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गैलार्डिया की खेती से पाएं अधिक मुनाफा

Published - 05 Jun 2021

जानें, कैसे करें गैलार्डिया की खेती और किन किस्मों का करें चयन

गैलार्डिया जिसे आमतौर पर कंबल फूल या नवरंगा के नाम से पहचाना जाता है। इसका नाम मैत्रे गेलार्ड डी चारेनटोन्यू के नाम पर रखा गया था जो एक 18वीं सदी के फ्रांसीसी  मजिस्ट्रेट जो एक उत्साही वनस्पतिशास्त्री थे। ये हैं वार्षिक या बारहमासी पौधा होता है। इसका तना आमतौर पर शाखाओं में बंटा होता है और लगभग 80 सेंटीमीटर (31.5 इंच) की अधिकतम ऊंचाई तक खड़ा होता है। इसे नवरंगा फूल के नाम से भी जाना जाता है, यह फूल सुन्दर रूप से रंगीन, डेजी जैसे फूल उत्पन्न करती है इसका उपयोग बड़े पैमाने पर मंदिरों में व शादी समारोह में सजावट करने में प्रयोग किया जाता है। यह अल्पकालिक बारहमासी पौधा होता है जो कि शुरूआती गर्मियों में पीले, नारंगी युक्तियों के साथ चमकदार लाल फूल उत्पन्न करती है। नवरंगा फूलों के पौधे बहुमुखी और बहुत ही आसानी से उगने वाले पौधे हैं। इसकी खेती कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।

 

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जलवायु और भूमि

नवरंगा फूलों को गर्म स्थानों में सुगमता से लगाया जा सकता है, इसके लिए ऐसे स्थानों का चुनाव करे जहां अधिकतम 6-8 घंटे सीधे सूर्य प्रकाश मिलता रहे, अच्छी तरह से सूखी, चिकनी और रेतीली मृदा को इसकी खेती के लिए चुना जा सकता है जो कि एक तटस्थ पीएच का हो एकम्बल फूलों के पौधों को बहुत ही कम देखभाल की जरूरत होती है।


गैलार्डिया की उन्नत किस्में

  • एरीजीयोना सन गैलार्डिया :  यह 6-12 इंच के विभिन्न प्रकार के चमकीले नारंगी, लाल रंग के केंद्र वाले पौधे होते है जिनकी बाहरी पुखुडिय़ां पीले रंग की होती है।
  • गैलार्डिया फैनफेयर :  यह तुरही के आकर का 14 इंच का ऊंचा पौधा होता है जिसकी पुखुडिय़ां पीले रंग के साथ गहरे लाल रंग की होती है इन पौधों के केन्द्र नारंगी होते है ।
  • गैलार्डिया सनसेट पॉपी :  यह किस्मों के पौधे दिखने में सुन्दर डबल गुलाब जैसे लाल पुखुडिय़ां के पीले रंग में डूबे हुए होते है ।
  • गैलार्डिया गेबलीन :  यह कठोर किस्म के होते हैं जो कि गहरे हरे पत्तियों के साथ महरून रंग के पुखुडिय़ां वाले होते हैं।
  • बरगंडी कम्बल फूल :   यह किस्म अपने नाम के अनुसार गहरे लाल, बरगंडी रंग के होते है जिसकी लम्बाई 24-36 इंच तक होती है।
  • मुरब्बा के साथ गैलार्डिया :  इसके नारंगी रंग के फूल होते हैं जिसकी लम्बाई लगभग 2 फुट के आस-पास होती है इन किस्मों की लम्बाई अधिक होने के कारण इसे सहारे की आवश्यकता होती है।
  • गैलार्डिया संतरे और नींबू :  यह किस्म दूसरे नवरंगा फूलों की तुलना में नरम रंग के होते है जो कि 2 फुट लम्बे पौधे होते हैं, जिस पर पीले रंग के केंद्रीय शंकु आकर के फूल लगते हैं इन किस्मों को कठोर क्षेत्र में लगया जा सकता है।


बीज की मात्रा व बुवाई

गैलार्डिया या नवरंगा फूलों के बीजों को गर्मियों में सीधे बगीचे में बोया जा सकता है या फिर इनके गमलों में भी लगया जा सकता है। गैलार्डिया को एक हेक्टेयर में उगाने के लिए 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीजों को बोने से पहले उन्हें फफूंदीनाशक से उपचारित कर लेना चाहिए। फफूंदीनाशक के रूप में केप्टान या थाइराम का उपयोग किया जाता है। बीजों की बुवाई करते समय एक बीज से दूसरे बीज की दूरी 3 सेमी तथा एक कतार की दूसरी कतार के बीच की दूरी 5 सेमी रखनी चाहिए तथा बीजों को 2 सेमी से ज्यादा गहरा नहीं बोना चाहिए। बीजों की बुवाई के बाद करीब 4 से 6 सप्ताह बाद पौध खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। 


गैलार्डिया की पौध कैसे तैयार करें

गैलार्डिया की पौध तैयार करने भूमि से करीब 10 से 15 सेमी ऊपर क्यारियां बनाएं ताकि अतिरिक्त जमा पानी आसानी से बाहर निकल सके। गैलार्डिया के एक हेक्टेयर की पौध तैयार करने के लिए 150 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली नर्सरी पर्याप्त रहती है। पौध के लिए क्यारियां 3 मीटर, लंबी एक मीटर चौड़ी तथा 10 से 15 सेमी ऊंची तैयार करें। 


गैलार्डिया का खेत में रोपण

गैलार्डिया के लिए खेत तैयार करने के लिए 3 से 4 जुताई के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए। पौधों का खेत में रोपण हमेशा शाम के समय ही करना चाहिए तथा रोपण के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए।


गैलार्डिया को गमले में लगाना

यदि आप गैलार्डिया या नवरंगा फूलों को गमले में लगाना चाहते हैं तो इसे लगाने से पहले गमले में एक भाग स्फेगनम पीट मॉस और एक भाग वर्मिक्युलट गमले में लेना चाहिए। इसमें थोड़ा पानी मिलाएं ताकि मिश्रण में नमी बनी रहे, गमले को मिश्रण से भर दें। इसके बाद गमले के केंद्र पर बीजों को लगा दे। 2-3 सप्ताह के बाद बीजों का अंकुरण शुरू हो जाता है।


पानी, खाद एवं उर्वरक

गमले में फूलों के लिए पानी और उर्वरक की आवश्यकता होती है, यह किसी भी उर्वरक के बिना भी आसानी से बढ़ सकती है, परन्तु नवरंगा फूलों में पौधे निषेचन के लिए 1 बार उर्वरक की आवश्यकता होती है कम्बल फूलों के बीजों को बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाली जैविक खाद को मिट्टी में 2:1 के अनुपात में अच्छी तरह मिला दें, जैविक खाद के रूप में गोबर की खाद या केंचुए की खाद का उपयोग कर सकते हैं, कम्बल फूलों को बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है।


खरपतवार नियंत्रण

खरपतवार नियंत्रण आमरूप से एक महत्वपूर्ण क्रिया है खरपतवार, पानी और पोषक तत्वों के लिए फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करके बीजों की उपज को कम कर देते है खरपतवार नियंत्रण के लिए मल्चिंग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है इसके अलवा रसायनिक खरपतवारों का छिडक़ाव करके भी नियंत्रण किया जा सकता है जैसे पेनांट मैगनम एट्रिलीन 4 से पहले रोपण के एक छोटे से हिस्से पर इनका परीक्षण विवेकपूर्ण आवश्य करें।

 

फसल की रोगों से सुरक्षा

गैलार्डिया या नवरंगा के पौधों पर भी कई रोगों का प्रकोप होता है। इन रोगों से इसकी सुरक्षा करना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं।


जीवाणु पत्ती धब्बा रोग

इन रोगों में पत्तियों की नसों के बीच के क्षेत्र गहरे भूरे रंग के होजाते है तथा पौधा मर जाता है यह रोग फूल के सिरों को भी प्रभावित करते है। इसके नियंत्रण के लिए संक्रमित पौधों को निकलकर नष्ट करें। अधिक पानी से बचे एगीले की स्थिति में पौधों के आस.पास काम करने से बचे।


पाउडर रूपी फफूंदी

यह कवक रोग आर्द मौसम की स्थिति में पत्तियों के शीर्ष पर दिखाई देते हैएपत्तियों में सफेदी या भूरे रंग की सतह दिखाई देती है। इसके नियंत्रण के लिए  पौधे की उचित समय पर कटाई,  छड़ाई कर के पौधों को अच्छा वायु परिसंचरण प्रदान करके इस रोग से बचा जा सकता है। इसके अलावा कवकनाशी दवाइयों का प्रयोग करके भी इस पर नियंत्रण किया जा सकता है। 


सेप्टोरिया पत्ती धब्बा

बगीचों में बरसात के मौसम के दौरान यह गंभीर रूप से दिखाई पड़ता है। पत्तियों पर काले धब्बो के साथ छोटे काले भूरे रंग के फफूंदीयुक्त संरचन दिखाई देती है। इसके नियंत्रण के लिए पौधे के मलबे को हटा दे एगीले की स्थिति से बचना चाहिए।

फूलों की कटाई

फूलों की कटाई इकट्ठा फूल के खिलने के बाद करें था फूलों को कटाई के लिए हाथ से या किसी धारदार वस्तु का उपयोग कर सकते हैं।
 

बीजों को एकत्रित करना

जब फूलों के डंठल पंखुडिय़ों को छोड़ दे और बीज का सिर भूरा हो कर सूखने लगे तब बीज के सिर को एक पेपर बैग के अंदर रखें, बैग को सूखे हवादार क्षेत्र में रखें, सुखाने वाले बीजों को वायु परिसंचरण प्रदान करने के लिए बैग को खुला छोड़ दें, लगभग दो सप्ताह तक बीजों को सुखायें। सूखने के पश्चात एक कटोरे के ऊपर बीज का सिर रखकर धीरे से रगड़ते हैं ताकि बीज कटोरे में गिरे। बीज एकत्रित होने के बाद बीज को एक सील वाले जार या बैग में संग्रहण कर के रखते है।
 

प्राप्त उपज

गैलार्डिया यानि नवरंगा फूलों की उपज गमलों में औसतन 12-15 किलो प्रति गमला प्राप्त होता है तथा खेतों में लगाये हुए फूलों से लगभग 25-30 टन प्रति हे. तक उत्पादन लिया जा सकता है।

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