Published - 27 Sep 2021 by Tractor Junction
राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हर घर नल कनेक्शन के लिए ग्रामीण परिवारों एक मुश्त राशि जमा करना की जरूरत नहीं होगी। इस योजना के तहत ली जाने वाली आवश्यक जन सहभागिता राशि को ग्रामीण अब किश्तों में भी जमा करा सकेंगे।
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बता दें कि जेजेएम के तहत जिन गांवों में ग्रामीण पेयजल परियोजनाएं स्वीकृत हुई है, वहां प्रत्येक परिवार की ओर से प्रारंभिक तौर पर मात्र 500 रुपए जमा कराने पर मौके पर मंजूर योजना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यदि कोई गांव या ढाणी अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य अथवा ट्राइबल , मरूस्थल एवं अकाल से प्रभावित क्षेत्र में है तो वहां आरंभ में प्रति परिवार मात्र 250 रुपए की राशि जमा होने के बाद स्वीकृत स्कीम के कार्य शुरू हो जाएंगे।
जेजेएम के तहत राज्य में हर घर नल कनेक्शन योजना के संबंध में पिछले दिनों जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने मीडिया को दी गई जानकारी में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जेजेएम के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजना के कार्यों को प्रारंभ करने से पहले किसी भी गांव और ढाणी के 80 प्रतिशत परिवारों की ओर से सहयोग राशि को जमा कराने का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण परिवारों की ओर से यह सहयोग नकद, वस्तु, श्रम या दान के रूप में दिया जा सकता है। ग्रामीणों को किस्तों के रूप में यह सहयोग राशि देने की भी छूट है। ऐसे में राजस्थान में सामान्य तौर पर आरंभ में प्रति ग्रामीण परिवार 500 रुपए तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के बाहुल्य, ट्राइबल, मरुस्थल एवं अकाल से प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में 250 रुपए प्रति परिवार सहयोग राशि जमा कराने की सुविधा लोगों को दी गई है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि राज्य में हर घर नल कनेक्शन के कार्यों में गति लाने और ग्रामवासियों पर वित्तीय दबाव को कम करने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। इसके बाद जिन गांवों में जेजेएम के तहत ग्रामीण पेयजल परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी है, वहां प्रारंभिक तौर पर 80 प्रतिशत परिवारों द्वारा 500 या 250 रुपए की राशि जमा कराने के बाद मौके पर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। इससे संबंधित गांव में पेयजल परियोजना की वितरण प्रणाली के लिए सभी परिवारों को नल कनेक्शन से जोडऩे से पूर्व तक के काम पूरे कर लिए जाएंगे। बाद में हर घर नल कनेक्शन की कार्रवाई शुरू करने से पहले ग्रामीणों परिवारों को सामुदायिक सहयोग की शेष बची राशि जमा करानी होगी।
डॉ. कल्ला ने बताया कि जेजेएम में सामान्यत: जनसहभागिता राशि के तहत संबंधित गांव की परिधि में परियोजना से सम्बंधित विलेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम विकसित करने पर होने वाले व्यय का 5 या 10 प्रतिशत अंशदान के तौर पर लेने का प्रावधान है। प्रदेश में सतही जल स्रोत पर आधारित वृहद पेयजल परियोजनाओं के तहत किसी भी गांव या ढाणी में लोगों को केवल अपने गांव की सीमा में वितरण प्रणाली की लागत का 5 या 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा न कि पूर्ण परियोजना की लागत का 5 या 10 प्रतिशत।
जलदाय मंत्री ने बताया कि पहले किसी गांव में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का बाहुल्य होने पर 5 प्रतिशत ही जनसहभागिता राशि लेने का प्रावधान था। अब इस श्रेणी में ट्राइबल, मरुस्थल एवं अकाल से प्रभावित क्षेत्रों को भी जोड़ दिया गया है, इन श्रेणियों में आने वाले गांवों को 5 प्रतिशत जनसहभागिता राशि देनी होगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 15 जिलों के 85 ब्लॉक मरूस्थलीय क्षेत्र तथा 12 जिलों के 30 ब्लॉक अकाल से प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित है, ऐसे में प्रदेश के करीब आधे हिस्से में गांववासियों को जेजेएम के कार्यों के लिए 5 प्रतिशत जनसहभागिता राशि ही देनी होगी। इसके अलावा अन्य श्रेणी के गांवों में परिवारों से 10 प्रतिशत जनसहभागिता राशि ली जाएगी।
जल जीवन मिशन स्कीम की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की थी। इस मिशन के तहत देश के लगभग 50 प्रतिशत ऐसे ग्रामीण क्षेत्र है जहां अभी भी लोगो को पानी की समस्या होती है उन क्षेत्रों में पीने के पानी पहुंचाया जाएगा। इस स्कीम के तहत अभी तक 18.33 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को पानी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जल जीवन मिशन स्कीम के लिए सरकार ने 3.60 लाख करोड़ का बजट देने का प्रावधान दिया जाएगा। स्कीम के तहत 6 करोड़ घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य है।
जल जीवन मिशन योजना का लाभ देश के कई राज्यों को मिल रहा है। इसमें तेलंगाना, बिहार, हिमाचल प्रदेश, असम, केरल, झारखंड, गोवा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, लद्दाख, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मिजोरम और मणिपुर हैं।
जल जीवन मिशन योजना से अब तक राजस्थान के 3.69 प्रतिशत लोग ही इस योजना से लाभान्वित हुए है। इस योजना से सबसे अधिक लाभान्वित तेलंगाना राज्य को मिला है। यहां करीब 69.56 प्रतिशत लोग इस योजना का लाभ दिया गया है। हालांकि अभी इस स्कीम को सभी राज्यों में लागू नहीं किया गया है। सरकार द्वारा बताया गया है कि इस स्कीम का लाभ 2024 तक देश के सभी राज्यों को प्रदान किया जाएगा। अभी तक गोवा के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण जल जीवन मिशन का लाभ प्रदान किया गया है जिससे गोवा इस योजना का लाभ लेने वाला पहला राज्य बना है। इस योजना के तहत जिन लाभार्थियों द्वारा आवेदन किया गया है केवल उनको की इस मिशन के तहत लाभान्वित किया जाएगा।
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