Published - 09 Jun 2022
किसानों के लिए खुशखबर आई है। इस बार केंद्र सरकार ने खरीफ फसल की बुवाई से पहले ही इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी है ताकि किसान एमएसपी के आधार पर बुवाई के लिए फसलों का चयन कर सके। इतना ही नहीं इस बार सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी पर भारी बढ़ोतरी की है। इससे देश भर के करोड़ों किसानों को लाभ होगा। इस खरीफ सीजन 2022-23 में किसानों को फसल का अधिक मूल्य प्राप्त हो सकेगा। बता दें कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी को बढ़ाने की मंजूरी दी। इसके तहत इस वर्ष केंद्र सरकार ने अलग-अलग फसलों के दामों में 92 रुपए से लेकर 523 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की है।
केंद्र सरकार ने हर वर्ष की भांति इस बार भी खरीफ की 14 फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की है। इसके तहत धान (सामान्य), धान (ग्रेड ए), ज्वार (हाइब्रिड), ज्वार (मालदंडी), बाजरा, रागी, मक्का, तूर (अरहर), मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन (पीला), तिल, रामतिल के अलावा सरकार ने कॉटन (मीडियम फाइबर), कॉटन (लॉन्ग फाइबर) पर एमएसपी बढ़ा दिया है।
केंद्र सरकार ने इस बार धान के समर्थन मूल्य में 100 रुपए की बढ़ोतरी की है। इससे अब धान का एमएसपी 2040 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। बता दें कि पिछली बार धान का एमएसपी धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021-22 1940 रूपए प्रति क्विंटल था। इसमें धान की ‘ए’ ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपए से बढ़ाकर 2,060 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। बता दें खरीफ फसलों में धान एक प्रमुख फसल है। देश में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, पंजाब, उड़ीसा, बिहार व छत्तीसगढ़ में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। पूरे देश में 36.95 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती होती है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रेसनोट के मुताबिक तिल के मूल्यों में सरकार ने सबसे अधिक बढ़ोतरी की है। इसके मूल्य में 523 रुपए की वृद्धि की गई है।अब तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7830 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। जबकि पिछले सीजन में इसका एमएसपी 7307 रुपए प्रति क्विंटल था। पिछली बार तिल में सरकार ने 452 रुपए की बढ़ोतरी की थी। वहीं केंद्र सरकार ने मक्का के एमएसपी में सबसे कम बढ़ोतरी की है। इसमें मात्र 92 रुपए बढ़ाए गए हैं जो अन्य घोषित किए गए फसलों के एमएसपी से सबसे कम है।
सरकार ने फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने एवं उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित कराने हेतु, 2022-23 विपणन मौसम की खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है जो इस प्रकार से है-
फसल | एमएसपी 2021-22 | एमएसपी 2022-23 | एमएसपी में बढ़ोतरी |
---|---|---|---|
धान (सामान्य) | 1940 रुपए | 2040 रुपए | 100 रुपए |
धान (ग्रेड ए) | 1960 रुपए | 2060 रुपए | 100 रुपए |
ज्वार (हाईब्रिड) | 2738 रुपए | 2970 रुपए | 232 रुपए |
ज्वार (मालदंडी) | 2758 रुपए | 2990 रुपए | 232 रुपए |
बाजरा | 2250 रुपए | 2350 रुपए | 100 रुपए |
रागी | 3377 रुपए | 3578 रुपए | 201 रुपए |
मक्का | 1870 रुपए | 1962 रुपए | 92 रुपए |
तुअर (अरहर) | 6300 रुपए | 6600 रुपए | 300 रुपए |
मूंग | 7275 रुपए | 7755 रुपए | 480 रुपए |
उड़द | 6300 रुपए | 6600 रुपए | 300 रुपए |
मूंगफली | 5550 रुपए | 5850 रुपए | 300 रुपए |
सूरजमुखी के बीज | 6015 रुपए | 6400 रुपए | 385 रुपए |
सोयाबीन (पीली) | 3950 रुपए | 4300 रुपए | 350 रुपए |
तिल | 7307 रुपए | 7830 रुपए | 523 रुपए |
नाइजरसीड (रामतिल) | 6930 रुपए | 7287 रुपए | 357 रुपए |
कपास (मध्यम रेशा) | 5726 रुपए | 6080 रुपए | 354 रुपए |
कपास (लंबा) | 6025 रुपए | 6380 रुपए | 355 रुपए |
केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले वर्ष की तुलना में काफी वृद्धि की गई है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि किसानों को फसलों के मूल्य लागत का 50 प्रतिशत या उससे अधिक मुनाफा दिया जा रहा है। सरकार की ओर इस बार खरीफ सीजन के लिए किसानों को जितना मुनाफा दिए गया है उसका तुलनात्मक अध्ययन हम पिछले खरीफ सीजन के मुनाफे से कर सकते हैं, जो इस प्रकार से हैं-
फसल | लागत पर लाभ 2021-22 | लागत पर लाभ 2022-23 |
---|---|---|
धान (सामान्य | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
धान (ग्रेड ए) | - | - |
ज्वार (हाइब्रिड) | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
ज्वार (मलडंडी) | - | - |
बाजरा | 85 प्रतिशत | 85 प्रतिशत |
रागी | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
मक्का | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
तुअर (अरहर) | 62 प्रतिशत | 60 प्रतिशत |
मूंग | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
उड़द | 65 प्रतिशत | 59 प्रतिशत |
मूंगफली | 50 प्रतिशत | 51 प्रतिशत |
सूरजमुखी के बीज | 50 प्रतिशत | 56 प्रतिशत |
सोयाबीन (पीला) | 50 प्रतिशत | 53 प्रतिशत |
तिल | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
नाइजर सीड (रामतिल) | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
कपास (मध्यम रेशा) | 50 प्रतिशत | 50 प्रतिशत |
कपास (लंबा रेशा) | - | - |
सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि फसलों की लागत में मानव श्रम, बैल श्रम, मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी उपयोग की गई सामग्रियों पर व्यय सिंचाई शुल्क, उपकरण और कृषि भवन पर मूल्य ह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट आदि चलाने के लिए डीजल / बिजली आदि पर व्यय, मिश्रित खर्च और पारिवारिक श्रम के मूल्य को शामिल किया गया है।
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