राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 : गाइडलाइन में संशोधन, अब ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

Share Product Published - 23 Jul 2021 by Tractor Junction

राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 : गाइडलाइन में संशोधन, अब ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

जानें, न्याय योजना की मुख्य बातें और इसमें रजिस्ट्रेशन की संशोधित प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार की ओर से किसानों को आदान खरीदने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना चलाई जा रही है। इस योजना से राज्य के करीब 18.38 लाख किसानों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में लाभ की राशि प्रदान की जाती है। इन किसानों में 9.54 लाख सीमांत किसान है, 5.60 लाख लघु किसान है तथा 3.21 लाख बड़े किसान शामिल है। इस योजना में 14 फसलों पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत किसानों को इनपुट सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। न्याय योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचे इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को पंजीकरण में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए योजना की गाइडलाइन में आंशिक परिवर्तन किया है। राज्य सरकार का मानना है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की गाइडलाइन में हुए आंशिक संशोधन से राज्य के लाखों किसानों को फायदा होगा। 

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किसान न्याय योजना की गाइडलाइन में यह किया संशोधन

कृषि विभाग मंत्रालय की ओर से राजीव गांधी किसान न्याय योजना की गाइडलाइन में आंशिक रूप से संशोधन किया गया है। इसके तहत किसानों को अब पंजीयन कराने के लिए शपथ पत्र देने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। संयुक्त खातेदार किसानों को अब पंजीयन के लिए सिर्फ स्वघोषणा पत्र देना होगा। संयुक्त खातेदार किसानों का पंजीयन नंबरदार के नाम से होगा। राज्य सरकार का मानना है कि इससे किसानों को कचहरी और नोटरी के चक्कर तथा करोड़ों रुपए के अनावश्यक व्यय भार से राहत मिलेगी। 


गाइडलाइन में संशोधन करने के पीछे कारण

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की जारी गाइडलाइन में संयुक्त खातेदार कृषकों के पंजीयन के लिए आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करने का प्रावधान रखा गया था, जिसे अब विलोपित कर दिया गया है, क्योंकि शपथ पत्र बनवाने में किसानों को आ रही थीं। जब ये मामला मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के संज्ञान में आया तो उन्होंने कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे को योजना की गाइडलाइन में यथा संभव संशोधन कर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद न्याय योजना की गाइडलाइन में आंशिक संशोधन किया गया।


किसानों को इन फसलों के लिए करना होगा पंजीयन

  • कृषि मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी संशोधित आदेश के तहत राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए ऐसे किसानों को जिन्होंने खरीफ वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया था, उन किसानों को योजनांतर्गत पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। 
  • खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को योजनांतर्गत पंजीयन कराना है। 
  • खरीफ वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह उस रकबे में धान के बदले योजना में सम्मिलित अन्य फसल लगाता है, तो उसे योजनांतर्गत पंजीयन कराना होगा। 
  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभ लेने के लिए किसान 30 सितंबर तक याजना में अपना पंजीयन करा सकते हैं।


क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना ( Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana 2021 )

वर्ष 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने की थी। इस योजना के तहत खरीफ मौसम में धान के साथ-साथ 13 अन्य फसलों को शामिल किया गया है। वर्ष 2019 में खरीफ के तहत धान की फसल लगाने वाले किसानों को को-ऑपरेटिव सोसाइटीज यानी सहकारी समितियों के माध्यम से 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान राशि भुगतान की जाती है।


खरीफ की इन फसलों के लिए मिलेगा इनपुट सब्सिडी का लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से न्याय योजना के तहत खरीफ की फसलों के लिए इनपुट सब्सिडी का लाभ भी किसानों को दिया जाएगा। इसके अनुसार वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया था, वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगन्धित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल उत्पादित करते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9,000 रुपए के स्थान पर 10,000 रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को 3 वर्षों तक यह अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,000 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।


गोधन न्याय योजना से भी किसानों को मिल रहा है लाभ

न्याय योजना के तहत किसानों के लिए गोधन न्याय योजना का भी संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों व पशुपालकों से गोठानों में गोबर की खरीद की जाती है। और इससे वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जाता है। इस योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व के दिन से हुई थी। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के पशुपालकों एवं ग्रामीणों को अब तक कुल 88 करोड़ 15 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।  

 

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