Published - 17 Sep 2020 by Tractor Junction
अब सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें बिना ब्याज के लोन उपलब्ध कराएगी। इससे वह अपना स्वरोजगार शुरू कर सकेगी। यह लोन केवल महिलाओं को ही दिया जाएगा और इस योजना की सबसे बड़ी बात यह है कि इस लोन के ब्याज का भुगतान सरकार स्वयं करेगी। लोन लेने वाली महिलाओं को तो सिर्फ मूल रकम ही चुकानी होगी। इस तरह से महिलाएं स्वरोजगार के लिए लोन लेकर सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। यह सरकार का महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान करने में सहायता देने के उद्देश्य से किया गया प्रयास है। सरकार को उम्मीद है कि इसका लाभ उठाकर महिलाएं आत्मनिर्भर बनेगी। राज्य सरकार इस योजना पर कार्य कर रही है और इस योजना को 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू किया है।
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गुजरात सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। वह महिलाओं को ब्याज मुक्त कर्ज देने के लिए विशेष स्कीम शुरू करेगी। कोविड-19 महामारी के समय महिलाओं में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस स्कीम को शुरू किया जाएगा। गुजरात की तर्ज पर दूसरे राज्य भी इस तरह की स्कीम शुरू कर सकते हैं। इस स्कीम का 10 लाख महिलाओं को फायदा मिलेगा। स्कीम के तहत इन्हें बिना ब्याज के कर्ज दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने बताया है कि मुख्यमंत्री महिला कल्याण योजना (एमएमकेएस) के तहत प्रत्येक 10 सदस्यों वाले महिला स्वयं सहायता समूह को एक लाख रुपए का कर्ज दिया जाएगा। कर्ज पर जो भी ब्याज लगेगा उसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा।
इस योजना केे लिए सरकार की ओर से 1,000 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। इस स्कीम के अंतर्गत कुल एक लाख स्वयं सहायता समूह को मदद दी जाएगी। इसमें 50,000 ग्रामीण क्षेत्रों और 50,000 शहरी क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूह होंगे। इस लोन को चरणबद्ध तरीके से दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि इस योजना के लिए 175 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इसके तहत महिलाओं के उत्थान और कल्याण के लिए काम कर रहे एनजीओ को भी इसका बेनिफिट देने का प्रावधान किया गया है।
इस योजना के तहत यह लोन सरकारी, को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ आरबीआई से मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थानों के जरिये दिया जाएगा। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार ने ऐसे लोन पर स्टैंप ड्यूटी भी माफ करने का फैसला किया है। ग्रामीण इलाकों में स्कीम के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग के स्वामित्व वाली गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी पर होगी। वहीं, शहरों में इसे अमलीजामा पहनाने का दायित्व शहरी विकास विभाग की गुजरात अर्बन लाइवलीहुड मिशन पर होगा।
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