Published - 15 Feb 2022 by Tractor Junction
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में 12 फरवरी 2022 को राज्य के किसानों को 7600 करोड़ रुपए की बीमा क्लेम की राशि का भुगतान किया। इसके बाद अब शीघ्र ही दो महीने पहले हुई बारिश से किसानों की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। इस संबंध में अधिकारियों को वीडियोग्राफी और सर्वे के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को राहत पहुंचाई जा सके। इसके तहत जिन किसानों ने बीमा कराया है उनको तो मुआवजा मिलेगा ही, साथ ही राज्य सरकार की ओर से ऐसे किसानों को भी मुआवजा दिया जाएगा जो किसी कारणवश अपनी फसल का बीमा नहीं करा पाएं। इस संबंध में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि जिन किसान भाइयों की फसल का बीमा नहीं है उन्हें आरबीसी 6-4 में राहत दी जाएगी। इसके लिए वीडियोग्राफी के साथ सर्वे करवाने के निर्देश हमने अधिकारियों को दिए हैं।
राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक-4 में दी जाने वाली आर्थिक सहायता के तहत सर्प/गुहेरा या जहरीले जंतु के काटने से अथवा बस या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी में गिरने या पहाड़ी आदि से गड्ढे में गिरने से इस वाहन पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिजन को 4 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। पहले यह सहायता राशि 50 हजार रुपए थी। वहीं पानी में डूबने अथवा नाव दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजन को एक लाख के स्थान पर अब 4 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदा से किसान की बैलगाड़ी अथवा कृषि उपकरण नष्ट हो जाने पर 10 हजार रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। पहले से सहायता राशि 4 हजार रुपए दी जाती थी।
बता दें कि पिछले महीनों के दौरान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना के अलावा रीवा, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, मुरैना और नरसिंहपुर जिलों मैं 3 से 4 सेंटीमीटर तक बारिश हुई थी। जिससे किसानों को फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। बताया जा रहा है कि सरकार जल्द ही इन जिलों में वीडियोग्राफी और सर्वे का काम शुरू करेगी ताकि किसानों को बारिश और ओलावृष्टि फसल को हुए नुकसान का मुआवजा मिल सके।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के सर्वे के निर्देश दिए हैं, सीएम ने कहा कि ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल का सर्वे कराया जाएगा। क्षति का आकलन कर किसानों को राहत राशि देने की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिलने के लिए निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनेक गांव और कुछ जिलों में वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई है। वर्षा के कारण फसलों को लाभ भी हुआ है, लेकिन ओलावृष्टि के कारण फसलों को कई स्थानों पर नुकसान भी पहुंचा है। मैंने निर्देशित किया है कि ओलावृष्टि के कारण जहां-जहां किसान भाई-बहनों की फसलें बर्बाद हुई हैं। वहां तत्काल सर्वे किया जाए।
जैसा कि 12 फरवरी को किसानों के खातों में फसल बीमा क्लेम के 7600 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई थी। जिस पर फसल बीमा राशि वितरण में हुई देरी को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे। इस पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि सरकार को उत्सव के जगह माफी दिवस मनाना चाहिए। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक ट्वीट थ्रेड में लिखा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद दिया जा रही है, जिसका प्रीमियम खुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है। जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानों से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिए। कमलनाथ ने आगे लिखा कि, जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खराब फसलों की फसल बीमा की राशि अब मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। शिवराज सरकार की ओर से 7 दिन में सर्वे व मुआवजे की बात की गई थी। लेकिन दो माह के करीब हो चुके हैं, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है।
इंदौर जिले के किसानों को 380 करोड़ 54 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति बीमा राशि का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12 फरवरी को एक वर्चुअल कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से पूरे मध्यप्रदेश में 49 लाख से अधिक दावों में 7 हजार 600 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। वहीं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस योजना के तहत लाभांवित इंदौर जिले के किसानों को खाता अंतरण राशि के चेक वितरित किए। जिले में इस योजना के तहत किसानों के एक लाख 86 हजार दावों में 380 करोड़ 54 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति बीमा राशि वितरण की गई। स्थानीय लक्ष्मीबाई नगर कृषि उपज मंडी में आयोजित कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि यह अपने आप में रिकॉर्ड है, जब इतनी बड़ी राशि एक साथ किसानों के खातों में जमा की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले के सांवेर विकासखंड में ही 50 हजार किसानों के खातों में 125 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बीमा क्षतिपूर्ति के रूप में जमा हुई है। इसी तरह जिले के अन्य विकासखंडों के किसानों को भी बड़ा लाभ मिला है।
कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इंदौर जिले के गांवों के किसानों को चेक वितरित किए। जिन किसानों को चेक वितरित किए गए उनके नाम इस प्रकार से हैं-
यह राशि किसानों के द्वारा किए गए दावों तथा सर्वे के आधार पर किसानों को भुगतान किया गया है। किसानों को प्रति हेक्टेयर के आधार पर तथा फसलों के नुकसान के आधार पर बीमा राशि तय की गई है। इसलिए किसानों के बीच ऐसा हो सकता है कि एक ही गांव के दो अलग-अलग भूमि का अलग-अलग मुआवजा राशि बनेगी। इसके अलावा जिले के अनुसार भी बीमा राशि अलग हो सकती है।
वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों तथा केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा प्रीमियम राशि फसल बीमा कंपनी को दी जाती है। फसल नुकसानी पर किसानों को दावे के अनुसार भुगतान किया जाता है। इस योजना के तहत अब तक वित्तीय वर्ष के अनुसार किसानों को अब तक दावा राशि का भुगतान किया गया वे इस प्रकार से है-
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