Published - 06 Aug 2020
हाजिर मांग में सप्लाई मांग घटने से मेंथा ऑयल की कीमतों में गुरुवार को तेजी देखने को मिली। इससे पहले 3 अगस्त को मेंथा ऑयल की कीमतों में गिरावट आई थी जिससे इसकी सप्लाई प्रभावित हुई थी। गुरुवार को मेंथा ऑयल में आई तेजी से इसके भावों को मजबूती मिली है जिससे इसका सौंदा करने वाले व्यापारियों को मुनाफा होने की उम्मीद है। गुरुवार को सुबह 10.20 बजे के आसपास एमसीएक्स पर मेंथा ऑयल का अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 2.30 रुपए या 0.24 फीसदी की तेजी के साथ 956.90 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था। बुधवार को मेंथा ऑयल का भाव 0.95 फीसदी चढक़र 954.60 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था।
बाजार एक्सपट्र्स के अनुसार हाजिर मांग सप्लाई के घटने के कारण मेंथा ऑयल में तेजी दिखी है। वहीं इसके उत्पादन को लेकर इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि इस साल मेंथा ऑयल का उत्पादन 40 फीसदी ज्यादा रह सकता है। इस साल मेंथा ऑयल का उत्पादन 52 हजार से 56 हजार टन के बीच रह सकता है। बता दें कि फार्मा और एफएमसीजी कंपनियां साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में मेंथा ऑयल का इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा पान मसाला उद्योग में भी मेंथा ऑयल की काफी खपत होती है। मेंथा ऑयल की कीमतों में तेजी या मंदी आना इसकी बाजार में मांग व पूर्ति पर निर्भर करता है।
मेंथा ऑयल की कीमतों में तेजी आने से किसानों को उनकी फसल का अधिक दाम मिलेगा। क्योंकि भाव तेज होने से सभी व्यापारी मेंथा ऑयल का अनुबंध सौंदों के लिए स्टॉक बढ़ाने की सोचेंगे जिसका फायदा किसानों को होगा। वैसे भी इस साल मेंथा ऑयल का उत्पादन 40 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है जिससे किसानों को फायदा होने की उम्मीद की जा सकती है।
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