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सास-बहू की सक्सेस स्टोरी : एक साल में 3 फसलों की पैदावार से कमाए लाखों रुपए

Published - 21 May 2022

सास-बहू ने बदले खेती के मायने, लहसुन की खेती से मिली बंपर पैदावार

सास-बहू के रिश्तों में भले ही पहले जैसी मिठास ना रही हो, लेकिन आज भी कुछ उदाहरण ऐसे हैं, जहां सास- बहू की जोड़ी ने किसी क्षेत्र में मजबूती से मोर्चा संभाला और सफलता के नए आयाम स्थापित कर दिखाए। जी हां, आज हम यहां बात कर रहे हैं हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव भूथन खुर्द में एक सास-बहू की जोड़ी की, जिन्होंने अपने साहसिक निर्णय से न केवल खेती का तौर-तरीका बदला, बल्कि आज सालाना लाखों रुपए की आमदनी भी कर रही है। अनीता जाखड़ ने अपनी 60 वर्ष से अधिक आयु की सास चमेली देवी के साथ मिलकर तीन एकड़ भूमि पर लहसुन की खेती शुरू की थी। जबकि अनीता के पति विनोद जाखड़ पंजाब के जालंधर में जमीन ठेके पर लेकर 7 एकड़ भूमि पर लहसुन की खेती की कमान संभाले हुए हैं। लेकिन यहां की तीन एकड़ भूमि पर लहसुन की खेती की कमाल सास-बहू ने मिलकर संभाली और सास-बहू की जोड़ी ने खेत में खरपतवार निकालने से लेकर खाद-पानी देने तथा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने तक हर जगह मजबूती से काम किया। 15 दिन पहले ही मजदूरों की सहायता से लहसुन की खुदाई करके जमीन से बाहर निकाल लिया है। लहसुन की प्रति एकड़ 50 क्विंटल के लगभग बंपर पैदावार हुई है। जिसको लेकर सास-बहू के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है। वो कहते है अगर किसी भी कार्य को लगन के साथ किया जाये तो फल हमेशा अच्छा ही मिलता है। लहसुन बंपर पैदावार से गांव के लोग सास-बहू की मेहनत की प्रसंसा कर रहे हैं और उनकी प्रेरणा से वो भी अपनी खेती का तरीका बदल रहे हैं। तो चलिए ट्रैक्टरजंक्शनकी इस पोस्ट के माध्यम से इन सास-बहू के खेती करने के तरीके पर चर्चा करते हैं।

बाजार भाव तेज होने पर बेचेंगे लहसुन 

भूना के वार्ड नंबर 14 निवासी अनीता जाखड़ अपनी सास चमेली देवी के साथ मिलकर तीन एकड़ खेत में लहसुन की खेती कर रहीं है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाइयों का अधिक उपयोग किये बिना ही लहसुन की प्रति एकड़ खेती से 50 क्विंटल की बंपर पैदावार प्राप्त की हैं। अब फिलहाल 35 रुपये किलो थोक का भाव मंडियों में चल रहा है। चमेली देवी व उसकी पुत्रवधू अनीता जाखड़ लहसुन को कुछ दिनों तक स्टॉक करके रखेंगी। उन्हें विश्वास है कि लहसुन का बाजार में थोक भाव 50 रुपये से भी अधिक होने का अनुमान है। बाजर भाव तेज होने पर वे लहसुन की इस पैदावार को बेचेंगे।   

साल में ले रही तीन पैदावार और हर साल कमा रही लाखों रूपये

आपको बता दें कि 15 दिन पहले मजदूरों की सहायता से लहसुन की खुदाई करके जमीन से बाहर निकाल लिया है। सास-बहू ने लहसुन की खेती में मिलकर बंपर पैदावार लेकर खेती का मायने ही बदल दिया। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव भूथनखुर्द की दसवीं पास पंचायत समिति भूना के वार्ड नंबर 14 की निवर्तमान सदस्य अनीता जाखड़ ने अपनी 60 वर्षीय सास चमेली देवी के साथ मिलकर तीन एकड़ में लहसुन की बिजाई की थी। अब लहसुन का पैदावार ले चुकी हैं और मूंग बिजाई की तैयारी में हैं और इस के बाद धान की बिजाई करेंगी। इस प्रकार सास-बहू मिलकर साल में तीन पैदावार ले रहीं हैं और लाखों रुपये आमदनी हो रही है।

सास-बहू ने साथ मिलकर बदला खेती का तरीका

चमेली देवी ने बताया कि 14 साल पहले पति की अकास्मिक मौत होने पर घर की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। घर में तीन बेटे व एक बेटी के पालन-पोषण का जरिया एक मात्र खेती ही थी। चमेली देवी अपने 10 एकड़ खेत में परम्परागत खेती तक ही सीमित थी, लेकिन शिक्षित बहू अनीता जाखड़ ने अपनी सास के साथ मिलकर खेती करने का तौर तरीका ही बदल दिया। चमेली देवी ने बताया कि पहले वर्ष एक कनाल में लहसुन लगाया, जिसमें हजारों रूपये की आमदनी हुई। उसके बाद उन्होंने प्रतिवर्ष तीन से चार एकड़ भूमि पर लहसुन की खेती करते हैं, जिससे प्रति वर्ष लाखों रुपए की आमदनी हो रही है। चमेली देवी के बेटे विनोद कुमार ने जालंधर में सात एकड़ जमीन में लहसुन की बंपर पैदावार ली है। भूथनखुर्द में पुश्तैनी जमीन पर सास-बहू मिलकर खेती कर रही हैं। जबकि पंचायत समिति सदस्य अनीता देवी के पति विनोद कुमार पंजाब में जमीन ठेके पर लेकर लाखों रुपये कमा रहे हैं।

लहसुन की पैदावार के बाद मूंग की बिजाई करते है 

अनीता जाखड़ ने बताया कि लहसुन की पैदावार लेने के तुरंत बाद मूंग की बिजाई कर देते हैं। मूंग की पैदावार प्रति एकड़ सात से दस क्विंटल के बीच में हो जाती है। मूंग की पैदावार लेने के बाद धान की रोपाई कर देते हैं। फसल चक्र के साथ पिछले कई वर्षों से लगातार तीन फसलों से प्रति एकड़ तीन लाख से भी अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फसल विविधीकरण पद्धति से पैदावार भी अच्छी मिलती है और साथ ही फसलों में रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का भी कम इस्तेमाल करना पड़ता है। उन्होंने कहा अगर जमीन में लगातार एक ही किस्म की फसल लेंगे तो उत्पादन में गिरावट आ सकती है और जमीन भी बंजर होने की आशंका बनी रहती है। अनीता जाखड़ का कहना है कि लहसुन की खेती से जहां किसान को आर्थिक फायदा मिलता है वहीं जमीन की गुणवत्ता में भी बड़े स्तर पर सुधार होता है। इसलिए सब्जियों कि खेती किसानों एवं उनके खेत के लिए फायदेमंद है।


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