है जिसमें पंजाब से 84.15 लाख मीट्रिक टन, हरियाणा- 71.76 लाख मीट्रिक टन और मध्य प्रदेश -51.57 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। वहीं 21.17 लाख गेहूं उत्पादक किसानों को किया 43,912 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है।
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पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं अन्य खरीद राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में गेहूं की एमएसपी पर खरीद की गति तेज हो गई है। 25 अप्रैल 2021 तक 222.33 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) से अधिक फसल की खरीद की जा चुकी है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 77.57 लाख मीट्रिक टन फसल की खरीद की गई थी। पहली बार, पंजाब के किसानों ने अपनी गेहूं की फसल की बिक्री के लिए सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करना शुरू कर दिया है। करीब 8,180 करोड़ रुपये पहले ही सीधे पंजाब के किसानों के खातों में भेज दिए गए हैं।
पंजाब में खरीद एजेंसियों द्वारा मंडियों में अब तक गेहूं की कुल आमद में से 93 प्रतिशत से अधिक की खरीद की जा चुकी है और सीधी अदायगी की नई प्रणाली के द्वारा 2.26 लाख किसानों के खातों में 7594 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि मंडियों में 76.32 लाख मीट्रिक टन में से 71.48 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है जो कुल आमद का 93 प्रतिशत से अधिक बनता है, बावजूद इसके कि पिछले साल के आज तक के मुकाबले 300 प्रतिशत अधिक गेहूं मंडियों में पहुंचा है। पिछले रबी मंडीकरण सीजन के इस समय दौरान 29.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आमद हुई थी जिसमें से 27.32 लाख मीट्रिक टन की खऱीदी की गई थी। बता दें कि इस बार पंजाब के लिए निर्धारित गेहूं खरीद का लक्ष्य 130 लाख मीट्रिक का टन है।
राजस्थान में रबी विपणन वर्ष 2021- 22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद क्रय केंद्रों पर सुचारू रूप से जारी है। अभी तक खाद्य विभाग द्वारा महज 19 दिनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2 लाख 92 हजार 925 मैट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने मीडिया को बताया कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए 386 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भारतीय खाद्य निगम ने 2 लाख 11 हजार 496, तिलम संघ ने 27 हजार 510, राजफेड ने 34 हजार 924 एवं नैफेड ने 18 हजार 993 मैट्रिक टन गेहूं की खरीद अभी तक की है। उन्होंने बताया कि अभी तक मंडियों में 3 लाख 76 हजार 028 मैट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है जिसमें से विभाग द्वारा महज 19 दिनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2 लाख 92 हजार 925 मैट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से कोटा एवं बीकानेर संभाग में गेहूं की खरीद कार्य जारी है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2021 -22 के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य 1 हजार 975 प्रति क्विंटल के हिसाब से 22 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य जारी है। उपार्जन में शासन द्वारा द्वितीय एसएमएस भेजने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कृषक द्वारा किसी कारणवश प्रथम एसएमएस की वैधता अवधि में उपज विक्रय न करने पर किसान की मांग के आधार पर समिति के लॉगइन से द्वितीय एसएमएस करने की सुविधा अनुसार परिरक्षण उपरान्त समिति द्वारा एसएमएस किया जाए। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु प्रथम एसएमएस की वैधता अवधि सात दिवस में पात्रता अनुसार पूर्ण मात्रा में उपज का विक्रय न कर पाने की स्थिति में विक्रय उपरांत शेष रही आंशिक मात्रा का उपार्जन करने हेतु कलेक्टर लॉगइन से एसएमएस करने की सुविधा शासन द्वारा दी गई है। इसकी वैधता अवधि तीन कार्य दिवस होगी। एसएमएस करने हेतु ऐसे किसानों की मांग अनुसार समिति प्रबंधक, सहकारिता निरीक्षक, सहायक/कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी द्वारा किसान का पंजीयन विक्रय मात्रा शेष विक्रय हेतु मात्रा पोर्टल पर पात्रता का सूक्ष्म परीक्षण कर निर्धारित प्रारूप में हस्ताक्षर से प्रस्ताव जिला उपार्जन समिति को भेजने के बाद ऐसे कृषकों को एसएमएस किए जा सकेंगे। एसएमएस कलेक्टर लॉगइन से करने के उपरान्त समिति द्वारा किसानों को तीन कार्य दिवस में उपज लाने के लिये पृथक से सूचना दी जाएगी। ऐसे कृषकों की सीएम हेल्पलाइन शिकायत कंट्रोल रूम या अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायत को भी एसएमएस सूची में अनिवार्यत: शामिल किया जाएगा।
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