ओलावृष्टि और बारिश से फसल नुकसान की यहां दें सूचना, मिलेगा मुआवजा

Share Product Published - 12 Jan 2022 by Tractor Junction

ओलावृष्टि और बारिश से फसल नुकसान की यहां दें सूचना, मिलेगा मुआवजा

जानें, क्या है फसल बीमा लाभ प्राप्त करने के नियम और शर्तें

बीते दिनों हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से कई राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। कई किसानों की पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। इसको लेकर किसान खासे परेशान हैं। इधर सरकार ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की बात कही हैं। मध्यप्रदेश और राजस्थान में किसानों को मुआवजा दिए जाने को लेकर किसानों से अग्राह किया गया है कि जिन किसानों की फसलों में नुकसान हुआ है वे किसान जल्द से जल्द इसकी सूचना जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को दें ताकि उनको मुआवजा दिलवाया जा सकें। बता दें कि राज्यभर से सोमवार शाम तक 10 हजार से अधिक ऐसी सूचनाएं फसल बीमा कंपनियों को मिल चुकी हैं। 

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फसल नुकसान के 72 घंटे में सूचना देना है जरूरी-

बीमा कंपनी के नियम के अनुसार ओलावृष्टि या बेमौसम बारिश से कहीं भी फसलों का नुकसान होता है तो किसानों को अपने जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को 72 घंटे में इसकी जानकारी देना जरूरी है। राजस्थान सरकार ने अपने सूबे के किसानों को कहा है कि जो लोग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल हैं और उनकी फसलों को क्षति पहुंची है उन्हें कंपनियों को सूचना देनी होगी। वरना मुआवजा मिलने में कठिनाई होगी। प्रदेश के कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने सभी बीमा कंपनियों को टोल फ्री नंबर 24 घंटे निर्बाध रूप से कार्यरत रखने के निर्देश दिए हैं। कटारिया ने साथ ही क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रभावित एवं बीमित फसल के किसानों के आवेदन पत्र भराने के लिए पाबंद किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को मुआवजा तभी मिलता है जब वो समय से नुकसान की जानकारी संबंधित कंपनी को दे दें। 

33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने पर मिलता है फसल बीमा के तहत मुआवजा

जिन किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना में अपनी फसलों का बीमा कराया है उन्हें मुआवजा राशि दी जाएगी। यह राशि 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने पर दी जाती है। इसके लिए आपको जिस बीमा कंपनी से आपने बीमा कराया है उसे 72 घंटे के अंदर सूचना देनी पड़ती है। इसके बाद कंपनी द्वारा नियुक्त सर्वे के लिए नियुक्त अधिकारी खेत में फसल का सर्वे कर फसल खराबे की रिपोर्ट बनाएगा। इसके आधार पर ही किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जाती है।

किसान इस ऐप के जरिये भी दे सकते हैं फसल नुकसान की सूचना

कटारिया ने मीडिया को बताया कि फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के माध्यम से दी जा सकती है। इसके अलावा प्रभावित बीमित किसान जिलों में कार्यरत बीमा कंपनी, कृषि कार्यालय अथवा संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं। राज्य में 10 जनवरी की शाम तक फसल नुकसान की 10041 सूचनाएं बीमा कंपनियों को प्राप्त हो चुकी हैं। अब तक खराब की सूचना नहीं देने वाले किसान समय पर सूचना दर्ज कराएं ताकि योजना के प्रावधानों के मुताबिक बीमा लाभ दिया जा सके।

सीएम ने जल्द गिरदावरी के दिए निर्देश

जैसा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में जारी शीतलहर, पाले एवं ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा करने को कहा है। रबी सीजन 2021-22 में बोई गई फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।

राजस्थान में कहां-कहां हुआ फसलों को अधिक नुकसान

  • पिछले दिनों भरतपुर जिले की डीग, नदबई, नगर और वैर तहसील इलाकों में बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई है। इससे किसानों की फसल नष्ट हो गई है। खासकर सरसों की फसल खराब हुई है।
  • हाड़ौती क्षेत्र के मनोहरथाना, हिंडोली, इटावा और केलवाड़ा इलाके के गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचाया हैं। 
  • झालावाड़ जिले में पनवाड़ में बारिश के साथ ओले गिरे। जिले में 6 जनवरी को जावर कस्बे के सोरती और पाडलिया में ओलावृष्टि हुई। रटलाई, बकानी में भी देर रात को ओलावृष्टि और बारिश से रबी की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। खेतों में गेहूं और सरसों की फसल आड़ी पड़ गई ।
  • बूंदी में गुढा बांध,रामीकी, झोपडिय़ा, चोहड़ा, बहादुरपुरा, तुरकडी, बोरखेड़ा, डेरोली में आंशिक ओलावृष्टि हुई। मांगली कला में भारी ओलावृष्टि हुई नुकसान की खबर मिली है। वहीं मध्यप्रदेश की सीमा से लगे गांवों में भी ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ।

फसल बीमा कंपनियों के नाम एवं टोल फ्री नंबर

किसानों की सुविधा के लिए हम यहां विभिन्न फसल बीमा कंपनियों के टो फ्री नंबर दे रहे हैं। आपके क्षेत्र में जिस बीमा कंपनी से आपने फसल का बीमा कराया है आप उस कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फसल नुकसान की सूचना दे सकते हैं। ये नंबर इस प्रकार से हैं-

कंपनी का नाम                 टोल फ्री नंबर 
एग्रीकल्चर इनश्योरेंस कंपनी (एआईसी) 18001030061, 1800116515
बजाज एलियानज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002095858, 18002095959 
भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18001032292, 18001032292 
चोलमंडल एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002005800, 18002005544 
फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18605003333,1800220233,18002664141 
एचडीएफसी ईआरजीओ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002660700
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002669725
इफको टोक्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18001801551, 1800 103 5499 
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002007710 
न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी 18002091415 
ओरिएण्टल इंश्योरेंस 1800118485 
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 180030024088 
रॉयल सुंदराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18604250000, 18005689999 
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस 18001232310 
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 180030030000/18001033009 
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002093536 
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी 180042533333
यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी 18002005142 

यदि प्राइवेट कंपनियों से आपकी समस्या का समाधान न हो रहा हो तो आप 011-23382012 एवं 011-23381092 नंबरों पर सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक कॉल कर सकते हैं।

इन जिलों के किसान इस नंबर पर करें फोन

•    बूंदी जिले के किसान फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर 18002664141 पर फोन करें।
•    कोटा जिले के कृषक बजाज एलाइंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्र्री नंबर 18002095959 को मिलाएं।
•    बारां जिले के किसान एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया के टोल फ्री नंबर 18004196116 पर फोन करें। 
•    झालावाड जिले के किसान एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी के नंबर 18001021111 पर शिकायत दें।  


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