पाम ऑयल की कीमतों में जोरदार उछाल, उत्पादन कम होने से बढ़े दाम

Share Product Published - 24 Jul 2020 by Tractor Junction

पाम ऑयल की कीमतों में जोरदार उछाल, उत्पादन कम होने से बढ़े दाम

भारत मलेशिया व इंडोनेशिया से करता है तेल का आयात

सोयाबीन तेल के बाद अब पाम ऑयल की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पाम ऑयल के दाम पांच महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। जानकारी के अनुसार  बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में अक्टूबर डिलीवरी के लिए पाम ऑयल 0.85 प्रतिशत बढक़र 2,731 रिंगिट ($ 641.83) प्रति टन पर पहुंच गया। इससे शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में यह 1.5 फीसदी चढ़ गया। हालांकि, उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि उत्पादन और सप्लाई बढऩे से चौथी तिमाही तक पाम तेल की कीमतों में गिरावट आएगी। पाम ऑयल उत्पादक देशों (सीपीओपीओ) की परिषद ने बुधवार को कहा था कि इंडोनेशिया और मलेशिया में ला नीना मौसम पैटर्न फसल उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।

 

भारी बारिश से पॉम ऑयल का उत्पादन कम होने का अनुमान

इस साल भारी बारिश के कारण पॉम ऑयल का उत्पादन घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। 2020 में (सीपीओपीसी) के पूर्वानुमान के मुताबिक, इंडोनेशिया में कच्चे पाम तेल का उत्पादन पिछले साल के 4.4 करोड़ टन से 10 लाख टन कम रहेगा, जबकि मलेशिया में उत्पादन 4.3 प्रतिशत गिरकर 1.9 करोड़ टन रह सकता है।

 

 

भारत किन देशों से करता है पॉम ऑयल का आयात 

भारत दुनिया में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। यह सालाना लगभग डेढ़ करोड़ टन का आयात करता है। इसमें से पाम तेल का 90 लाख टन आयात शामिल है, जबकि शेष 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी का तेलों का आयात किया जाता है। इंडोनेशिया और मलेशिया दो देश हैं जो ताड़ यानी पॉम तेल की आपूर्ति करते हैं। इसके अलावा अब भारत ने नेपाल व बांगलादेश से पॉम ऑयल का आयात शुरू कर दिया है।

 

कहां - कहां होता है पॉम ऑयल का इस्तेमाल

पाम का फल सस्ता होता है और इसका कई उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। खाने में नेस्ले के किटकैट से लेकर हलवा बनाने तक जो दक्षिण एशिया में त्योहारों का डिश होता है उसमें किया जाता है। लिपिस्टिक, शैंपू सहित अन्य सौंदर्य प्रसाधनों में इसका उपयोग होता है। इसके अलावा बायोडीजल में भी इसका उपयोग किया जाता है। कुछ व्यापारी ज्यादा पैसा कमाने के लालच में सरसों, मूंगफली तेल में इसकी मिलावट कर देते हैं क्योंकि यह सस्ता होता है। 

 

पॉम ऑयल की कीमते बढऩे से बाजार पर असर

डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध 0.90 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इसके पाम तेल अनुबंध में 2.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया ऑयल 0.3 प्रतिशत चढ़ा था। रॉयटर्स के तकनीकी विश्लेषक वांग ताओ ने कहा कि पाम ऑयल 2,739 रिंगिट प्रति टन तक बढ़ सकता है, क्योंकि इसने 2,700 रिंगिट के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर 
लिया है।
 

अगर आप अपनी  कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण,  दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back