Published - 17 Jan 2022 by Tractor Junction
देश के कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है। फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों के खेतों का सर्वे कार्य कराया जा रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से भी अपने राज्य में किसानों को राहत पहुंचने के लिए सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिन खेतों में 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल नष्ट हुई है वहां 30 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन अशोकनगर जिले की तहसील मुंगावली के गांव बजावन में प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया। प्रभावित फसलों को देखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खेतों में पहुंचे, उन्होंने कहा कि बाहर से फसलें हरी दिखती हैं पर खेत में अंदर जाकर देखो तो कुछ नहीं बचा है। प्रदेश में पृथ्वीपुर सहित जहां-जहां भी फसलों को नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को शीघ्रता से राहत राशि का भुगतान कराएं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि उन्होंने कमिश्नर एवं कलेक्टर को निर्देश दिए कि फसलों के नुकसान के सर्वे का कार्य 18 जनवरी तक पूर्ण कराया जाए। सर्वे का कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ हो। सर्वे उपरांत सूची पंचायतों में लगाई जाए, जिससे संबंधित किसान भी अवगत हो सकें। यदि किसी को आपत्ति हो तो उसका निराकरण किया जा सके।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन किसानों का 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है, उन किसानों को 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर राहत राशि दिलाई जाएगी। साथ ही फसल बीमा में फसलों को नुकसान हुआ है उसमें 25 प्रतिशत एडवांस राशि तथा शेष 75 प्रतिशत राशि फसल आकलन के उपरांत दिलाई जाएगी। फसल बीमा की राशि अलग से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रुपए और बछड़ा-बछिया के लिए 10 हजार रुपए और भगवान न करे कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो, लेकिन ऐसी असामयिक मृत्यु पर 4 लाख रुपए की परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा छोटे पशुओं बछड़ा-बछड़ी, बकरा-बकरी तथा मुर्गा-मुर्गी के लिए भी राहत राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान ने यदि लोन लिया होगा, तो ऋण वसूली को स्थगित कर अल्पकालीन लोन को मध्यमकालीन ऋण में बदलकर उसका ब्याज भी सरकार की ओर से भुगतान किया जाएगा। फसल के अलावा मवेशियों की मृत्यु एवं अन्य क्षति के लिए अलग से राशि दी जाएगी।
इधर बालाघाट जिला सहकारी बैंक ने पशुपालकों को 95 लाख का ऋण स्वीकृत किया है। केसीसीधारी किसानों को पशुपालन हेतु कार्यशील पूंजी साख सीमा स्वीकृति योजना में बालाघाट जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के पात्र पशुपालकों को कार्यशील पूंजी मंजूर की गई है। डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा कलेक्टर व बैंक प्रशासक के निर्देशन में राजीव सोनी प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट द्वारा शाखा बैहर, वारासिवनी, खैरलांजी, भानेगांव, खमरिया, मुख्य शाखा बालाघाट की समितियों के लगभग 410 पशुपालकों को लगभग राशि 95 लाख का ऋण स्वीकृत किया गया है। राजीव सोनी प्रभारी सीईओ ने मीडिया को बताया कि 15 जनवरी को डॉ पी.के. अतुलकर पशु चिकित्सा सेवाए बालाघाट द्वारा बैंक मुख्यालय पहुंचकर मिश्रा कलेक्टर बालाघाट के निर्देशानुसार केसीसीधारी किसानों को पशुपालन हेतु कार्यशील पूंजी साख सीमा स्वीकृति के संबंध में जानकारी से अवगत कराया गया।
पिछले दिनों राज्य में बारिश के साथ ओले गिरे जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इससे किसानों की लहसुन और प्याज के साथ चना के फसल को नुकसान पहुंचा है। गौरतलब है कि पृथ्वीपुर, मडिया सहित अशोकनगर क्षेत्र के मुंगावली ब्लॉक के दो दर्जन गांवों में जमकर ओले गिरे थे। पठारी, सहराई, देवरछी, चिरौली, गुंडा, बमोरी, बम्मन खिरिया, अमनचार, जनकपुर, कारातला, बजाबन, कनेरा, ढिमचौली, घाटबमुरिया, बाबरौद, बल्कचक्क, टांडा, टांडा चक्क, नरखेड़ा, मल्हारगढ़ के अलावा कई गांवों में ओले गिरे थे। किसानों को नुकसान न सिर्फ शिवपुरी में बल्कि उज्जैन, मंदसौर, नीमच, आगर, शाजापुर, देवास सहित कई जिलों में हुआ है।
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