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उत्तर प्रदेश में 35 जनपदों के किसानों को मिलेगा फसल नुकसान का मुआवजा

Published - 27 Oct 2021

जानें, किस आधार पर मिलेगा किसानों को मुआवजा और कितना

यूपी में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कई जिलों में फसल को नुकसान पहुंचा। किसानों की तैयार फसल खराब होने से किसानों को काफी आर्थिक हानि हुई है। इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य की आदित्यनाथ योगी सरकार ने किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए 78 करोड़ रुपए जारी किए हैं। बता दें कि प्रदेश में पिछले दिनों 17 से 19 अक्टूबर को हुई बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई थी और किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। किसानों को इससे दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक तरफ फसल कटाई का काम चल रहा है तो दूसरी ओर रबी की बुवाई का काम किया जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से फसल नुकसान भरपाई के लिए जारी की गई सहायता राशि किसानों को कुछ हद तक राहत पहुंंचा सकती है। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

मीडिया में प्र्रकाशित खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्काल सर्वे कराकर प्रभावित किसानों का विवरण कृषि अनुदान माड्यूल में ऑनलाइन फीड किया जाए, ताकि शासन द्वारा प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जा सके। उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई फसलों की मुआवजा राशि का वितरण प्रभावित किसानों को शीघ्र ही किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दे दिए हैं। 

इन जिलों के किसानों को मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री ने राज्य के 35 जनपदों के किसानों को मुआवजा राशि देने की जानकारी दी है। उनमें देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, मीरजापुर, संतकबीर नगर, सीतापुर, कुशीनगर, बलिया, बहराइच, मऊ, वाराणसी, झांसी, गाजीपुर, बाराबंकी, जालौन, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, चन्दौली, कौशाम्बी, अंबेडकरनगर, बिजनौर, बस्ती, गोंडा, चित्रकूट, बलरामपुर, बांदा, औरैया, फरुखाबाद, पीलीभीत, कानपुर देहात, भदोही, सुल्तानपुर, आगरा तथा श्रावस्ती जनपदों को शामिल किया गया है।

2 लाख से अधिक किसानों को दिया जाएगा मुआवजा

35 जनपदों के करीब 2,35,122 किसानों की फसलें बाढ़ से प्रभावित बताई जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने 77 करोड़ 88 लाख 96 हजार 748 रुपए की धनराशि राज्य आपदा मोचक निधि से जारी कर दी है। सर्वे के आधार पर किसानों को मुआवजा राशि शीघ्र किसानो दी जाएगी। 

किसानों को किस आधार पर दिया जाएगा मुआवजा

सरकारी आंकलन के अनुसार जिन किसानों की फसल को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्हें मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। प्रदेश में करीब ढाई लाख ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है जिसकी फसल को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा है। 

फसल बीमा के तहत मिलता है नुकसान का मुआवजा

जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है उन्हें फसल बीमा के तहत नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए पहले किसान के खेत में फसल नुकसान का सर्वे बीमा कंपनी के अधिकारी द्वारा किया जाता है। इसके बाद फसल नुकसान का आंकलन करके फसल बीमा के तहत मुआवजे की राशि किसान को दी जाती है। यह मुआवजा 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने पर दिया जाता है।

क्या होती है फसल मुआवजे पर सरकारी शर्त

  • फसल का मुआवजा अधिकतम सिर्फ 2 हेक्टेयर तक ही मिलता है, फसल में 33 से अधिक नुकसान होना जरूरी।
  • सिचिंत भूमि पर 4500 रुपए और असिंचित भूमि पर 9000 रुपए मुआवजा दिया जाता है।
  • मुआवजे की घोषणा केवल अकाल, ओलावृष्टि, शीतलहर, पाला बाढ़ होने पर ही की जाती है।

यूपी में फसल बीमा के नियमों में किए गए है ये बदलाव

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा इस योजना के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। नए नियमों के तहत यदि किसानों को फसल पर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है तो उस स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा पहले से अधिक लाभ प्रदान किया जाएगा। पहले गेहूं काटने के बाद मड़ाई के दौरान यदि आग लग जाती थी या फिर बारिश हो जाती थी तो इस स्थिति में किसानों को नुकसान हो जाता था। इस स्तिथि में बीमे का लाभ अकेले किसान को नहीं मिलता था। यह लाभ सामूहिक होता था। इस प्रक्रिया के अंतर्गत कई बार ऐसा होता था कि उन किसानों को भी योजना का लाभ मिल जाता था जिनका कोई नुकसान नहीं हुआ है और कई नुकसान उठाने वाले किसान इस योजना का लाभ पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो पाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अलग-अलग किसानों को पूरी फसल के नुकसान का लाभ प्रदान किया जाएगा। यह लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को अपने सभी दस्तावेजों के साथ किसी बैंक से संपर्क करना होगा। इसके बाद धान एवं गेहूं प्रति हेक्टेयर की निर्धारित रकम का किसान द्वारा डेढ़ से दो फीसदी प्रीमियम जमा किया जाएगा। जिसके बाद किसानों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

किसान क्रेडिट कार्ड है तो दुबारा फसल बीमा कराने की जरूरत नहीं

यूपी वह सभी किसान जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है उनको दोबारा से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बीमा करवाने की आवश्यकता नहीं है। फसल का नुकसान होने पर किसानों को टोल फ्री 18001030061 नंबर पर संपर्क करके सूचना देनी अनिवार्य है। इसके अलावा किसानों द्वारा नुकसान की सूचना कृषि विभाग के अधिकारियों को भी दी जा सकती है।  

जिन किसानों ने नहीं कराया बीमा उनका क्या होगा

रामपुर में बड़ी संख्या में किसान उड़द की खेती करते हैं। लेकिन इस बार बैमौसमी बारिश ने उनकी उड़द की फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया है। यहां के उड़द की खेती करने वाले किसानों को विशेष रूप से बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि बेमौसम बारिश और कोसी और रामगंगा जैसी नदियों के बाढ़ के पानी के कारण उनकी उड़द की फसल को नुकसान पहुंचा है। राजारामपुर, दीनपुर, मनकारा और हरयाल में किसान विशेष रूप से प्रभावित हैं। किसानों के अनुसार अनुसार 17, 18 और 19 अक्टूबर को रुक-रुक कर लेकिन भारी बारिश हुई थी। इससे उड़द की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है। इसके अलावा अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है। उन किसानों को अधिक नुकसान हुआ है जिनकी फसल तैयार थी या जिन्होंने फसल काट कर खेत में ही छोड़ दी थी। किसानों के मुताबिक इस बारिश में उनकी 50 प्रतिशत तक उड़द की फसल खराब हुई है। इनमें कुछ किसान ऐसे भी शामिल है जिन्होंने फसल बीमा कराया ही नहीं है। उनके फसल नुकसान की भरपाई कैसे होगी। 

फसल मुआवजे को लेकर क्या कहते हैं अधिकारी

इधर रामपुर जिले के कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल के मुताबिक जिले में करीब 3,500 हेक्टेयर भूमि पर उड़द की खेती होती है। प्रभावित क्षेत्र ज्यादातर बिलासपुर, स्वर, टांडा, मिलाक, शाहाबाद और सदर में हैं। पाल ने उड़द की फसल को हुए नुकसान को स्वीकार करते हुए प्रभावित किसानों को मदद का आश्वासन दिया। अब तक यह अनुमान लगाया गया है कि उड़द की पंद्रह प्रतिशत तक फसल खराब हो गई है। फसल बीमा वाले किसानों को बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा दिया जाएगा, और संबंधित तहसीलों द्वारा उनकी भूमि का सर्वे किए जाने के बाद उन्हें मदद की जाएगी। 
 

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