Published - 18 Jun 2021 by Tractor Junction
एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं भारत-इजरायल कृषि परियोजना (आईआईएपी) के तहत बागवानी के क्षेत्र में इजरायली प्रौद्योगिकियों का भारत में अधिक से अधिक लाभ उठाने के उद्देश्य से कर्नाटक में तीन उत्कृष्ट्रता केंद्र खोले गए हैं। हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य में स्थापित तीन उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) का उद्घाटन किया। मीडिया प्रकाशित खबरों के अनुसार गए एक सरकारी बयान में कहा गया है कि आम के लिए कोलार में, अनार के लिए बागलकोट में और सब्जियों के लिए धारवाड़ में उत्कृष्टता केंद्र बनाया गया है। बयान में कहा गया है कि ये उत्कृष्ट्रता केन्द्र (सीओई) एक उन्नत और गहन कृषि फार्म हैं जो जानकारियां सृजित करते हैं, सर्वोत्तम खेती के तौर तरीकों का प्रदर्शन करते हैं और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप इजरायल के नये कृषि-प्रौद्योगिकी के आधार पर किसानों को प्रशिक्षित करते हैं। येदियुरप्पा ने कहा कि बागवानी उत्पाद के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए फसल उत्पादन और कटाई के बाद के प्रबंधन में नई तकनीकों को अपनाने की बहुत गुंजाइश है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
कृषि मंत्री तोमर ने कहा है कि इन केंद्रों में सालाना 50,000 कलम और 25 लाख सब्जियों के पौध तैयार करने की योजना है। उन्होंने कहा कि लगभग 20,000 किसानों बागवानी में आधुनिक खेती के तरीकों की जानकारी हासिल करने के लिए ऐसे उत्कृष्टता केन्द्रों का दौरा कर चुके हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) डिवीजन और मशाव - इजऱाइल की अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी, इजऱाइल के सबसे बड़े जी2जी सहयोग का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत में 12 राज्यों में 29 ऑपरेशनल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस सहित, स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप उन्नत इजऱाइली एग्रो-प्रौद्योगिकी को लागू कर रहे हैं। इन 29 पूर्णत: क्रियाशील सीओई में से 3 कर्नाटक से हैं। ये हैं- आम के लिए कोलार, अनार के लिए बगलकोट और सब्जियों के लिए धारवाड़। उत्कृष्टता के ऐसे केंद्र ज्ञान सृजित करते हैं, सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करते हैं और अधिकारियों तथा किसानों को प्रशिक्षित करते हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि तकनीक के मामले में दोनों देश एक साथ काम कर रहे हैं, जिसका परिणाम अच्छे रूप में परिलक्षित हो रहा है। इजराइल की तकनीक से स्थापित सेंटर्स बहुत सफल रहे हैं। ये सेंटर्स किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना भी है। भारत और इजराइल के बीच तकनीक की साझेदारी से उत्पादकता बढऩे के साथ ही किसानों को उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिल रही है। इससे उपज के दाम अच्छे मिलते हैं। सेन्टर्स ऑफ एक्सीलेन्स ने नई तकनीकों के प्रचार-प्रसार व प्रदर्शन के साथ-साथ इनके आसपास के किसानों और फील्ड स्टाफ को प्रासंगिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इजराइल के तकनीकी सहयोग से एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) द्वारा वित्तपोषित, 34 सी.ओ.ई. अनुमोदित किए गए हैं, जिनमें से 29 सेन्टर्स सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभा रहे हैं और इनका सुफल किसानों को मिल रहा हैं। इनमें से 3 कर्नाटक में शुरू किए गए हैं। ये हैं- आम के लिए कोलार सेन्टर, अनार के लिए बागलकोट सेन्टर और सब्जियों के लिए धारवाड सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स। कृषि क्षेत्र से आने वाली देश की कुल जी.डी.पी. में कर्नाटक का बागवानी क्षेत्र अहम योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि नवीनतम पद्धतियों का इस्तेमाल होना चाहिए, जिसके लिए इजराइल के विशेषज्ञों के तकनीकी सहयोग से आई.आई.ए.पी. के अंतर्गत इन सेंटर्स ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की गई हैं। श्री तोमर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इन सी.ई.ओ. द्वारा वर्ष 2021-22 के दौरान इण्डो-इजराइल विलेजिज़ ऑफ एक्सीलेन्स के रूप में विकसित करने के लिए 10 गांवों को गोद लिया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सेन्टर्स से कृषक समुदाय को नवीनतम तकनीकें प्राप्त करने, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने में सहायता मिलेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थायित्व आएगा।
तोमर ने कहा कि भारत, विश्व में बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत विश्व की कुल फलों तथा सब्जियों का लगभग 12 प्रतिशत उत्पादन करता है। वर्ष 2019-20 के दौरान, भारत ने भारतीय बागवानी के इतिहास में 320.77 मिलियन मीट्रिक टन के उच्चतम बागवानी उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। इसी तरह, वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पादन 326.6 मिलियन मीट्रिक टन होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा है। विश्व में बागवानी फसलों का भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक तो है, लेकिन हमें विश्व बागवानी व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।