Published - 18 May 2022 by Tractor Junction
कृषि मशीनरी और निर्माण उपकरण प्रमुख एस्कॉर्ट्स लिमिटेड ने चालू वित्तवर्ष में पूंजीगत खर्चें के रूप में 400 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय किया है। कंपनी की इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के निर्यात पर भी नजर है। कंपनी अगले 5-6 साल में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के निर्यात में अपनी भागीदारी भी बढ़ाएगी। कंपनी 5 साल बाद निर्यात बाजार में 30 से 40 हजार ट्रैक्टर प्रतिवर्ष बेचने का लक्ष्य बनाकर काम कर रही है।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कृषि मशीनरी और निर्माण उपकरण प्रमुख एस्कॉर्ट्स लिमिटेड ने नए उत्पाद पेश करने और उत्पादन क्षमता के निर्माण के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए 400 करोड़ रुपये तक का पूंजीगत खर्च करने का प्लॉन किया है। कंपनी ने अमेरिका और यूरोप जैसे बाजारों में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का निर्यात शुरू कर दिया है। अब कंपनी को उम्मीद है कि वह अगले पांच से छह वर्षों में अपने कुल विदेशी शिपमेंट में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की भागीदारी में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी।
एस्कॉर्ट्स लिमिटेड द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान करीब 400 करोड़ रुपए नए उत्पाद निर्माण और उनके लिए विनिर्माण क्षमता पर खर्च किए जाएंगे। ग्रुप सीएफओ भरत मदान ने पीटीआई-भाषा से बातचीत के दौरान बताया कि 2022-23 के दौरान कंपनी की निवेश योजना के अंतर्गत अभी पूंजीगत खर्च 350 से 400 करोड़ रुपए होगा। यह खर्च मुख्य रूप से विनिर्माण पक्ष के साथ-साथ उत्पाद पक्ष पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निवेश कंपनी द्वारा पेश किए जा रहे नए उत्पादों के लिए उत्पादन क्षमता के निर्माण के लिए होगा। क्योंकि कंपनी के मौजूदा प्लांटों में नए उत्पाद निर्माण के लिए क्षमता नहीं है।
एस्कॉर्ट्स लिमिटेड का मध्यावधि बिजनेस प्लान सितंबर-अक्टूबर तक तैयार होगा। इस संबंध में सीएफओ भरत मदान ने बताया कि कंपनी मध्यावधि व्यापार योजना को बनाने की प्रक्रिया में है, जिसके सितंबर-अक्टूबर तक तैयार होने की संभावना है। उसके बाद, हमारे पास आगे बढऩे वाले औद्योगिक रोडमैप और अगले दो वर्षों में कैसे निवेश होगा आदि मुद्दों पर और अधिक स्पष्टता होगी। मदान के अनुसार पूंजीगत व्यय में नए उत्पादों के लिए क्षमता लाइन बनाने के अलावा, विक्रेता की क्षमता का विस्तार भी शामिल होगा।
कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए टूलिंग में भी निवेश करेगी। मदान के अनुसार "जैसे-जैसे घरेलू बाजार में बिक्री बढ़ती है, वैसे निर्यात में भी वृद्धि होती है। कंपनी को विक्रेताओं की क्षमताओं का भी विस्तार करने की जरूरत है। कंपनी पूंजीगत व्यय कार्यक्रम के तहत टूलिंग आदि में भी कुछ निवेश करेगी। उन्होंने आगे कहा, कंपनी की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.7 लाख यूनिट है। यह क्षमता अगले दो-तीन साल के लिए पर्याप्त है।”
एस्कॉर्ट्स के इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की निर्यात बाजार में अच्छी डिमांड बनी हुई है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के निर्यात पर टिप्पणी करते हुए मदान ने कहा कि कंपनी वर्तमान में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर निर्यात कर रही है और इसकी बहुत अच्छी मांग है। यह कुबोटा (एस्कॉर्ट्स के नए प्रमोटर) के लिए भी फोकस क्षेत्रों में से एक है और वे उस सेगमेंट में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर निर्यात की संभावना पर उन्होंने कहा कि कंपनी का वर्तमान में कुल निर्यात केवल 7 से 8 हजार ट्रैक्टर है। हम अगले पांच से छह वर्षों में 30 से 40 हजार ट्रैक्टर निर्यात पर विचार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भी बड़ी संख्या में निर्यात होने चाहिए। कुल निर्यात में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का हिस्सा कम से कम 10 से 15 प्रतिशत होना चाहिए। मदान ने बताया कि कुछ इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों को परीक्षण के लिए कुबोटा को भी निर्यात किया गया है और अब अमेरिका से उनकी अच्छी मांग आ रही है, जो कि बड़े ऑर्डर हैं उन्हें पूरा किया जा रहा है।
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के निर्माण में बैटरी की सप्लाई एक बड़ी बाधा बनी हुई है। मदान के अनुसार इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के लिए सभी बैटरी चीन से आ रही है। कंपनी लिथियम-आयन बैटरियों का स्थानीय स्तर पर निर्माण के प्रयास कर रही है। स्थानीयकरण होने से लागत कम आएगी और समय की भी बचत होगी। यह एक प्रक्रिया है जो अभी चल रही है और इसमें कुछ महीने लग सकते हैं। कंपनी भारत में बैटरी के लिए किसी थर्ड पार्टी सप्लायर को आउटसोर्स करना चाहती है। बैटरी की उपलब्धता पर अधिक निर्यात संभव है।
भारत में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की लागत अभी सामान्य किसान की पहुंच से बाहर है। देश में बैटरी का निर्माण होने पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की कीमत में कमी संभव है। भारत में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की शुरुआत के बारे में मदान ने कहा, "घरेलू बाजार में लागत बहुत अधिक है। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि किसान तैयार हैं। बुनियादी ढांचा नहीं है, और दूसरा, लागत अभी भी किसानों की पहुंच से बाहर हैै।" उन्होंने आगे कहा कि एक बार स्थानीयकरण होने पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की लागत में कमी लाएगा और कंपनी को घरेलू बाजार में लॉन्च करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
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