Published - 12 Oct 2020
खरीफ की फसल की खरीद शुरू हो गई हैं। इसी के साथ अधिकांश जगह पर खरीफ की फसल के उत्पादन का दौर पूरा हो चुका है। अब किसान रबी की फसल की बुवाई करने की तैयारी कर रहे हैं। इधर राज्य सरकारें भी किसान के लिए बीज, खाद व उर्वरक उपलब्ध कराने के प्रयास में लगी हुई है। इसके तहत इस समय उत्तरप्रदेश के किसानों को यहां की राज्य सरकार ने मुफ्त में सरसों के उन्नत बीज बांटने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को निशुल्क सरसों का बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इसी के साथ अन्य रबी फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस संबंध में कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने लखनऊ के कृषि निदेशालय में आगामी रबी सीजन को लेकर प्रदेश में बीज, खाद एवं उर्वरक की उपलब्धता के साथ विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देश में सर्वाधिक गेहूं उत्पादन उत्तरप्रदेश में होता है, प्रदेश में करीब 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं का उत्पादन किया जाता है। कृषि विभाग का मुख्य कार्य जनपद को उनकी मांग के अनुसार उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराना है। इसके अतिरिक्त उन्होंने आगामी रबी सीजन को देखते हुए अधिक से अधिक बीज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
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मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार कृषि मंत्री ने कहा कि रबी फसलों में मुख्य रूप से गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, सरसों एवं अलसी के लिए करीब 49 लाख 50 हजार क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। इसमें 8 लाख 27 हजार 391 क्विंटल बीज की व्यवस्था सरकारी, सहकारी एवं अद्र्ध सरकारी क्षेत्र के विभागों द्वारा और 41 लाख 22 हजार 609 क्विंटल बीज की व्यवस्था निजी क्षेत्र के माध्यम से की जाएगी। गेहूं की बुआई हेतु 7 लाख 64 हजार 768 बीज वितरण का लक्ष्य सरकारी, सहकारी एवं अद्र्धसहकारी क्षेत्र के विभागों को तथा 37 लाख 35 हजार 232 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य निजी क्षेत्र के लिए निर्धारित किया गया है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत सरकार इस वर्ष सरसों की खेती पर विशेष जोर दे रही है। देश में 75,000 करोड़ रुपए का खाद्य तेल आयात किया जाता है। इस दृष्टि से भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की खेती किए जाने की उम्मीद गई है। उन्होंने कहा कि इस साल हम सरसों और तिलहन उत्पादन का क्षेत्रफल बढ़ाएंगे और लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर सरसों का आच्छादन बढ़ाने की दृष्टि से किसानों को सरसों के उन्नत बीज उपलब्ध कराएंगे और हर संभव प्रयास किए जाएंगे। किसानों को 10 लाख हेक्टेयर की बुवाई के लिए उन्हें नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराए जाए। इस साल हम सरसों और तिलहन उत्पादन का क्षेत्रफल बढ़ाएंगे। सरसों का रकबा करीब 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए किसानों को निशुल्क बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्नत बीज वह होता है जिसके प्रयोग से अधिक पैदावार प्राप्त हो। साथ ही ऐसा बीज जो रोगों के प्रतिरोधक हो और प्रदेश की जलवायु के अनुसार हो। कई बार किसान ऐसे बीजों की बुवाई कर देते हैं जिससे उत्पादन घट जाता है और किसान को उम्मीद के अनुसार लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए प्रमाणिक उन्नत बीजों का ही उपयोग करना चाहिए। उन्नत बीज वह होता है जिसमें आनुवांशिक शुद्धता शत-प्रतिशत हो,अन्य फसल एवं खरपतवार के बीजों से रहित हो, रोग व कीट के प्रभाव से मुक्त हो, अंकुरण क्षमता उच्च कोटि की हो, खेत में जमाव और अन्तत: उपज अच्छी हो।
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