Published - 24 Oct 2020 by Tractor Junction
पिछले कई सप्ताह से प्याज के भावों में बढ़ोतरी हुई और हालात ये हो गए कि बड़े शहरों में इसके भाव 100 रुपए तक पहुंच गए। यही प्याज जो कभी 20 से 30 रुपए में बेचा जा रहा था, अचानक उसके भावों में तेजी दिखाई दी। भाव इस कदर बड़े की सरकार द्वारा किए गए प्रयास भी इस पर लगाम नहीं लगा पाए। अब केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए प्याज के दामों को कम करने के लिए राज्यों को सस्ता प्याज उपलब्ध कराने का फैसला किया है ताकि लोगों को भी सस्ते में प्याज मिल सके। इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को 28 रुपए की दर से प्याज मुहैया कराएगी। इससे लोगों को फिर से 30-35 रुपए में प्याज मिल सकेगा। हालांकि सरकार ने प्याज के बढ़ते भावों के दौरान उसे नीचे लाने के लिए कई फैसले लिए लेकिन तमाम उपायों के बाद भी बाजार में प्याज के दाम तेजी से बढ़ते ही गए। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने खुद राज्यों को सस्ता प्याज बेचने की शुरुआत कर दी है।
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प्याज के आसमान छूते भावों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इ दिनों दिल्ली में प्याज 80 से 100 रुपए किलो, केरल में प्याज 100 से 120 रुपए, चंडीगढ़ में 90 से 110 रुपए तथा मुंबई में 80 से 90 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इसके भावों बढऩे को लेकर प्याज व्यापारियों का कहना है कि बारिश की वजह से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्याज की फसल खराब हुई है, जिसकी वजह से इसकी कीमतों में उछाल है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार प्याज के भावों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने अब राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्रीय सुरक्षित भंडार से प्याज की खेप उठाने को कहा है। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने बताया, हमने प्याज की कीमत वृद्धि पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तेज कर दिया है। हमने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से खुदरा हस्तक्षेप के लिये बफर स्टॉक से प्याज लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इसमें रुचि दिखाई है. ये राज्य बफर स्टॉक से कुल 8,000 टन प्याज ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय, अन्य राज्यों से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव ने बताया कि केंद्र नासिक, महाराष्ट्र के बफर स्टॉक से 26-28 रुपए प्रति किलोग्राम की खरीद दर पर उन राज्यों को प्याज की पेशकश कर रहा है, जो अपने आप स्टॉक को उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों को प्याज पहुंचाए जाने (डिलीवरी भेजने) की जरुरत है, उनके लिए कीमत 30 रुपए प्रति किलोग्राम होगी। इसके अलावा, सचिव ने कहा कि सहकारी संस्था नैफेड, जो सरकार की ओर से प्याज की बफर स्टॉक के लिए खरीद और उनका रखरखाव कर रहा है, देशभर के थोक मंडियों में प्याज के स्टॉक को ला रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, नाफेड राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय भंडार और मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्र के माध्यम से खुदरा बिक्री के लिए बफर स्टॉक से प्याज भी दे रहा है. सरकार ने अब तक वर्ष 2019-20 की रबी फसल से की गई खरीद से बनाए गए 1,00,000 टन के बफर स्टॉक से 30,000 टन प्याज बाजार में ला चुकी है. खरीफ प्याज के मंडियों में जल्द ही पहुंचने की संभावना है और सरकार को उम्मीद है कि 37 लाख टन की अनुमानित खरीफ फसल उत्पादन के बाजार में आने के बाद बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी जिससे कीमतें कम होंगी।
सरकार प्याज के आयात पर भी विचार कर रही है और 15 दिसंबर तक धुम्रशोधन व फाइटोसैनेटिक (स्वच्छता संबंधी) मानदंडों में ढील दी गई है। प्याज के आयात की खेपों को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावासों को सक्रिय किया है। सरकार ने 14 सितंबर को खरीफ प्याज के बाजार में आने से पहले प्याज के कम उत्पादन वाले समय में घरेलू उपभोक्ताओं को वाजिब कीमत पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
मीडिया में प्रकाशित समाचार के हवाले से केन्द्र सरकार के पास बफर स्टॉक में अब केवल 25 हज़ार टन प्याज ही बचा है, जो कि नवंबर के पहले सप्ताह तक ही खत्म हो जाएगा। नेफैड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है।
वर्तमान में घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और प्याज की कीमतों को कम करने के लिए नेफेड प्याज के बफर स्टॉक को उतार रहा है। बीते कुछ सप्ताह में प्याज की कीमतें 75 रुपए प्रति किलो तक जा चुकी है। प्याज के बफर स्टॉक को नेफेड केंद्र सरकर की तरफ से तैयार और प्रबंधन करता है, ताकि जरूरत पडऩे पर इसे इस्तेमाल किया जा सके. इस साल नेफेड ने बफर स्टॉक के लिए 1 लाख टन प्याज की सरकरी खरीद की थी। अब प्याज के बढ़ते कीमतों पर लगाम लगाने के लिए इसी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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