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गेंदे की खेती : 1 हेक्टेयर में 15 लाख की आमदनी, जानें, कैसे करें तैयारी

Published - 27 Jul 2021

खाली जमीन पर गेंदे की खेती : जानें, उन्नत किस्म और कब-कैसे करें रोपाई

यदि किसान नियमित फसल के साथ अतिरिक्त आय लेना चाहते हैं तो वे खाली पड़ी जमीन पर गेंदे की खेती करके काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। गेंदे के फूलों की बाजार मांग को देखते हुए किसानों के लिए इसका उत्पादन बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। खास बात तो यह है कि इसकी खेती कम जगह पर भी आसानी से की जा सकती है। यदि आपके पास 1 हेक्टेयर भी जमीन है तो आप इसकी खेती कर हर साल करीब 15 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। बेशर्त है कि आप इसके उत्पादन काल में आने वाली सावधानियों को ध्यान में रखा जाए तो अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बता दें कि गेंदा की फसल भूमि की उपजाऊ क्षमता भी मददगार है। इस तरह ये फसल चक्र अपनाने वाले किसानों के लिए काफी लाभकारी फसल है। वहीं इसकी उत्पादन लागत की बात करें तो इसमें कोई भारी भरकम खर्चा नहीं आता है। आप मामूली खर्च में भी इसकी खेती कर सकते हैं। आइए जानते हैं गेंदे के फूल से हम कैसे कर सकते हैं अच्छी आमदनी और इसकी खास बातें।

 

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गेंदे के फूल की बाजार मांग

सबसे पहले नजर डालते हैं गेंदे के फूल की बाजार मांग तो आपने देखा होगा कि  शादी, त्योहार समेत ज्यादातर शुभ मौकों पर गेंदे के फूलों का इस्तेमाल होता है। ये फूल सजावट के काम आता है। वहीं कई गंभीर रोगों की दवाएं बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। कैंसर और हृदय रोग में इस फूल के रस का इस्तेमाल किया जाता है। यह फूल त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज में भी काम आता है। इसके अलावा इसके फूल से इत्र और अगरबत्ती भी बनाई जाती है। इस तरह इसकी बाजार अन्य फूलों की अपेक्षा काफी अधिक है। यहीं नहीं इसकी मांग बाजार में साल के पूरे 12 महीने बनी रहती है। 


भारत में सबसे अधिक उगाई जाती हैं गेंदे की दो प्रजातियां

भारत में मुख्य रूप से अफ्रीकन गेंदा और फ्रेंच गेंदा की खेती की जाती है। इसे गुजराती भाषा में गलगोटा और मारवाड़ी भाषा में हंजारी गजरा फूल भी कहा जाता है। इसमें विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। 


गेंदें की प्रचलित व उन्नत किस्में

  • अफ्रीकन गेंदा : क्लाईमेक्स, कोलेरेट, जुबली इंडियन चीफ, क्राउन ऑफ गोल्ड, फर्स्ट लेडी, स्पन गोल्ड, येलोसुप्रीम, क्रेकर जेक।
  • फ्रेंच गेंदा : येलो क्राउन, लेमन जैम, रस्ती लैड, लेमन रिंग, रेड हेड, बटर स्कोच, गोल्डी, फायर क्रॉस।
  • उन्नत किस्म : पूसा नारंगी, पूसा बसंती।
  • संकर किस्म : इंका, माया, एटलांटिक, डिस्कवरी।


गेंदे की खेती से पहले जानने वाली कुछ खास बातें

गेंदे की खेती करने से पहले यह कुछ खास बातें जाननी जरूरी है ताकि उत्पादन काल में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो और इसकी खेती से बेहतर उत्पादन प्राप्त कर इससे मुनाफा कमाया जा सके। इसकी खेती के संबंध मुख्य बातें इस  प्रकार से हैं-

  • गेंदा की खेती विभिन्न प्रकार की मृदाओं में की जा सकती है। लेकिन इसके अच्छे उत्पादन के लिये अच्छे जल निकास वाली दोमद भूमि अच्छी मानी जाती है। जिसका पी.एच.मान 7-7.5 होना चाहिए।
  • गेंदा के अच्छे उत्पादन के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु अच्छी मानी जाती है. अधिक गर्मी एवं अधिक सर्दी पौधों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। इसके उत्पादन के लिये तापमान 15-30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
  • वैज्ञानिकों के मुताबिक गेंदे की बुआई साल में तीन बार की जा सकती है। खरीफ सीजन में गेंदे की रोपाई आमतौर पर जून-जुलाई करते हैं, लेकिन जहां पानी की उपलब्धता है, वे किसान अगस्त तक कर सकते हैं। अक्टूबर से फरवरी तक फूलने का समय आ जाता है यानी नवरात्र और दीपावली पर फूलों की आवक आ जाती है। इसकी खेती सर्दी, गर्मी एवं वर्षा तीनों मौसम में आसानी से की जा सकती है।
  • इसकी नर्सरी के लिए ऊंचे स्थान का चयन करना चाहिए जिसमें समुचित जलनिकास हो, और नर्सरी का स्थान छाया रहित होना चाहिए। जिस जगह पर नर्सरी लगानी हो वहां की मिट्टी को समतल किया जाता है।
  • उच्च तापमान, अधिक ठंड एवं पाला का गेंदे की फसल पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसलिए इससे फसल को बचाना बेहद जरूरी होता है।


कैसे करें गेंदे की फसल के लिए भूमि की तैयारी

गेंदे की फसल लेने के लिए भूमि को तैयार करते समय एक गहरी जुताई कर तीन-चार जुताई कल्टीवेटर से कर खेत को तैयार करें तथा जमीन की अंतिम जुताई के समय 15-20 टन सड़ी हुई गोबर खाद या कंपोस्ट खाद जमीन में मिला दें। छह बोरी यूरिया, 10 बोरी सिंगल सुपर फास्फेट और तीन बोरी पोटाश प्रति हेक्टेयर डाले। यूरिया को तीन बराबर भागों मे बांटकर एक भाग एवं सिंगल सुपर फॉस्फेट व पोटाश की पूरी मात्रा को रोपाई के समय दें। यूरिया की दूसरी व तीसरी मात्रा को रोपाई के 30 दिन एवं 45 दिन बाद पौधों के आसपास कतारों के बीच में दें।


नर्सरी बुवाई एवं रोपाई

गेंदे की नर्सरी के लिए जमीन से 15-20 सेमी ऊंची क्यारियां तैयार करना करें। क्यारियों का आकार तीन बाय एक मीटर रखें। बीज बुआई से पहले क्यारियों को 0.2 फीसदी बाविस्टीन से उपचारित करें ताकि पौध में फफूंदजनित रोग न लगे। जमीन को 30 सेमी गहराई तक खोदकर भुरभुरा एवं समतल बना लें और सड़ी गोबर खाद मिलाकर फैला दें। बीजों को कतारों में बोकर ऊपर से खाद एवं मिट्टी के मिश्रण से बीजों को ढंककर फव्वारे से हल्की सिंचाई करें।


बीज दर

गेंदे की सामान्य किस्मों की बुवाई के लिए एक से डेढ़ किलोग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है। वहीं संकर किस्मों में 700-800 ग्राम बीज प्रति हैक्टेयर के लिए पर्याप्त है।


पौध रोपण एवं दूरी

जब पौधा 10-15 सेमी तथा 3-4 पत्तियों का हो जाए तब शाम के समय पौधों की रोपाई करें। सामान्यत: 25-30 दिन में पौधा रोपाई के लायक हो जाता है। रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें। अफ्रीकन गेंदा को 45 बाय 45 सेमी की दूरी पर लगाएं। एक हेक्टेयर में रोपाई करने पर 50 से 60 हजार पौधे की जरूरत होगी। इसी तरह फ्रेंच गेंदे को 25 बाय 25 पौधे से कतार एवं कतार से कतार की दूरी पर रोपे। इसमें प्रति हेक्टेयर डेढ़ से दो लाख पौधें की जरूरत पड़ती है।


कब-कब करें सिंचाई

खेत में नमी को ध्यान में रखते हुए गेेंदे की फस्ल की सिंचाई करनी चाहिए। गर्मी के दिनों में 6-7 दिन के अंतराल से तथा सर्दियों में 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जानी चाहिए। 


अधिक फूल प्राप्त करने के लिए करें ये काम

शीर्ष कर्तन गेंदा की फसल में यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है। जब गेंदे की फसल लगभग 45 दिन की हो जाए तो पौधे की शीर्ष कलिका को 2-3 से.मी. मीटर काटकर निकाल देना चाहिए जिससे कि पौधे में अधिक कलियों का विकास हो सके और इससे गेंदा की अधिक फूल प्राप्त होते हैं।


फूलों की तुड़ाई

फूलों की तुड़ाई अच्छी तरह से खिलने के बाद करना चाहिए। फूल तोडऩे का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम का होता है। फूलों को तोडऩे से पहले खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए जिससे फूलों का ताज़ापन बना रहता है। 


खर्चा, प्राप्त उपज और लाभ

एक एकड़ खेत में हर हफ्ते 3 क्विंटल तक फूल की पैदावार हो जाती है। खुले बाजार में इसके फूल की कीमत 70 रुपए प्रति किग्रा तक मिल जाती है यानी हर हफ्ते 20 हजार रुपए तक की आमदनी हो सकती है। बता दें कि हर साल गेंदे के फूल की खेती तीन बार की जा सकती है। इसको एक बार लगाने के बाद दो साल तक फूल छांटे जा सकते हैं। सालभर में एक एकड़ खेती में करीब 1 लाख रुपए की लागत आती है और इससे हर साल 5-6 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।

 

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