Published - 20 Sep 2021
भारत के कई राज्यों में धान की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। इनमें मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार आदि शामिल हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि कुछ जगहों पर धान की कटाई का काम शुरू हो गया है और अन्य जगहों पर भी धान की कटाई का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद किसान मंडियों में अपनी धान की उपज बेचने के लिए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसानों को खरीद केंद्र पर अपनी उपज बेचने में कोई परेशानी नहीं हो। इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश में भी धान की खरीद को लेकर राज्य की योगी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार बीते दिनों उत्तरप्रदेश में कैबिनेट कि बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को मंजूरी दे दी गई है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार 70 लाख टन धान की खरीदी करेगी। इसके लिए खरीदी केन्द्रों तथा खरीदी का समय निर्धारित कर दिया गया है।
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इस बार राज्य सरकार की ओर से धान खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 4,000 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। इसमें खाद्यविभाग की विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी.एस.एफ.) के 1500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी.सी.यू.) के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के 200, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के 200, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यू.पी.एस.एस.) के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 खरीद केंद्र शामिल हैं।
राज्य में धान खरीदी के बाद किसानों को धान के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के पी.एफ.एम.एस. पोर्टल के माध्यम से धान खरीदी के 72 घंटे के अंदर किया जाएगा। चावल मिल मालिकों को दिया जाएगा। धान खरीदी पर बोनस राज्य में चावल मिल को दिए गए धान के सापेक्ष 45 दिनों के अंदर मिल द्वारा केंद्रीय पुल में चावल सम्प्रदान करना होता है, तो उसे प्रोत्साहन राशि की दर अरवा चावल तथा सेला चावल के लिए 20 रुपए प्रति क्विंटल मिलिंग किए गए धान पर देय होगा। 45 दिनों में चावल का सम्प्रदान न होने पर 1 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होल्डिंग प्रभार देय होगा। प्रोत्साहन धनराशि की प्रतिपूर्ति केवल उन्हीं चावल मीलों को देय होगी, जिनका संबद्धिकरण जिलाधिकारी / सम्भागीय खाद्य नियंत्रक / आयुक्त, खाद्य एवं रसद द्वारा क्रमश: जनपद की, मंडल की व मंडल के बाहर की चावल मिल होने की स्थिति में किया जाएगा।
किसानों को धान समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए www.fsc.up.gov.in पर पंजीकरण करवाना आवश्यक होता है। बता दें कि उत्तरप्रदेश में धान की खरीदी खाद्य एवं रसद विभाग के द्वारा की जाती है। किसान अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 पर कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यूपी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल बेचने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। यह मूल्य देश के सभी राज्यों के लिए एक सामान लागू होते हैं। इस वर्ष सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि ग्रेड-ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति निर्धारित किया गया है।
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