हरियाणा में बनेगी एशिया की सबसे बड़ी मंडी, 14 राज्यों के किसानों को होगा लाभ

Share Product Published - 09 Jun 2022 by Tractor Junction

हरियाणा में बनेगी एशिया की सबसे बड़ी मंडी, 14 राज्यों के किसानों को होगा लाभ

जानें, हरियाणा सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

हरियाणा के गन्नौर में बन रही एशिया कि सबसे बड़ी मंडी जल्द शुरू होने जा रही है। संभवत: इसी साल अगस्त, सितंबर माह में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। इससे देश के 14 राज्यों के किसानों को लाभ होगा। किसानों को फल, फूल और सब्जियों का एक बड़ा मार्केट मिल जाएगा, जहां किसान बागवानी फसलों का विक्रय और खरीद कर अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। 

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य सरकार ने बागवानी मंडी बाकी पड़े अधूरे कामों को पूरा करने की दिशा में तेजी ला दी है। इसके लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 18 वीं बैठक में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट लगाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल (आरएफपी) को मंजूरी दी गई है। इसके बाद काम में तेजी आएगी। हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर कंसलटेंट की हाई पावर कमेटी ने तकनीकी छंटनी के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बार्ड ने उनके फाईनेंसियल बिड्स खोलने की अनुमति भी दे दी है। बता दें कि वर्ष 2004 में गन्नौर की इस अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी की आधारशिला तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने रखी थी। इसके लिए करीब 550 एकड़ भूमि को इस मंडी के लिए अधिग्रहित किया गया है।

मंडी में 48 दुकानें बनकर है तैयार

इस मंडी में फल, फूल, सब्जी एवं डेयरी उत्पाद की हर तरह की खरीद व बिक्री की जाएगी। डेढ़ दशक पहले शुरू हुई इस मंडी का पहला शेड बनकर तैयार हो गया है। प्रथम चरण में 196 मीटर लंबा और 56 मीटर चौड़ा शेड बनाया गया है और इस शेड में 48 दुकानें शुरू की जाएंगी। बताया जा रहा है कि इन सभी दुकानों में लोडिंग-अनलोडिंग सहित सभी प्रकार की सुविधाएं होंगी। 

सीएम ने अधिकारियों को जल्द शुरू करने के दिए आदेश

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को जल्द मंडी को शुरू करने के आदेश दिए हैं ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके। इसी के साथ सीएम ने जानकारी दी कि अगले दो महीनों में मंडी में आए व्यापारियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद अलॉटमेंट कर दी जाएगी। ऐसे में अगस्त -सितंबर तक मंडी को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है इसमें 14 राज्यों से फल, फूल और सब्जी लाई जाएंगी। इससे इस मंडी का फायदा करीब 14 राज्यों के किसानों को होगा। इसे किसान रेल सेवा से भी जोड़े जाने की योजना है ताकि किसान कम किराये पर बागवानी फसल का परिवहन कर सकेंगे। 

मंडी में किसानों को मिलेंगी ये सुविधाएं

मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि यहां व्यापारियों के लिए सभी सुविधाओं से युक्त दुकानें, माल लेकर आने वालों के ठहरने की व्यवस्था, पार्किंग की व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। अगले दो माह में मंडी के लिए नीति तैयार कर आवंटन तथा अन्य कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और अगस्त से कारोबार शुरू हो जाएगा। 537 एकड़ में फैले इस इंटरनेशनल मार्केट में उत्पादकों को उनके फलों, सब्जियों, फूलों, मुर्गी पालन और डेयरी उत्पादों के लिए स्टोरेज व दूसरी सुविधाएं दी जाएंगी। यह मार्केट हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करेगा। इस मार्केट में 2 करोड़ टन फल, सब्जी, फूल और डेयरी उत्पादन को हैंडल करने की क्षमता के लिए तैयार किया गया है। इस मार्केट में वेयरहाउस, कोल्ड स्टोर, फल पकाने वाले स्टोर और स्टोरेज शेड्स होंगे। 

हरियाणा में बनने वाली इंटरनेशनल मंडी की खास बातें

  • इस मंडी पर 8 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी जिसमें से 1600 करोड़ रुपए नाबार्ड देगा। 
  • बागवानी मंडी में 17 बड़े शेड बनाए जाएंगे जिसमें आलू, प्याज, टमाटर, डेयरी प्रोडेक्ट, फूल, फल व सब्जियों के लिए अलग-अलग शेड होंगे। 
  • एयर कंडीशंड फूल व फिश मार्केट बनाई जाएगी।
  • अलग-अलग राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए यहां पार्किंग बनाई जा रही है।
  • इस मार्केट में एक लॉजिस्टिक हब भी बनाया जाएगा जिसमें रेफ्रीजेरेटेड गाडिय़ों की सुविधा मिलेगी।  


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