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बाढ़ प्रभावित किसानों के खातों में पहुंचे 52 करोड़ रुपए 

Published - 30 Aug 2021

जानें, राज्य सरकार की ओर से किसानों के हित में किए जा रहे कार्य

पिछले महीने देश के कई इलाकों में अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे। इस दौरान राजस्थान और मध्यप्रदेश में बाढ़ से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ। इसे लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश में सर्वे भी कराया गया है ताकि नुकसान का सही आकलन हो सके और किसानों को सहायता प्रदान की जा सके ताकि उनके फसल नुकसान की भरपाई हो सके। बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ओर से उन्हें सहायता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावितों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। हर बाढ़ पीडि़त को संकट से निकालने में सहायता देंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने बीते दिनों मीडिया को बताया कि प्रदेश सरकार अब तक बाढ़ प्रभावित परिवारों के खातों में 52 करोड़ रुपए से अधिक राशि पहुंचा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्योपुर जिला मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ प्रभावितों के खातों में ऑनलाइन 23 करोड़ 19 लाख रुपए से अधिक की राशि का अंतरण कर बाढ़ प्रभावित लोगों से वर्चुअली संवाद किया। केंद्रीय कृषि विकास एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।

 

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सर्वे के आधार पर किसानों के खातों में पहुंचाई गई आर्थिक राहत

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए कहा कि तात्कालिक तौर पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6 हजार रूपए, 50 किलो अनाज और रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान मुहैया कराया गया है। साथ ही सर्वे के आधार पर आर्थिक राहत भी खातों में पहुंचाई गई है।


मकान बनवाने के लिए भी सरकार दे रही है आर्थिक सहायता

मीडिया मेें प्रकाशित खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिये सरकार ने 12 विभागों को जोडक़र टास्क फोर्स बनाया है। उन्होंने कहा तात्कालिक राहत के साथ मकान बनाने के लिए एक लाख 20 हजार, दुधारू पशु की मृत्यु पर 30 हजार, बैल की मृत्यु पर 25 हजार, बकरा-बकरी इत्यादि की मृत्यु पर 3 हजार रुपए की आर्थिक राहत दी जा रही है। साथ ही फसल नुकसान की भरपाई भी सरकार आरबीसी के प्रावधानों के तहत करेगी।


सरकारी खर्चे पर खेतों से निकाला जाएगा बाढ़ का पानी

इतना ही नहीं मुुख्यमंत्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि जिन किसानों के खेतों में बाढ़ की वजह से सिल्ट जमा हो गई है उसे हटवाने का काम भी सरकार अपने खर्चे पर करेगी। इसके लिए किसानों को कोई रुपया खर्च नहीं करना पड़ेगा। इस तरह राज्य सरकार किसानों की सहायता के लिए अपने खजाने के द्वार खोल दिए है। इधर केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति पर किसी का जोर नहीं चलता। पर हर लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि आपदा के समय प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द हर संभव मदद पहुंचाए। 


बाढ़ ग्रस्त मध्यप्रदेश के इन इलाकों में हुआ है नुकसान

मध्यप्रदेश के बाढ़ से प्रभावित हुए जिलों का अवलोकन करने आए केंद्रीय दल के दो समूहों के सदस्यों ने तीन-तीन जिलों में भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लिया। प्रथम दल के तीन सदस्य ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी और द्वितीय दल के तीन सदस्य श्योपुर और मुरैना क्षेत्र के भ्रमण के बाद क्षति का अवलोकन कर चुके हैं। दल ने बताया कि इन क्षेत्रों में काफी क्षति हुई है। 


इधर राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए जारी की 61 करोड़ रुपए

इधर राजस्थान में इस दौरान हुई अति बारिश से कई जिलों में बाढ़ के की जैसी स्थिति पैदा हुई जिससे किसानों की बुवाई प्रभावित हुई। यही नहीं जिन किसानों ने बुवाई की थी उनकी फसलें बाढ़ से बर्बाद हो गई। ऐसे में राजस्थान सरकार ने प्रभावित जिलों के किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनी को निर्देश दिए है। वहीं राजस्थान सरकार ने निष्फल बुवाई से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के राज्यांश प्रीमियम के 61 करोड़ 45 लाख रुपए जारी किए हैं। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बीमा कंपनियों को किसानों को अतिशीघ्र बीमा क्लेम देने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि राजस्थान के कोटा, बूंदी, धौलपुर एवं करौली जिले के विभिन्न हिस्सों में अतिवृष्टि एवं गंगानगर जिले के कुछ इलाकों में कम बारिश के कारण अधिसूचित फसल की बुवाई प्रभावित हुई है। कहीं बुवाई हो नहीं पाई तो कहीं निष्फल हो गई। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान 21.3 के तहत जिला कलक्टरों से निष्फल बुवाई के प्रस्ताव प्राप्त हुए। अभी तक राज्य सरकार के पास आए फसल नुकसान के सर्वे के अनुसार गंगानगर जिले के 29, करौली के 12, बूंदी के 223, धौलपुर के 19 एवं कोटा जिले के 204 पटवार सर्किल में 75 फीसदी से अधिक क्षेत्र में बुवाई प्रभावित होना सामने आया है, जिनकी राज्य सरकार की ओर से क्षति अधिसूचना जारी की कर दी गई है। करौली एवं धौलपुर जिले के लिए 1 करोड़ 24 लाख, बूंदी के लिए 31 करोड़ 20 लाख, कोटा के लिए 7 करोड़ 71 लाख एवं श्री गंगानगर जिले के लिए 21 करोड़ 28 लाख रुपए का राज्यांश प्रीमियम संबंधित बीमा कंपनियों को हस्तांतरित किया गया है। इसके अलावा बारां एवं झालावाड़ जिले में ज्यादा बरसात से किसानों के व्यक्तिगत फसल खराबे के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद शीघ्र ही राज्यांश प्रीमियम जमा करा दिया जाएगा।  

 

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