Published - 06 Apr 2020 by Tractor Junction
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। कोरोना (कोविड-19) वायरस के संक्रमण काल में केंद्र की मोदी सरकार व विभिन्न राज्यों की सरकारें किसानों के लिए समय-समय पर कई रियायतें या छूट जारी कर रही है। ऐसी ही एक पहल की है राजस्थान सरकार ने। राजस्थान की गहलोत सरकार ने जहां खरीफ-2019 के सहकारी अल्पकालीन फसली ऋणों की वसूली फिलहाल स्थगित कर दी है और इसके लिए नई तिथि जारी कर दी हैं। वही लॉकडाउन समाप्त होने के बाद 16 अप्रैल से प्रदेश के 20 लाख किसानों के लिए खरीफ फसली ऋण प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इस योजना से प्रदेश के किसानों को करीब 8 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जाएगा। आईए जानते हैं गहलोत सरकार की किसानों के संबंध में की गई खास घोषणाएं।
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राज्य में इस बार 16 अप्रैल से प्रारंभ होने वाले खरीफ फसली ऋण के तहत किसानों को 25 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर दिया जाएगा। इस प्रकार खरीफ 2020 में करीब 8 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जाएगा। इस बढ़ी हुई राशि का फायदा प्रदेश के 20 लाख किसानों को मिलेगा।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश के किसानों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। खरीफ-2019 के सहकारी अल्पकालीन फसली ऋणों की वसूली अवधि 31 मार्च से 30 जून अथवा खरीफ फसली ऋण लेने की तिथि से एक वर्ष, जो भी पहले हो तक बढ़ा दी गई है। इस संबंध में विभाग ने आदेश जारी कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य किसानों को अल्पकालीन फसली सहकारी ऋण वितरित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ में लिए गए फसली सहकारी ऋणों को 31 मार्च तक चुकाना होता है।
राजस्थान सरकार किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रुपए के प्रीमियम का और भुगतान करेगी, ताकि खरीफ 2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके और किसानों को लंबित क्लेम का भुगतान हो सके। पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है।
आर्थिक रूप से कमजोर लघु एवं सीमांत किसानों को लॉकडाउन के दौरान कृषि कार्यों में आ रही कठिनाई को देखते हुए कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों से समन्वय कर फसल कटाई, थ्रेसिंग एवं अन्य कृषि गतिविधियों के लिए निशुल्क ट्रैक्टर एवं कृश्ज्ञि यंत्र किराए पर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कोरोना संकट में प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से बीज भी नि:शुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। राज्य में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 5 लाख किसानों को 5 किलोग्राम की दर से निशुल्क संकर मक्का बीज के मिनिकिट वितरित किए जाएंगे। इस पर करीब 25 करोड़ रुपए का खर्च होगा। वहीं राज्य के प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को 0.4 हैक्टेयर क्षेत्र तक के लिए प्रति कृषक 1 किलो 500 ग्राम के संकर बाजरा बीज के मिनिकिट निशुल्क वितरित किए जाएंगे। इस पर करीब 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कोरोना महामारी संकट के मद्देनजर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घरेलू और कृषि के बिजली और पानी बिलों का भुगतान स्थगित करने का फैसला किया है। भुगतान स्थगित करने के अलावा और कई प्रकार की रियायातें भी दी हैं। सरकार ने खेती से संबंधित बिजली कनेक्शन के बिल भुगतान पर 31 मई तक रोक लगा दी है। इन सभी बिलों का भुगतान मई महीने में जारी होने वाले बिल के आधार पर होगा। छूट से 13 लाख किसानों को राहत मिलेगी। जो भुगतान 31 मई के बाद होगा उसमें किसानों और घरेलू श्रेणियों के लोगों को भुगतान राशि की 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी। जिन किसानों का बिल पिछले साल 31 मार्च को कटा था उनके एमनेस्टी योजना की भी तिथि बढ़ाकर जून कर दी गई है। इस तरह सरकार द्वारा किसानों को 45 करोड़ रुपए की छूट देने का प्रावधान है।
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