Published - 26 Mar 2022 by Tractor Junction
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। केंद्र सरकार के विजन 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने को लेकर राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर भी योजनाओं का संचालन करके किसानों को लाभ प्रदान कर रही हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना चलाई जा रही है। इसके तहत ऐसे किसानों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है जिनके पास खेती योग्य भूमि नहीं है और वे किसी अन्य के खेत में मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करते हैं। इस योजना के तहत इन किसानों को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राज्य सरकार की ओर दी जाती है। ये पैसे उनके खाते में सीधा ट्रांसफर किए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य के किसानों के हितार्थ राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना चला रखी हैं। इन योजनाओं के माध्यम से खेती और पशुपालन से जुड़े किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार की ओर से इन योजनाओं के तहत सभी लाभार्थियों को मदद राशि प्रदान करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान करते हुए कहा कि 31 मार्च 2022 को हितग्राहियों के खाते में रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। यह इस योजना की चौथी किस्त के होगी जिसमें 1500 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि यानि 21 मई 2020 को पर इस योजना को लॉन्च किया था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना योजना के तहत राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना और गोधन न्याय योजना भी चलाई जा रही है। इस तरह इस योजना के माध्यम से राज्य के सभी किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
राजीव गांधी न्याय योजना के तहत अब तक 4548 करोड़ रुपए की राशि का हुआ भुगतान राज्य की भूपेश बघेल सरकार की ओर से किसानों को किया जा चुका है। यदि 31 मार्च को 2022 को दी जाने वाली चौथी यानी अंतिम किस्त को मिला लें तो यह राशि छह हजार करोड़ रुपए हो जाएगी। किसानों को भुगतान के साथ राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को भी वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन राशि का भुगतान किया जाएगा।
राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत 30 नंवबर 2021 तक 4,41,000 से अधिक मजदूरों ने योजना के लिए पंजीकरण कराया था। आवेदनों का विश्लेषण करने के बाद इन्हें पात्र मानते हुए इन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया गया। बता देें कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जो कृषि भूमिहीन मजदूर किसान इस योजना में पंजीकृत हैं उन्हें भी इस योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान 31 मार्च 2022 को किया जाएगा।
बता दें कि अब तक राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत पात्र किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। लेकिन अभी बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से राज्य का वित्तीय बजट 2022-23 पेश किया गया जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूर किसानों को मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है। अब भूमिहीन कृषि मजदूर किसानों को 6 हजार की जगह 7 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि किसानों को नए वित्तीय सत्र से प्रदान की जाएगी। अभी मार्च माह में मिलने वाली चौथी किस्त की राशि का भुगतान 6 हजार रुपए ही किया जाएगा।
उक्त योजनाओं के अलावा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी योजना के तहत खरीदे गए धान का 2500 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान करने का वादा भी पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसकी चौथी किस्त भी लाभार्थियों के खाते में 31 मार्च 2022 को जारी की जाएगी।
वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक किसानों को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा यदि वर्ष 2020-21 में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था और किसान धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, केला, पपीता आदि की फसल लगाता है या फिर वृक्षारोपण करता है तो इस स्थिति में किसान को 10 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसान को 3 वर्ष तक आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में एक महत्वकांशी योजना चला रखी है जिसका नाम गोधन न्याय योजना है। इसके तहत पशुपालक किसानों से उनके पशुओं के गोबर की खरीदी 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से की जाती है। इस गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर किसानों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जाती है। ये योजना राज्य के किसानों को दोहरा लाभ प्रदान कर रही है। एक तो उनके पशुओं के गोबर से उनकी कमाई हो रही है वहीं दूसरी ओर किसानों को सस्ती जैविक खाद उपलब्ध हो रही है जिससे स्वस्थ उत्पादन के साथ उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है। जिससे किसानों को लाभ हो रहा है। अब तो इस योजना के तहत गोबर से बिजली बनाने का काम भी शुरू हो गया है जिसका फायदा राज्य के लोगों को मिलेगा।
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