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यूनिक आईडी कार्ड : भारत में अब छोटे किसानों का भी बनेगा यूनिक आईडी 

Published - 07 Sep 2021

क्या है यूनिक आईडी और इससे कैसे होगा किसानों को फायदा

भारत में अब छोटे किसानों का भी यूनिक आईडी कार्ड बन सकेगा। इससे इन किसानों की पहचान हो सकेगी। वहीं किसानों को यूनिक आईडी कार्ड से सरकारी योजनाओं का फायदा लेने में आसानी होगी। इससे सबसे बड़ा लाभ ये होगा की वास्तविक पात्र व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच सकेगा जिससे बिचौलियों और दलालों की भूमिका खत्म होगी। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। बता दें कि विभिन्न छोटे-मोटे काम धंधों में लगे असंगठित मजदूरों के अब भारत सरकार संबल कार्ड के जैसे ही अब देशभर के असंगठित श्रमिकों के यूनिक आईडी कार्ड भी बना रही है। इसके तहत अभी तक लगभग 5 करोड़ किसानों के विवरणों का डेटाबेस तैयार हो चुका है, आशा है कि जल्द ही समस्त भूमिधारी किसानों को जोडक़र डेटाबेस पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि इस कार्यक्रम को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 25 अगस्त को लांच किया था। मंत्रालय के अनुसार देशभर में 43.7 करोड़ असंगठित वर्कर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अब इनका कार्य के अनुसार विभाजन कर खाका तैयार किया जाएगा ताकि इनके उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें क्रियान्वित किया जा सके।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रैक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1 


झारखंड में 58 लाख किसानों का बनेगा यूनिक आईडी कार्ड

इधर झारखंड में 58 लाख किसानों को यूनिक आईडी कार्ड बनाएं जाएंगे। इसके लिए झारखंड राज्य सरकार ने एक खास योजना शुरू की है। दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा बिरसा किसान योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत लगभग 58 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा, जिनकी पहचान बिरसा किसान के तौर पर होगी। बता दें कि बिरसा किसान योजना के तहत एक यूनिक आईडी कार्ड बनाया जाएगा। इसके साथ ही किसानों का रजिस्ट्रेशन भी होगा। इस योजना का खास बात यह है कि इससे अधिक से अधिक गरीब किसानों को जोड़ा जाएगा, ताकि उन किसानों को कृषि से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। इस योजना के तहत लगभग 58 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा, जिनकी पहचान बिरसा किसान के तौर पर होगी।


क्या है किसान यूनिक आईडी कार्ड

किसानों की यूनिक आईडी इस डेटाबेस को देशभर के किसानों के भूमि रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा और यूनिक किसान आईडी दी जाएगी। यूनिक आईडी कार्ड में एक बार कोड दिया जाएगा, जिससे किसानों की पहचान होगी। कृषि पदाधिकारियों द्वारा इस बार कोड का उपयोग किया जा सकेगा। इसके जरिए किसानों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा। इस जानकारी को एक सर्वर पर अलग से अपलोड कर स्टोर किया जाएगा, ताकि यह पता चल पाए कि किसान को किस योजना का लाभ मिल चुका है। इतना ही नहीं किसानों के लिए तैयार डेटाबेस के तहत केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के सभी फायदों की जानकारी इस डेटाबेस में रखी जा सकती है और यह भविष्य में किसानों को फायदा पहुंचाने की जानकारी प्राप्त करने का स्रोत हो सकता है।


यूनिक आईडी कार्ड से होने वाले लाभ

  • यूनिक आईडी कार्ड बनते ही इन असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिल जाएगा। इसका एक साल का खर्च भी खुद सरकार ही वहन करेगी।
  • असंगठित श्रमिक किस वर्ग से है का खाका तैयार करने के बाद सामाजिक सुरक्षा योजनाएं जो कि मंत्रालय और सरकार ने चलाई हैं उन्हें आसानी से क्रियान्वित कर इनके लिए बजट का प्रावधान किया जा सकेगा।
  • श्रमिकों की गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे हैं को आसानी से ट्रेक किया जा सकेगा। आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी। जैसे कोरोना काल में इन्हें इनके घर तक पहुंचाना, खाने की व्यवस्था करना इत्यादि।
  • रोजगार के अवसर भी इनके लिए इनके वर्ग के हिसाब से सरकार सृजित कर सकेगी, साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के मजदूरों की जरूरत होगी तो इसी यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों को सूचित भी किया जा सकेगा।


कौन-कौन बनवा सकता है यूनिक आईडी कार्ड

छोटे किसान, कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, पशुपालन, मछली विक्रेता, मोची, ईट भट्टों पर काम करने वाले, घरों में काम करने वाले, रेहड़ी-थड़ी वाले, न्यूज पेपर वेंडर, कार पेंटर, प्लंबर, रिक्षा व आटो रिक्ता संचालक, मनरेगा वर्कर, दूध विक्रेता, स्थानांतरित लेबर, नाई, आशा वर्कर, चाय विक्रेता व ऐसे मजदूर जोकि किसी संगठन के साथ नहीं जुड़े हैं। ये सभी यूनिक आईडी बनवा सकते हैं।


यूनिक आईडी कार्ड बनवाने का कितना लगेगा शुल्क

जिले में भी समस्त असंगठित श्रमिकों का पंजीकृत किया जाना है। सभी का पंजीकरण नि:शुल्क नागरिक सुविधा केंद्र के माध्यम से होगा। इसके लिए सरकार नागरिक सुविधा केंद्र को 20 रुपए प्रति कार्ड देगी। हालांकि यदि इस यूनिक आईडी कार्ड में आवेदक बाद में अपडेट करवाता है तो उसके 20 रुपए उसे खुद वहन करने होंगे। 


यूनिक आईडी बनवाने के लिए कहां करें संपर्क (  Unique ID card )

पंजीयन के लिए असंगठित श्रमिक अपने गांव या शहर के नजदीकी कामन सर्विस सेंटर पर जाकर 16 से 59 वर्ष की आयु का असंगठित श्रमिक नि:शुल्क पंजीयन करा सकते है। पंजीयन के बाद उन्हे तुरंत कार्ड दे दिया जाएगा।  


यूनिक आईडी कार्ड के पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज

यूनिक आईडी कार्ड बनवाने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। जो इस प्रकार से हैं-

  • आवेदक का पास आधार कार्ड
  • आवेदन करने वाले का बैंक का खाता नंबर (बैंक पास बुक के प्रथम पेज की कॉपी)
  • आवेदक का मोबाइल नंबर 


आवेदक ध्यान दें

  • आवेदक का पीएफ और ईएसआई खाता नहीं होना चाहिए। 
  • आवेदक किसी भी संगठित समूह या संस्था का सदस्य नहीं होना चाहिए। 

 

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