Published - 26 Nov 2020
कोरोना काल में लगने वाली एक्चुअल चौपालों में किसानों की उपस्थिति कम होने को लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने राज्य में नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत बिहार में अब किसान चौपाल भी वर्चुअल होंगे। यह व्यवस्था 9 नवंबर से लागू कर दी गई है। इसके तहत अब हर महीने चार चौपाल लेगेंगी। सभी चौपालों में अलग-अलग विषय पर किसानों से बात होगी। इसके लिए बीएयू ने कैलेंडर तैयार कर लिया है। हर चौपाल दिन के तीन से पांच बजे तक लगेगी। इन चौपालों के माध्यम से अधिकारी और वैज्ञानिक सप्ताह में एक दिन किसानों से सीधे जुड़ जाते हैं। किसानों की समस्या का निराकरण मौके पर ही हो जाता है तो अधिकारियों को किसानों का फीडबैक मिल जाता है। लेकिन कारोना काल में किसानों की अनुपस्थिति से ये चौपाल लगभग बंद थे। लिहाजा अब बीएयू ने ई-किसान चौपाल की शुरुआत की है।
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मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के अनुसार ई- किसान चौपाल में महीने में चार बार लगेंगी। कृषि, पशुपालन, मत्स्यपालन और उद्यान विषयों पर ये चौपाल होंगी। चौपाल का जो भी विषय होगा इसकी जानकारी पहले किसानों को दे दी जाएगी। उसी हिसाब से किसानों को जुडऩे की सलाह दी जाएगी। साथ ही संबंधित विषय से अलग प्रश्न नहीं लिए जाएंगे। क्योंकि दूसरे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए वैज्ञानिक उस दिन उपस्थित नहीं रहेंगे।
चौपाल की नई व्यवस्था में बीएयू के यूट्यूब से जुड़े 3.17 लाख किसान सीधे जुड़ सकते हैं। अन्य किसानों को विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के माध्यम से लिंक भेजेगा। नौ नवम्बर को पहली ई किसान चौपाल की जानकारी बहुत किसानों को नहीं हो पाई। लिहाजा उसमें 18 हजार किसान ही जुड़ पाये थे, लेकिन अब केवीके इसका पहले से भी प्रचार करेंगे साथ विषय की जानकारी भी देंगे।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. आरके सोहाने के अनुसार किसानों के लिए यह ई-चौपाल बहुत ही लाभकारी है। हर सप्ताह के लिए कैलेंडर तैयार है। कैलेंडर सभी जिलों के केवीके को भेज दिया गया है। उसी हिसाब से वह किसानों को जानकारी दी जाएगी।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) किसानों के लिए दिसंबर माह में चार दिनों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम ई-चौपाल प्रसारित करेगा। बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने के अनुसार दिसंबर माह में पांच, 11, 19 और 28 को भी ई-चौपाल कार्यक्रम होगा। इसमें किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती के गुर सीखाएं जाएंगे। इस दौरान किसान अगर कुछ सवाल करना चाहेंगे तो उसका भी जवाब दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किसानी की बारीकी से अवगत कराया जा रहा है। इसके लिए बीएयू के वैज्ञानिक अपने-अपने विभाग की ओर से डिजिटल मटेरियल तैयार करके विभिन्न माध्यमों द्वारा किसानों तक पहुंचा रहे हैं। ताकि कोरोना संक्रमण के दौरान उनकी खेती और कारोबार में किसी भी तरह का नुकसान न हो।
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