Published - 19 Oct 2021 by Tractor Junction
रबी की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है। कई राज्यों में रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई शुरू होन वाली है। वहीं सरसों की बुवाई भी किसान करने को तैयार हैं। ऐसे में किसानों को ऐसे बीजों की आवश्यकता होगी जिससे अधिक उत्पादन मिले और फसल में रोग व कीट लगने की संभावना कम हो। यदि बीज अच्छा होगा तो उत्पादन फसल उत्पादन बेहतर होगा। वहीं यदि बीज खराब हुआ तो सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए गेेहूं की क्षेत्र विशेष के लिए उपयुक्त गेहूं के उन्नत व प्रमाणिक किस्म बीजों की सिफारिश की गई है। इन बीजों की संतुति मेरठ के मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की ओर से की गई है। विश्वविद्यालय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए गेहूं की कुछ अच्छी किस्मों की संतुति की है। इतना ही नहीं एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने गेहूं के बीजों की बिक्री की भी व्यवस्था की है।
मीडिया से मिली जानकारी केे आधार पर विश्वविद्यालय के नोडल बीज अधिकारी के अनुसार गेहूं और सरसों का आधारीय बीज किसानों के लिए उचित कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें गेहूं का फाउंडेशन बीज डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 222, एचडी 3226, डीबीडब्ल्यू 173, डीबीडब्ल्यू 71, डीबीडब्ल्यू 99, डब्ल्यूबी 02 और पीबीडब्ल्यू 226 खरीदा जा सकता है।
गेहूं के अलावा यहां से किसान सरसों के फाउंडेशन बीज भी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें पूसा विजय (काली सरसों) और एनआरसीवाईएस-0502 (पीली सरसों) का बीज उपलब्ध रहेगा।
यूनिवर्सिटी के नोडल बीज अधिकारी के अनुसार कृषि विश्वविद्यालय के बीज विक्रय केंद्र पर एक नवंबर से गेहूं ओर सरसों की उपरोक्त आधार बीजों का विक्रय किया जाएगा। इसके लिए गेहूं की खेती करने वाले किसान, किसान उत्पादक संघ (एफपीओ), गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, सरकारी फर्म, कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्रों के अधिकारियों सूचना दी गई है।
अब बात करें सरसों के बीज की कीमत की तो इसके दो तरह के बीज बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इसमें काली व पीली सरसों के बीज किसानों को बेचे जाएंगे। इसमें काली सरसों का बीज 80 रुपए किलोग्राम और पीली सरसों का बीज 85 रुपए किलोग्राम के हिसाब से बेचा जाएगा।
आधार बीज वह बीज होता है जो प्रजनक बीज से तैयार किया जाता है। यह बीज प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में तय किए गए पैरामीटर पर पाए जाने पर प्रमाणित किया जाता है। आधार बीज की थैलियों पर सफेद रंग का टैग लगा होता है। इस टैग पर संस्था के अधिकारी के हस्ताक्षर भी होते है। इस तरह यह आधार बीज प्रमाणिक उन्नत बीज होते हैं।
उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत अधिक कृषि उपज देता है। अत: शुद्ध एवं स्वस्थ प्रमाणित बीज अच्छी पैदावार का आधार होता है। प्रमाणित बीजों का उपयोग करने से जहां एक ओर अच्छी पैदावार मिलती है वहीं दूसरी ओर समय एवं पैसों की बचत होती है। इसलिए किसानों को चाहिए कि अच्छे फसल उत्पादन के लिए प्रमाणिक बीजों का ही उपयोग करना चाहिए।
किसान भाई अगर अशुद्ध बीज बोते व तैयार करते हैं तो उन्हें इससे न तो अच्छी पैदावार मिलती है और न ही बाजार में उसकी अच्छी कीमत। अशुद्ध बीज बोने से एक ओर उत्पादन तो कम होता ही है साथ ही अशुद्ध बीज के फलस्वरूप भविष्य के लिए अच्छा बीज प्राप्त नहीं होता है बल्कि अशुद्ध बीज के कारण खेत में खरपतवार उगने से नींदा नियंत्रण के लिए अधिक पैसा खर्चा करना एवं अंत में उपज का बाजार भाव कम प्राप्त होता है, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित लाभ नहीं प्राप्त होता है।
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