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कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर - बाजार भाव में भारी गिरावट

Published - 16 Mar 2020

कोरोना का कहर : एक लाख करोड़ रुपए का घाटा

चीन में कोरोना वायरस के कारण विश्वभर के बाजारों में मंदी का आलम है। भारत के शेयर बाजार में सेंसेक्स करीब 3100 अंकों का गोता लगा चुका है और बाजार नीचले स्तर पर बने हुए हैं। ब्रायलर, चिकन से कोरोना वायरस फैलने की अफवाहों ने पोल्ट्री उद्योग व भारतीय किसानों को करीब एक लाख करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है और नुकसान का यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। लोग कोरोना इस तरह डरे हुए हैं कि उन्होंने चिकन सहित अन्य मांसाहार का सेवन लगभग बंद सा कर दिया है। देश के कई भागों में चिकन 20 से 30 रुपए किलो तक बिकने लग गया है। आज ट्रैक्टर जंक्शन कोरोना वायरस का देश के किसानों पर पडऩे वाले प्रभावों के बारे में बता रहा है।

 

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करोना वायरस : 80 रुपए किलो लागत वाला चिकन 20 रुपए में बेचने की मजबूरी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पोल्ट्री उद्योग पूरी तरह उधार पर चलता है। ब्रायलर की उत्पादन लागत 80 रुपए है, लेकिन कोरोना की अफवाहों के कारण देश के कई भागों में चिकन की कीमत मात्र 20 रुपए मिल रही है। कोरोना के कारण ही पोल्ट्री किसानों को करीब 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। वहीं मक्का, सोयाबीन और बाजरा के किसानों को करीब 40 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। कोरोना की अफवाह के कारण ही पोल्ट्री उपकरण निर्माताओं, दवाओं की आपूर्तिकर्ताओं और फीड मुहैया कराने वाले उद्योग भी नुकसान उठा रहे हैं।

 

पोल्ट्री उद्योग को सरकारी सहायता की उम्मीद

हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार चिकन को उच्च तापमान में पकाया जाता है इसलिए इसमें कोरोना वायरस का टिकना मुश्किल है। देश के कई प्रांतों में जागरूकता फैलाने के लिए मेले तक लगाए गए हैं ताकि लोग चिकन से दूर नहीं हो। कोरोना के कारण पोल्ट्री किसानों के साथ उद्योग के साथ जुड़े लाखों लोगों की आजीविका पर संकट छाया हुआ है। इसलिए विशेषज्ञ सरकार से आगे आकर पोल्ट्री उद्योग व उससे जुड़े किसानों की मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
 

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कोरोना वायरस इंडिया : मक्का, बाजरा और सोया डीओसी के भाव समर्थन मूल्य से नीचे

कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले पोल्ट्री उद्योग में फीड के रूप में काम आने वाली जिंसों में शामिल मक्का, बाजारा व सोया डीओसी के भाव समर्थन मूल्य से ज्यादा ऊंचाई पर चल रहे थे। लेकिन अब भावों में भारी गिरावट आई है जिससे किसानों को 40 हजार करोड़ रुपए के अनुसान का अनुमान जताया जा  रहा है। मक्का समर्थन मूल्य 1760 रुपए प्रति क्विंटल है। मक्का 2400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक चुकी है और उत्पादक मंडियों में मक्का का भाव 1200-1400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से चल रहा है। मक्का की नई फसल भी अप्रैल में आनी है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल समर्थन मूल्य से सस्ती में बेचनी पड़ सकती है। इसी प्रकार बाजरे का समर्थन मूल्य 2000 रुपए प्रति क्विंटल है। बाजरा भी 2400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बाजार में बिक चुका है। अब बाजरे का भाव 1600-1800 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3710 रुपए है। यह जनवरी में 4300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक चुका है। अब इसका भाव 3600-3800 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। कोरोना वायरस के कारण चिकन और अंडे की बिक्री में भारी कमी के चलते मक्का, बाजारा और सोया डीओसी में मांग नहीं आ रही है।

 

कोरोना वायरस की जानकारी : दो करोड़ लोगों के रोजगार पर संकट, अब संकटमोचक बनें सरकार

देश में लगभग 50 लाख पोल्ट्री फार्म है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 2 करोड़ लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। लेकिन पोल्ट्री उद्योग को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है। इस संकट की घड़ी में किसानों और पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों को मोदी सरकार से उम्मीद है कि वह संकट मोचक बनकर उनकी समस्या का निदान करें। पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार समय-समय पर संकट में पड़े उद्योगों की सहायता करती रही है लेकिन सरकार पोल्ट्री उद्योग को मार्केट के भरोसे क्यों छोड़ रही है? अब पोल्ट्री उद्योग के लिए नीतियां बनाने, मंडी लाइसेंस समाप्त करने के साथ ही एपीएमसी को भी समाप्त करने का समय आ गया है। पोल्ट्री उद्योग को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों को बनाकर लागू करना होगा, तभी इससे जुड़े लोगों का भला हो पाएगा।
 

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होली के सीजन पर भारी गिरावट से छोटे किसान बर्बाद

देश में पोल्ट्री उत्पादकों के लिए तीन सीजन अहम होते हैं। इनमें पहला सीजन क्रिसमस तथा नया साल, दूसरा सीजन दशहरे के समय त्यौहारी मांग और तीसरा सीजन होली का होता है। होली पर चिकन की अच्छी मांग रहती है, लेकिन इस बार मांग 50 से 60 फीसदी तक कम रहा। जनवरी में जिस चिकन के दाम 100 से 125 रुपए किलो थे उसके दाम घटकर 40 रुपए तक आए गए हैं। वहीं दक्षिण भारत में चिकन की मांग में 60 फीसदी तक की कमी आई है और चिकन 30 रुपए किलो तक बिक रहा है।  

 

  

देश के किस भाग में चिकन की कीमत - Coronavirus in India

कंपाउंड फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मीडिया में जारी बयान के अनुसार, रायपुर और पुणे में चिकन की कीमतें कम हैं। रायपुर और पुणे में 30 रुपये किलो, बेंगलुरु में 35 रुपये किलो, हैदराबाद में 37 रुपये किलो और गुजरात में 40 रुपये किलो के भाव से चिकन बिक रहा है। उत्तर भारत में दरें सामान्य के करीब थीं, नई दिल्ली में 55 रुपये किलो और पंजाब में 60 रुपये किलो की दर है। 

 

चिकन पकाने की प्रक्रिया में नहीं बचता वायरस, मुर्गी खाने से नहीं होगा कोई नुकसान

बॉम्बे वेटरनरी कॉलेज के पोल्ट्री डिवीजन के प्रमुख अजीत रानाडे ने मीडिया में दिए एक बयान में बताया कि उच्च तापमान पर चिकन प्रकाने की प्रक्रिया वायरस को जीवित नहीं छोड़ सकती है। देश में कहीं भी चिकन में कोरोना वायरस की घटना नहीं हुई है। मुर्गी खाने से कोई नुकसान नहीं है।

 

कोरोना वायरस की ताजा स्थिति/कोरोना वायरस के बारे में 

चीन में कोरोना वायरस के कारण अब तक मृतकों का आंकड़ा 3213 पहुंच गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 80800 मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना वायरस का खौफ लोगों में बना हुआ है। 

 

कोरोना वायरस न्यूज - Coronavirus Update

कोरोना वायरस न्यूज ( coronavirus latest ) इन दिनों बिना पुष्टि के सिर्फ अनुमानों के आधार पर coronavirus खबरें भी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चल रही है। लोगों को सजग रहकर इनसे बचना चाहिए। विश्वभर में कोरोना के कारण अब तक 6000 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। ईरान में अब तक 611, दक्षिण कोरिया में 75, इटली में 1441 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख 70 हजार से ज्यादा हो गई है। भारत में अभी तक 112 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और दो लोगों की मौत हो चुकी है।

 

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