कुसुम योजना : राजस्थान के 6 हजार किसानों को सब्सिडी पर मिले सोलर पंप

Share Product Published - 22 Mar 2021 by Tractor Junction

कुसुम योजना : राजस्थान के 6 हजार किसानों को सब्सिडी पर मिले सोलर पंप

जानें, क्या है कुसुम योजना और आप किस तरह ले सकते हैं इस योजना से लाभ?

राजस्थान में अभी तक 6 हजार से अधिक किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप दिए गए हैं। यह जानकारी राजस्थान विधानसभा में उर्जा मंत्री ने कुसुम योजना की कार्य प्रगति जानकारी के संबंध में दी। राजस्थान में कुसुम योजना के तहत 25,000 सौर उर्जा पंप सयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रथम किश्त के रूप में 68.97 करोड़ रुपए तथा राज्य सरकार राज्यांश अनुदान हेतु 267 करोड़ उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इस योजना के तहत सोलर पंप नवीन तथा नवीनीकरण उर्जा मंत्रालय के द्वारा 60 प्रतिशत के अनुदान पर चलाई जा रही कुसुम योजना से अभी तक 6,496 किसानों को लाभ प्राप्त हुआ है। यह सभी किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगवा चुके हैं। 

 

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जयपुर के किसानों को मिला सबसे अधिक फायदा

कुसुम योजना से राज्य के जयपुर जिले में 1,331 किसानों को सबसे ज्यादा लाभ मिला है तो दूसरे और तीसरे नंबर पर चुरू (901), टोंक (722) जिले शामिल हैं। जबकि दूसरी तरफ धौलपुर तथा हनुमानगढ़ जिले में किसी किसानों को लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। जिलेवार किसानों को दिए गए सोलर पंप योजना के तहत अभी तक अजमेर जिले के 366 किसानों को, अलवर जिले में 199, बांसबाड़ा जिले में 5, बारन जिले में 36, बाड़मेर में 86, भरतपुर में 81, भीलवाड़ा में 162, बीकानेर में 262, बूंदी में 128, चितौडग़ढ़ में 113, चूरू में 901, दौसा में 85, धौलपुर में 0, डूंगरपुर में 0, हनुमानगढ़ में 206, जयपुर में 1331, जैसलमेर में 155, जालौर में 101, झालावाडा में 10, झुंझुनू में 156, जोधपुर में 72, करौली में 32, कोटा में 31, नागौर में 70 , पाली में 76, प्रतापगढ़ में 51, राजसमंद में 114, सवाई-माधोपुर में 114, सीकर में 318, सिरोही में 169, श्रीगंगानगर में 271. टोंक में 722 उदयपुर में 73 किसानों को अनुदान पर सोलर पंप दिए गए हैं।

 


क्या है कुसुम योजना

किसानों को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तथा खेती की लागत कम करने के लिए साथ ही सुदूर क्षेत्रों में सिंचाई के संसाधन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से नवीन एवं नवीनकरणीय मंत्रालय के द्वारा कुसुम योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत देश के किसानों को सब्सिडी पर सोलर पम्प उपलब्ध करवाए जाते हैं। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट से शुरू की गई है। सभी राज्य सरकारों के द्वारा राज्य के लिए कुसुम योजना के तहत अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं, लक्ष्य के अनुसार इच्छुक किसानों से आवेदन आमंत्रित कर उन्हें अनुदान पर सोलर पंप दिए जाते हैं। 


राज्य में कुसुम योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी

राजस्थान में कुसुम योजना के तहत स्टैंड अलोन सौर कृषि पंप की लागत की बेंच मार्क लागत या निविदा लागत इनमें से जो भी कम हो, के लिए 30 प्रतिशत केंद्रीय सरकार की तरफ से सहायता, 30 प्रतिशत राज्य सरकार की और से सहायता दी जाती है अर्थात किसानों को कुल 60 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। शेष 40 प्रतिशत अंशदान का भुगतान किसान को करना होता है। जिसमें भी केवल 10 प्रतिशत का भुगतान किसान दे सकते हैं और शेष 30 प्रतिशत ऋण के रूप में बैंक से वित्तीय सहायता ले सकते हैं। अर्थात सौर ऊर्जा पंप सयंत्रों पर किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। किसान के हिस्से से लगने वाली 40 प्रतिशत राशि में से 30 प्रतिशत राशि तक का लोन किसान बैंक से ले सकते हैं जिससे उन्हें मात्र 10 प्रतिशत राशि ही देनी होती है।

 

 

7.5 हार्स पॉवर तक के सोलर पंप पर दिया जाता है अनुदान

नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत किसानों को 2 हार्स पावर से लेकर 7.5 हार्स पवार तक के लिए सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है। राजस्थान में किसान योजना के तहत 3 हार्स पॉवर से 7.5 एचपी तक के सोलर पंप अनुदान पर ले सकते हैं इसके अलावा किसानों के द्वारा 10 हार्सपावर की मोटर उपयोग करने के बाबजूद भी सब्सिडी दी जाएगी। परंतु सब्सिडी 7.5 हार्सपावर के अनुसार ही दी जाती है।


किसान भाई किस तरह ले सकते हैं कुसुम योजना का लाभ

इस योजना के तहत अनुदान पर सोलर पंप लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं। राज्य के जो किसान भाई इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें योजना की आफिशियल बेवसाइट  http://rreclmis.energy.rajasthan.gov.in/kusumapplication.aspx पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए आपको अपना आधार कार्ड, बैंक अकाउंट पासबुक, आय प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, पते का सबूत, पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होगी।

 

 

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