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फसल नुकसान मुआवजा : बेमौसम बारिश से बर्बाद फसल का मिलेगा मुआवजा

Published - 25 Oct 2021

जानें, राजस्थान में क्या दिए गए हैं निर्देश और किस आधार पर दिया जाएगा मुआवजा

राजस्थान सरकार ने बैमौसमी बारिश से खरीफ फसलों को हुए काफी नुकसान हुआ है। कई किसानों की फसल कटाई से पहले ही बर्बाद हो गई। वहीं कई किसानों की फसल को आंशिक तो कई को ज्यादा नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अति बारिश से प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को विशेष गिरदावरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा ( fasal nuksan muavja ) दिया जा सके। बता दें कि राजस्थान में बीते दिनों पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई जिलों में भारी बारिश हुई जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा। 

फसलों को हुए नुकसान को लेकर पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश में डीएपी खाद की उपलब्धता एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा के वितरण की भी समीक्षा की। उधर, प्रमुख शासन सचिव राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं सहायता आनंद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी के संबंध में विभाग की ओर से जिला कलेक्टरों को शीघ्र ही आदेश जारी किए जा रहे हैं। जल्द  ही सर्वे कर बारिश से फसल नुकसान प्रभावित जिलों के किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा। 


बैमौसमी बारिश इन जिलों में हुआ फसलों को नुकसान

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है। इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी। विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में फसलों में नुकसान की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।


फसल नुकसान का मुआवजा (fasal nuksan muavja) : अधिकतम 2 हेक्टेयर तक मुआवजे का प्रावधान

कृषि आयुक्त डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि इस वर्ष जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों- बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है। जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में काम किया जा रहा है। इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है।


फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान डीएपी की जगह का करें एसएसपी इस्तेमाल

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दलहनी एवं तिलहनी फसलों में डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसएसपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है और स्थानीय स्तर पर इस उर्वरक का उत्पादन भी हो रहा है। ऐसे में जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक के रूप में इस खाद के उपयोग को अपनाने की सलाह दें। किसानों को बताया जाए कि सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा यूरिया का मिश्रण तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की तरह ही लाभदायक और किफायती है।


डीएपी वितरण की मॉनिटरिंग के दिए निर्देश

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि विभाग की ओर से गोष्ठियों एवं कॉल सेंटर के माध्यम से किसानों को एसएसपी के उपयोग के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. जिला कलेक्टरों को भी डीएपी के समुचित वितरण के संबंध में मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। 


इधर उत्तरप्रदेश में किसानों को मिलेगा 77 करोड़ 88 लाख रुपए का मुआवजा

उत्तरप्रदेश में पिछले दिनों हुई अति बारिश से फसल को नुकसान पहुंचा। इससे प्रदेश के किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा। सरकारी आंकलन के अनुसार जिन किसानों की फसल को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्हें मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। प्रदेश में करीब ढाई लाख ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है जिसकी फसल को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा है। इन किसानों के लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से 77 करोड़ 88 लाख रुपए मुआवजा की राशि जारी की गई है। 

अपर मुख्य सचिव एवं राजस्व सचिव मनोज सिंह के अनुसार प्रदेश के 35 जिलों में करीब 2 लाख 35 हजार के करीब किसानों को चिन्हित किया गया है जिनकी उपज बाढ़ एवं भारी बारिश की वजह से प्रभावित हुई। इसमें यूपी के 34 जिलों के किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जाना है जिसमें जिसमें देवरिया, गोरखपुर, महाराजगंज, संतकबीर नगर, सीतापुर, गाजीपुर, झांसी, बिजनौर, बस्ती, चित्रकूट, कानपुर देहात, सुल्तानपुर आदि जिलों को शामिल किया गया है। बता दें कि उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच भारी बारिश हुई है। इससे फसल को काफी नुकसान पहुंचा था।  

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