Published - 29 May 2020
अब किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने के लिए बार-बार मंडी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मध्यप्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने राज्य में चना, मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य खरीद पर से तय 25 क्विंटल की तय सीमा हटा दी है। इससे मध्यप्रदेश के किसानों को राहत मिली है। इससे राज्य के किसानों को यह फायदा होगा कि वह अपनी पूरी फसल समर्थन मूल्य में बेच सकेगा। मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने केंद्र सरकार से राहत देने का अनुरोध किया था। इसके तहत भारत सरकार ने मध्य प्रदेश में चना, मसूर, सरसों की प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन अधिकतम उपार्जन सीमा को समाप्त कर दिया है। पटेल ने बताया, इस निर्णय से मध्य प्रदेश के किसानों को तत्काल फायदा होगा, क्योंकि किसान अपनी पूरी फसल बेच सकेगा, भले ही यह 25 क्विंटल से अधिक क्यों न हो।
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कोरोना संमक्रण काल के दौरान हुए लॉकडाउन की वजह से कृषि के क्षेत्र में भी प्रभाव पड़ा है। हालांकि केंद्र सरकार ने कृषि कार्य के लिए लॉकडाउन किसानों को छूट प्रदान की जिसका परिणाम भी सकारात्मक मिले कि उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। अब सरकार ने राज्य के किसानों को यह छूट देकर उसे और राहत दी है। पहले किसान के सामने यह समस्या थी कि तय सीमा से ज्यादा समर्थन मूल्य पर नहीं बेच सकता लेकिन अब वह अपनी पूरी फसल समर्थन मूल्य पर बेच पाएगा जिससे उसे इकट्ठी एक अच्छी खासी रकम मिल पाएगी और बार-बार फसल बेचने के लिए मंडी जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। वहीं फसल लेकर बार-बार मंडी आने-जाने में लगने वाले ईंधन व श्रम की बचत भी होगी।
किसान द्वारा एक बार में पूरी फसल बचने से बिचौलिए इनका लाभ नहीं उठा पाएंगे। अक्सर बार-बार मंडी आने-जाने से हताश किसान कई बार बिचौलियों को फसल बेच देते है और इस बात का फायदा उठाकर बिचौलिए किसान से समर्थन मूल्य से कम दाम फसल खरीदने में कामयाब हो जाते है। इससे किसानों को हानि उठानी पड़ती है।
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