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ब्लैक फंगल : कोरोना के बाद ब्लैक फंगल बीमारी ने पैर पसारे, सरकार की चिंता बढ़ी

Published - 20 May 2021

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दिए ब्लैक फंगल को महामारी घोषित करने के निर्देश, अधिसूचना जारी

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अभी पूरी हम उबर ही नहीं पाए कि देश में एक दूसरे गंभीर संक्रमण ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस/म्यूकरमाइकोसिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये रोग काफी गंभीर बताया जा रहा है और इसका अभी फिलहाल पुख्ता इलाज नहीं है। इस बीमारी को गंभीरता से लेते हुए हाल ही में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि ब्लैक फंगस/म्यूकरमाइकोसिस को महामारी घोषित किया जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत महामारी घोषित किया जाए। इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि हर पुष्ट और संभावित केसों की जानकारी भी केंद्र सरकार को उपलब्ध कराई जाए। 

 

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अभी तक इन राज्यों ने ब्लैक फंगल को किया है महामारी घोषित

ब्लैक फंगल रोग गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कुछ राज्यों ने अपने यहां इसे महामारी घोषित कर दिया है। अभी पिछले दिनों हरियाणा में इस रोग से पीडि़त रोगी पाए गए थे और इसे देखते हुए हरियाणा सरकार ने इसे महामारी घोषित किया था। इसके बाद राजस्थान सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया है। बता दें कि इससे पहले तेलंगाना सरकार ने इसे राज्य में महामारी घोषित किया हुआ है।


राजस्थान सरकार ने जारी की अधिसूचना

राज्य में ब्लैक फंगल के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राजस्थान सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया है। इसको लेकर राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा द्वारा जारी इस अधिसूचना के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के कारण म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि, ब्लैक फंगस के कोरोना वायरस संक्रमण के दुष्प्रभाव के रूप में सामने आने, कोविड-19 व ब्लैक फंगस का एकीकृत व समन्वित उपचार किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 3 की सहपठित धारा 4 के तहत म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को संपूर्ण राज्य में महामारी और अधिसूचनीय रोग अधिसूचित किया गया है। 


राजस्थान में ब्लैक फंगल के करीब 400 मामले

राजस्थान में जयपुर, अजमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर समेत कई जिलों में ब्लैक फंगस के करीब 400 मामले हैं। अकेले जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में 45 से अधिक मरीज भर्ती हैं। अस्पताल में 33 बेड का वार्ड फुल होने के बाद अलग से नया वार्ड बनाया गया है। जयपुर के निजी अस्पतालों में अब तक इस बीमारी के 70 से अधिक केस आ चुके हैं। जोधपुर में एम्स और मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। बीकानेर में भी 30 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। राजस्थान में इस बीमारी से अब तक 2 मरीजों की मौत हो चुकी है, 80 से ज्यादा मरीजों में घातक लक्षण दिखे। जयपुर शहर के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस में ब्लैक फंगस के 45 से ज्यादा मरीज अब तक भर्ती हो चुके है। वहीं जयपुर में अलग-अलग निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 70 से ज्यादा केस आ चुके है। राजस्थान में सबसे अधिक केस जयपुर में ही सामने आए हैं।


गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे अधिक मरीज

गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अब तक इसके 1,800 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं दिल्ली के एम्स में रोजाना 20 से ज्यादा मरीज इस रोग से पीडि़त आ रहे हैं। देशभर में फैले मैक्स हॉस्पिटल चेन में ब्लैक फंगस के 50 मामले दर्ज हुए हैं। अकेले दिल्ली में इनकी संख्या 25 है। वहीं दिल्ली के श्री गंगाराम अस्पताल में 48 मरीज भर्ती है और 16 मरीज वेटिंग में हैं। वहीं बीते दिनों मध्यप्रदेश में भी म्यूकोरमाइकोसिस के मामले देखने को मिले। इस बीमारी से अबतक यहां दो लोगों की जान चली गई है। राज्य में इसके 50 से ज्यादा मामले सामने आए। इसी तरह तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में ब्लैक फंगस के 60 के करीब मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक में भी ब्लैक फंगल (म्यूकोरमाइकोसिस) के मामले देखने को मिल रहे हैं। बंगलूरू में पिछले दो हफ्तों में इस बीमारी के 38 मामले सामने आए। 


किन लोगों में अधिक देखा गया है इस रोग का खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी कोरोना वायरस से ठीक हुए मधुमेह के रोगियों में अधिक हो रही है। इस बीमारी में पीडि़त की आंखों की रोशनी जाने के साथ ही जबड़े तक को निकालने की नौबत आ रही है। राजस्थान में करीब 100 मरीज ब्लैक फंगस से प्रभावित हैं। इनके उपचार के लिए जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है, जहां पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जा रहा है। 


क्या है ब्लैक फंगल

ब्लैक फंगस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है। ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं। यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लडऩे की क्षमता कम करती हैं। इस बीमारी के तहत मरीज की आंख की रोशनी जाने और जबड़े और नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है। ये इतनी गंभीर बीमारी है इसमें सीधे मरीज को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। बता दें कि इस बीमारी के लक्षण अधिकतर कम इम्युनिटी वालों लोगों सहित मधुमेह से पीडि़त लोगों में पाए गए हैं। 


क्या होते है इस बीमारी के लक्षण

  • प्रारंम्भिक लक्षणों में इस बीमारी में नाक खुश्क होती है। नाक की परत अंदर से सूखने लगती है व सुन्न हो जाती है। 
  • चेहरे व तलवे की त्वचा सुन्न हो जाती है। चेहरे पर सूजन आती है। 
  • दांत ढीले पड़ते हैं। कई मरीजों में फंगस नीचे की ओर फैलता है तो जबड़े को खराब कर देता है। दांतों में फंगल जमने के कारण मरीज का जबड़ा निकालने तक की नौबत आ जाती है।
  • इस बीमारी में आंख की नसों के पास फंगस जमा हो जाता है, जो सेंट्रल रेटाइनल आर्टरी का ब्लड फ्लो बंद कर देता है। इससे अधिकांश मरीजों में आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है। 

 

मधुमेह के मरीज रखें ये सावधानियां

जानकारों का कहना है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। डायबिटीज वाले रोगियों पर भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है और जिनके साथ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, वो इसके लिए चपेटे में आ सकते हैं। ये सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी। डॉक्टरों की ओर से मरीजों को सलाह दी गई है कि वे शीघ्र उपचार कराएं, मधुमेह नियंत्रित करें, स्टेरॉयड तभी लें जब ये आवश्यक हों।


इधर कोरोना संक्रमण के मामलों में आ रही है कमी

भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के रोजाना आने वाले नए मामले घटे हैं। 4 लाख से पार जा चुके मामले अब 3 लाख से नीचे आ गए हैं। गुरुवार को देशभर में कोरोना के 2 लाख 76 हजार 70 नए मामले दर्ज किए गए हैं। बीते 24 घंटों में भारत में 20 लाख 55 हजार 10 सैंपल टेस्ट किए गए हैं, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी आईसीएमआर के मुताबिक, देशभर में अब तक कोरोना के कुल 32 करोड़ 23 लाख 56 हजार 187 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 20 लाख 55 हजार 10 सैंपल सिर्फ कल टेस्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों के अंदर 3 लाख 69 हजार 77 कोरोना मरीज ठीक भी हुए हैं, तो वहीं 3 हजार 874 मरीजों की जान भी गई है। 


कोरोना की देश में अब तक की स्थिति

अभी तक भारत में कोरोना वायरस के कुल 2 करोड़ 57 लाख 72 हजार 400 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं, जिनमें से 2 करोड़ 23 लाख 55 हजार 440 लोग ठीक हुए हैं। वहीं कोरोना की वजह से कुल 2 लाख 87 हजार 122 लोग दम तोड़ चुके हैं। फिलहाल देश में कोरोना के 31 लाख 29 हजार 878 ऐक्टिव केस हैं। 

 

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