user profile

New User

Connect with Tractor Junction

बाजार हस्तक्षेप योजना : फल-सब्जियों की बिक्री में नहीं होगा नुकसान, मिलेंगे अच्छे दाम

Published - 04 May 2020

फल-सब्जियों की बर्बादी का डर खत्म, अच्छे दाम मिलेंगे

ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। आज हम बात करते हैं मोदी सरकार की बाजार हस्तक्षेप योजना की। कोरोना लॉकडाउन में किसान भाई कई कारणों से अपनी फसल को बेचने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। किसान अपनी फसल जैसे अनाज व फल-सब्जियों को मंडी या शहरों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ऐसे में किसानों को अपनी फसल व फल-सब्जियों को बहुत कम दामों पर बेचना पड़ रहा है, या उनकी उपज खेत में ही खराब हो रही हैं। केंद्र सरकार ने किसानों को नुकसान से बचाने के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना शुरू की है। लॉकडाउन के दौरान यह किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना का फायदा उठाकर किसान अपने उन फल या सब्जियों का कम कीमत पर बेचने की मजबूरी से बच सकते हैं, जो जल्दी खराब हो जाते हैं।

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

जानें क्या है बाजार हस्तक्षेप योजना

बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत खेती और बागवानी के ऐसे उत्पादों की राज्य सरकार खरीद करती है, जो जल्दी खराब हो जाती हैं, जैसे कि फल-सब्जियां।  योजना के अनुसार जिन फल या सब्जी का वर्तमान कीमत बाजार मूल्य से 10 परसेंट कम हो या फिर पैदावार 10 परसेंट से ज्यादा बढ़ जाए तो राज्य सरकारें इस योजना का लागू करके किसानों को होने वाले नुकसान को कम कर सकती हैं। एक तय समय के लिए फल-सब्जियों के बाजार हस्तक्षेप तय किए जाते हैं और फिर पहले से तय की गई मात्रा में फल-सब्जियों की खरीद की जाती है। राज्य सरकार किसानों से उनकी फल-सब्जियों बाजार मूल्य पर खरीदकर स्टोर करती है। 

 

 

बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Price Scheme) की समयावधि

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार लॉकडाउन के चलते किसानों को फल-सब्जियों के दाम नहीं मिल रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए बाजार हस्तक्षेप योजना लागू की गई है। बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Price Scheme) को इसलिए लागू किया गया है कि जल्द खराब होने वाली फसलों के किसानों को अच्छे दाम मिल सकें। योजना आदेश जारी हाने के बाद आगामी 90 दिनों के लिए लागू होती है।

 

बाजार हस्तक्षेप योजना में किसानों के नुकसान की भरपाई

इस योजना के तहत किसानों की फसल खरीद पर राज्य सरकार को होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र और राज्य, दोनों सरकार मिलकर उठाती हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत फसल खरीद पर होने वाले आर्थिक नुकसान का आधा हिस्सा केंद्र सरकार और आधा हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है। पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार की नुकसान में भागीदारी 75 परसेंट की होगी।

 

यह भी पढ़ें : सूरजमुखी की खेती : बीज और तेल बेचने से डबल मुनाफा

 

बाजार हस्तक्षेप योजना की खास बातें

  • कोरोना लॉकडाउन के कारण बागवानी किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों तथा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिवहन बाधाओं को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने कृषि तथा बागवानी फसलों के जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को बाजारों में पहुंचाने के लिए 50 ट्रेनों को शुरू गया है।
  • केंद्र सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जल्दी खराब होने वाली फसलों के ‘पारिश्रमिक मूल्य’ (Remunerative Prices) सुनिश्चित करने के लिए ‘बाजार हस्तक्षेप योजना’ का क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया है।
  • बाजार हस्तक्षेप योजना का उद्देश्य जल्दी खराब होने वाली फसलों के उत्पादकों को बाजार में लागत से कम दाम पर बिक्री के संबंध में सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना को विशेष रूप से तब प्रयोग में लाया जाता है जब बिक्री का मूल्य, उत्पादन की लागत से भी काम होता है। 
  • इस योजना का क्रियान्वयन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है, जबकि खरीद प्रक्रिया में हुए नुकसान को केंद्र तथा राज्य द्वारा 50:50 में वहन किया जाता है। 
  • इस योजना का प्रयोग तब किया जाता है जब फसलों की बाजार कीमतों में पिछले सामान्य वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की गिरावट होती है।
  • बाजार हस्तक्षेप योजना बाजार मूल्य में गिरावट की स्थिति में खराब होने वाले खाद्यान्नों और बागवानी वस्तुओं की खरीद के लिये राज्य सरकारों के अनुरोध पर लागू की जाने वाली एक मूल्य समर्थन प्रणाली है।
  • बाजार हस्तक्षेप योजना खाद्यान्न जिंसों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य आधारित खरीद तंत्र के समान ही कार्य करता है लेकिन यह एक अस्थायी तंत्र है।
  • इसका प्रयोग बागवानी/कृषि जिंसों के उत्पादों की कीमतों में आई कमी के दौरान विपरीत स्थिति से बचाने के लिये किया जाता है। इस प्रकार यह उत्पादन और कीमतों में आई गिरावट की स्थिति में किसानों को पारिश्रमिक मूल्य प्रदान करता है।

बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Price Scheme) संबंधी नवीन आदेश

  • इस बार केंद्र सरकार ने ‘मूल्य समर्थन योजना’ के तहत की जाने वाली खरीद फसलों में कुछ अन्य फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया है।  
  • नवीन आदेश का विस्तार ‘भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड’ (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Limted- NAFED) के अलावा अन्य एजेंसी; जो दाल तथा तिलहन की खरीद करती हैं, तक किया गया है।   
  • प्रत्येक राज्य में नवीन आदेश योजना शुरू होने की तारीख से 90 दिनों बाद तक लागू रहेंगे। 
  • इसमें वर्ष 2020 की रबी फसल के लिए प्रति किसान खरीद की सीमा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति किसान कर दी गई है।

 

बाजार हस्तक्षेप योजना के नवीन आदेश का किसानों को फायदा

  • लॉकडाउन के कारण शुष्क भूमि वाले क्षेत्रों में की जाने दलहन और तिलहन उत्पादों यथा- तूर, उड़द, छोले, सोयाबीन का बाजार मूल्य ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ से भी काफी नीचे हो गया है।
  • योजना के तहत कोविड-19 महामारी के लिए घोषित राहत पैकेज दालों की खरीद के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करेगा। 
  • खरीदी गई दाल का उपयोग अगले तीन महीनों के लिए सभी राशन-कार्ड धारी परिवारों को एक किलो प्रति माह दाल प्रदान करने में किया जाएगा।

 

 

बाजार हस्तक्षेप योजना किन कृषि उत्पादों की खरीद?

इस योजना के संचालन का क्षेत्र केवल संबंधित राज्य तक ही सीमित रहता है। योजना के तहत अंगूर, संतरा, सेब, माल्टा, अनानास, अदरक, लाल-मिर्च, धनिया बीज, लहसुन, मशरूम, लौंग, काली मिर्च आदि की खरीद होती है।

 

सभी कंपनियों के ट्रैक्टरों के मॉडल, पुराने ट्रैक्टरों की री-सेल, ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन, कृषि के आधुनिक उपकरण एवं सरकारी योजनाओं के नवीनतम अपडेट के लिए ट्रैक्टर जंक्शन वेबसाइट से जुड़े और जागरूक किसान बने रहें।

Certified Used Tractors

Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Massey Ferguson 1035 डीआई
₹ 1.28 Lakh Total Savings

Massey Ferguson 1035 डीआई

36 HP | 2020 Model | Tonk, Rajasthan

₹ 5,00,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Massey Ferguson 5118
₹ 2.46 Lakh Total Savings

Massey Ferguson 5118

20 HP | 2022 Model | Satara, Maharashtra

₹ 1,28,800
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All