user profile

New User

Connect with Tractor Junction

पाले से बचाव के लिए करें फसलों की हल्की सिंचाई

Published - 04 Feb 2021

अगेती और देरी से बुवाई वाली फसलों की इस तरह करें देखभाल

मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से देश के कई इलाकों में बारिश व पाले की संभावना जताई गई है। इसे देखते भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र इंदौर की ओर से किसानों को कुछ सलाह दी गई है जिससे उन्हें फसलों की देखभाल करने में आसानी होगी और वे विपरित मौसम के प्रभाव से अपनी फसल को सुरक्षित रख सकेंगे। 

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

 

गेहूं की फसल का विशेष ध्यान रखने की जरूरत

इस समय गेहूं की फसल का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि इस समय गेहूं की फसल के ऊपरी भाग (तना व पत्तों पर) गेहूं की इल्ली तथा माहू का प्रकोप होने की आशंका अधिक रहती है। यदि ऐसा हो तो इस दशा में इमिडाक्लोप्रिड 250 मिली ग्राम /हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें। गेहूं में हेड ब्लाइट रोग आने पर प्रोपिकेनाजोल एक मिली लीटर दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें। उच्च गुणवत्ता युक्त बीज जैसे कि आधार बीज की फसल में एक बार और रोगिंग करने से बीज की गुणवत्ता बढ़ जाती है।

 


पाला से फसलों को बचाने के लिए ये करें उपाय

  • पाला पडऩे की संभावना होने पर पाले से बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करें। 
  • थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें। 
  • 8 -10 किलोग्राम सल्फर पाउडर प्रति एकड़ का भुरकाव करें अथवा घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर अथवा 0.1 प्रतिशत गंधक अम्ल का छिडक़ाव करें। 
  • उपरोक्त में से कोई एक उपाय अपनाएं।


अगेती बुवाई वाली किस्मों में और सिंचाई न करें

  • अगेती बुवाई वाली किस्मों में और सिंचाई न करें, पूर्ण सिंचित समय से बुवाई वाली किस्मों में 20 -20 दिन के अंतराल पर 4 सिंचाई करें। 
  • आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने पर फसल गिर सकती है, दानों में दूधिया धब्बे आ जाते हैं तथा उपज कम हो जाती है। 
  • बालियां निकलते समय फव्वारा विधि से सिंचाई न करें, अन्यथा फूल खिर जाते हैं, दानों का मुंह काला पड़ जाता है। करनाल बंट तथा कंडुवा व्याधि के प्रकोप का डर रहता है।
  • देर से बुवाई की गई फसल में सिंचाई के साथ एक तिहाई नत्रजन (33 किग्रा./ हेक्टेयर) अथवा यूरिया (70-72 किग्रा./हेक्टेयर) सिंचाई के पूर्व भुरक कर दें। 

 

यह भी पढ़ें : किसान आंदोलन : नए कृषि कानूनों पर मोदी को मिला अमेरिका का साथ


फसलों को खरपतवारों से बचाएं

  • शीघ्र और समय से बोई गई फसलों में उगे हुए खरपतवारों को जड़ सहित उखाडक़र जानवरों के चारे के रूप में इस्तेमाल करें या गड्ढे में डालकर कार्बनिक खाद तैयार करें। 
  • देर से बोई गई फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए खुरपी या हैंड हो से फसल में निराई -गुड़ाई करें। 
  • श्रमिक उपलब्ध न होने पर जब खरपतवार 2 -4 पत्ती के हैं, तो चौड़ी पत्ती वालों के लिए 4 ग्राम मेटसल्फ्यूरान मिथाइल या 650 मिली लीटर 2 -4 डी/ हेक्टेयर का छिडक़ाव करें। 
  • संकरी पत्ती वालों के लिए 60 ग्राम क्लोडिनेफ्रोप प्रोपरजिल प्रति हेक्टेयर की दर से छिडक़ें। 
  • दोनों तरह के खरपतवारों के लिए उपरोक्त को मिलाकर या बाजार में उपलब्ध इनके रेडी मिक्स उत्पादों को छिडक़ें। छिडक़ाव के लिए स्प्रेयर में फ्लैट फैन नोजल का इस्तेमाल करें।

 

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Certified Used Tractors

Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Massey Ferguson 1035 डीआई
₹ 1.28 Lakh Total Savings

Massey Ferguson 1035 डीआई

36 HP | 2020 Model | Tonk, Rajasthan

₹ 5,00,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस
₹ 4.40 Lakh Total Savings

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस

47 HP | 2014 Model | Hanumangarh, Rajasthan

₹ 2,87,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All