कृषि मशीनीकरण पर उपमिशन : हर राज्य के किसानों को मिलेंगे कृषि यंत्र व उपकरण

Share Product Published - 14 Jun 2021 by Tractor Junction

कृषि मशीनीकरण पर उपमिशन : हर राज्य के किसानों को मिलेंगे कृषि यंत्र व उपकरण

जानें, आपके प्रदेश को कितने रुपए का बजट हुआ आवंटित, किसानों को कैसे होगा फायदा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए संकल्पबद्ध है। सरकार उन तमाम उपायों को अपना रही है जिससे किसानों की आय बढ़ सके। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी, खाद-बीज पर सब्सिडी, कृषि बिल पर सब्सिडी, न्यूनतम ब्याज दर पर लोन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6 हजार रुपए सालाना की सहायता, कृषि मशीनीकरण पर सब्सिडी, ट्रैक्टर पर सब्सिडी आदि उपलब्ध करा रही है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने अप्रैल 2014 में कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) शुरू किया गया था जिसका मकसद उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कृषि मशीनीकरण की समावेशी विकास करना था। है। केंद्र सरकार ने अब कृषि मशीनीकरण पर उपमिशन के तहत विभिन्न राज्यों को राशि आवंटित की  है। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आईये, जानते हैं कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन योजना की खास बातें और किस राज्य को कितनी राशि का आवंटन हुआ है। 

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जानें, कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन की खास बातें 

  • कृषि मशीनीकरण समय पर खेत को तैयार करने के कामकाज को समय में निपटाने और इसमें लगने वाले समय में कटौती करने के माध्यम से पैदावार बढ़ाने में मदद करता है और खर्च का बेहतर प्रबंधन करता है। 
  • मशीनीकरण प्राकृतिक संसाधनों की उत्पादकता को भी बढ़ाता है और अलग-अलग खेती से जुड़ी बुरी प्रथाओं को कम करता है। 
  • कृषि यंत्रीकरण उपलब्ध कृषि योग्य क्षेत्र की उत्पादकता को अधिकतम करने और ग्रामीण युवाओं के लिए कृषि को अधिक लाभदायक और आकर्षक पेशा बनाने के लिए भूमि, जल ऊर्जा संसाधनों, जनशक्ति और अन्य इनपुट जैसे बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग को अनुकूलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • कृषि क्षेत्र के सतत विकास के लिए कृषि मशीनीकरण प्रमुख कारकों में से एक है। सतत कृषि मशीनीकरण विकास के लिए नवीनतम तकनीक द्वारा पर्याप्त रूप से समर्थित उपयुक्त और सटीक कृषि मशीनरी की आवश्यकता होती है।
  • कृषि मंत्रालय ने एक कई भाषाओं वाले मोबाइल ऐप, 'सीएचसी- फार्म मशीनरी' भी डेवलप किया है, जो किसानों को उनके इलाके में स्थित कस्टम हायरिंग सर्विस सेंटरों से जोड़ता है। यह ऐप छोटे और सीमांत किसानों को खेती के कामकाज के लिए किराए के आधार पर मशीनें लेने के लिए प्रोत्साहित करके देश में कृषि मशीनीकरण की सुविधा प्रदान कर रहा है, ताकि उन्हें ऐसी ज्यादा कीमत वाली मशीनों की खरीद न करनी पड़े. ऐप को और अपडेट किया गया है।


कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन : जानें, राज्यों को कितनी धनराशि जारी की गई?

कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) योजना के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार ने कृषि मशीनीकरण की विभिन्न गतिविधियों जैसे कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि मशीनरी बैंक, हाई-टेक हब की स्थापना और विभिन्न कृषि मशीनरी के वितरण के लिए धन जारी किया है। 

  • मध्य प्रदेश : कृषि यंत्रीकरण पर उप मिशन (एसएमएएम) योजना के तहत 2014-15 से 2020-21 की अवधि के दौरान  कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश को 288.24 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और 2021-22 के दौरान 2000 कृषि यंत्रों एवं उपकरणों के वितरण एवं 90 कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना हेतु प्रथम किश्त के रूप में 16.20 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
  • आंध्रप्रदेश :  वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा आंध्र प्रदेश को 621.23 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत 525 कस्टम हायरिंग केंद्रों तथा 34 उच्च तकनीकी केंद्रों की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 32.93 करोड़ रुपये जारी किए गए। 
  • तमिलनाडु : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा तमिलनाडु को 421.65 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत 269 कृषि मशीनरी तथा उपकरणों के वितरण, 115 कस्टम हायरिंग केंद्रों तथा 10 उच्च तकनीकी केंद्रों की स्थापना और गांव के स्तर पर 100 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 21.74 करोड़ रुपये जारी किए गए।
  • केरल  : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा केरल को 89.94 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर 4280 विभिन्न मशीनों और उपकरणों को वितरण और ग्राम स्तर पर 58 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 12.35 करोड़ रुपए जारी किए गए।
  • अरुणाचल प्रदेश : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान अरुणाचल प्रदेश को 36.36 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई। वर्ष 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर 6045 विभिन्न मशीनों और उपकरणों के वितरण के लिए पहली किस्त के रूप में 3.66 करोड़ रुपए जारी किए गए।  
  • मणिुपर : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा मणिपुर को 61.05 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत ग्राम स्तर पर 18 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 2.27 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
  • नागालैंड : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा नागालैंड को 110.05 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर 497 विभिन्न मशीनों और उपकरणों को वितरण और ग्रामीण स्तर पर 25 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 7.57 करोड़ रुपए जारी किए गए।
  • त्रिपुरा : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा त्रिपुरा को 121.12 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर 65 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 6.12 करोड़ रुपए जारी किए गए।
  • उत्तरप्रदेश : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश को 294.74 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत 290 कस्टम हायरिंग केंद्रों तथा गांव के स्तर पर 290 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 22.12 करोड़ रुपए जारी किए गए।
  • उत्तराखंड : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा उत्तराखंड को 182.05 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर 1685 विभिन्न मशीनों और उपकरणों के वितरण, 6 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना और गांव स्तर पर 35  कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 10.53 करोड़ रुपए जारी किए गए।
  • पश्चिम बंगाल : वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा पश्चिम बंगाल को 53.81 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है और 2021-22 के दौरान एसएमएएम योजना के अंतर्गत 25 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए पहली किस्त के रूप में 2.6 करोड़ रुपए जारी किए गए।

 

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