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कृषक कल्याण योजना : किसानों की आय बढ़ाने को राजस्थान में शुरू होगी

Published - 08 Mar 2021

जानें, क्या है कृषक कल्याण योजना और इससे किसानों को क्या होगा लाभ?

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर राजस्थान में जल्द ही कृषक कल्याण योजना शुरू की जाएगी। इस योजना की घोषणा पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बजट 2021-22 में की थी। राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगी और इससे किसानों को लाभ होगा। आइए जानते हैं राजस्थान सरकार किसानों व पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में क्या कदम उठा रही है।

 

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क्या है कृषक कल्याण योजना?

किसानों एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि तथा समग्र विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषक कल्याण योजना की घोषणा की गई है। योजना के तहत सरकार 2 हजार करोड़ रुपए का खर्च करेगी। इसके तहत किसानों को निशुल्क बायो फर्टीलाइजर और बायो एजेंटस् दिए जाएंगे, निशुल्क बीज वितरण, कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना आदि शामिल हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से किसान कल्याण योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को पीएम सम्मान निधि की किस्त के अलावा वर्ष में दो बार 2000-2000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है।

 


कृषक कल्याण योजना से किसानों को होने वाले लाभ

  • 3 लाख किसानों को नि: शुल्क बायो-फर्टीलाइर्जस् एवं बायो-एजेंट्स दिए जाएगें।
  • एक लाख किसानों के लिए कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना की जाएगी।
  • तीन लाख किसानों को माइक्रोन्यूट्रीएन्ट्स किट उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • पांच लाख किसानों को उन्नत किस्म के बीज वितरित किए जाएंगे।
  • 30 हजार किसानों के लिए डिग्गी व फार्म पोंड बनाए जाएंगे।
  • एक लाख 20 हजार किसानों को स्प्रिंकलर व मिनी स्प्रिंकलर दिए जाएंगे।
  • 120 फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाईजेशन (एफपीओ) का गठन किया जाएगा, जिसके उत्पादों की क्लीनिंग, ग्राइंडिंग एवं प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित की जाएंगी, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
  • राज्य में ड्रिप एवं फव्वारा सिंचाई प्रणाली की उपयोगिता को देखते हुए आगामी 3 वर्षों में लगभग 4 लाख 30 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया जाएगा। साथ ही फर्टिगेशन एवं ऑटोमेशन आदि तकनीकों को भी व्यापक प्रोत्सहन दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 732 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान प्रस्तावित किया है।

 


इन जिलों में स्थापित किए जाएंगे मिनी फूड पार्क

कृषि जिंसो एवं उनके प्रोसेस्ड उत्पादों के व्यवसाय व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक जिले में चरणवद्ध रूप से मिनी फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे। आगामी वर्ष में पाली, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सवाई माधोपुर, करौली, बीकानेर एवं दौसा जिलों में 200 करोड़ रुपए की लागत से मिनी फूड पार्क बनाए जाएंगे। साथ ही मथानिया-जोधपुर में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से मेगा फूड पार्क की स्थापना की जाएगी।


ज्योतिबा फूले कृषि उपज मंडी व किसान सेवा केंद्रों की होगी स्थापना

किसानों को उनकी उपज के विपणन व बेहतर मूल्य दिलाये जाने के लिए आंगणवा-जोधपुर में आधुनिक सुविधा युक्त 60 करोड़ रुपयों की लागत से ज्योतिबा फूले कृषि उपज मंडी स्थापित की जाएगी। वहीं किसानों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने के उद्देश्य से आगामी 3 वर्षों में 125 करोड़ रुपए की लागत से भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्रों में 1 हजार किसान सेवा केन्द्रों का निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए कृषि पर्यवेक्षकों के 1 हजार नए पद भी सृजित किए जाएंगे।


50 हजार किसानों को दिए जाएंगे सोलर पम्प

किसानों को निरंतर बिजली मिल सके, इसके लिए 50 हजार किसानों को सोलर पंप उपलब्ध करवाए जाएंगे इसके अलावा 50 हजार किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे इसके अलावा कटे हुए कृषि कनेक्शन को फिर से शुरू किया जाएगा।

 

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अब इन किसानों के कर्जें भी होंगे माफ

जो किसान कर्ज माफी से वंचित रह गए हैं, उन किसानों को भी नए बजट में राहत देने की घोषणा राज्य सरकार ने की है। ऐसे किसानों की ओर से कमर्शियल बैंकों से लिया गया कर्ज वन टाइम सेटलमेंट के जरिए कर्ज माफ किए जाएंगे। यह घोषणा बजट के दौरान की गई। इस साल 16 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त फसली कर्ज दिया जाएगा। 3 लाख नए किसानों को कर्ज मिलेगा, इस योजना में पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी शामिल किया जाएगा।


डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों की होगी स्थापना

राज्य सरकार द्वारा नए बजट में की गई घोषणा के अनुसार बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय तथा शररे कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर में डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। बस्सी-जयपुर में डेयरी व खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है। साथ ही डूंगरपुर, हिंडौली-बूंदी एवं हनुमानगढ़ में नवीन कृषि महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी।


राज्य में दूध उत्पादन को दिया जाएगा बढ़ावा

दूध उत्पादन को बढ़ावा देने व उत्पादकों की सहूलियत के लिए राजसमन्द में स्वतंत्र रूप से नए दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ का गठन किया जाएगा। वर्ष 2021-22 के लिए राज्य में नए दुग्ध संकलन रूट प्रारंभ करने के साथ ही जिला दुग्ध संघों में संचालित 1 हजार 500 दुग्ध संकलन केन्द्रों को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के रूप में पंजीकृत किया जाना प्रस्तावित है।

 

 

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