Published - 31 Oct 2020 by Tractor Junction
फसल और ट्रैक्टर लोन लेने वाले किसानों को ब्याज पर ब्याज माफी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसको लेकर हाल ही में वित्त मंत्रालय ने अतिरिक्त एफएक्यू जारी कर इसको स्पष्ट कर दिया है। बता दें कि ब्याज पर ब्याज माफी योजना को लेकर जो संशय बना हुआ था वो वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एफएक्यू के बाद खतम हो गया है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों से संबधित लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज यानी ब्याज-पर- ब्याज माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के भुगतान से संबंधित अनुग्रह राहत भुगतान योजना पर अतिरिक्त एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) जारी किया है। मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर हम आपको ब्याज पर ब्याज माफी योजना के सभी पहलुओं को समझा रहे हैं ताकि आप इस योजना के सभी तत्थों को समझकर अपने द्वारा लिए गए लोन पर छूट का लाभ उठा सकें।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बीते मंगलवार को कहा था कि वे दो करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिए हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें। इस योजना के तहत दो करोड़ रुपए तक के कर्ज पर ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज एक मार्च, 2020 से छह महीने के लिए माफ किया जाएगा।
किसानों को फसल और ट्रैक्टर लोन पर इस योजना का लाभ नहीं मिलने का क्या है कारण?
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत कुल आठ क्षेत्र आते हैं। फसल और ट्रैक्टर ऋण कृषि और संबद्ध गतिविधियों के तहत आता है जो इस योजना में शामिल नहीं है। इसलिए फसल और ट्रैक्टर लोन पर इस ब्याज पर ब्याज माफी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ब्याज पर ब्याज माफी योजना के तहत ऑटो, पर्सनल, क्रेडिट कार्ड, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर ड्यूरेबल और एमएसएमई का लोन लेने वाले ग्राहकों को इसका लाभ दिया जाएगा। इन्हीं लोन पर ब्याज पर ब्याज माफी की छूट मिलेगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि कर्जदारों को 29 फरवरी तक क्रेडिट कार्ड पर बकाये के लिए भी इस योजना का लाभ मिलेगा। एफएक्यू में कहा गया है कि इस राहत के लिए बेंचमार्क दर अनुबंध की दर होगी, जिसका इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ईएमआई ऋणों के लिए किया जाता है।
ग्राहकों को इस योजना का लाभ देने के लिए सबसे पहले बैंक और वित्तीय संस्थान अपने उन ग्राहकों की लिस्ट तैयार करेंगे, जिन्होंने मोरेटोरियम सुविधा का फायदा नहीं लिया। यानी जिन्हें सरकार के नियमों के अनुसार राहत दी जानी है। इसके बाद में बैंक 1 मार्च से 31 अगस्त के बीच में चुकाए गए कंपाउंट ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर को ग्राहक के खाते में डालेंगे।
सरकार की इस स्कीम का फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा, जिन्होंने मोरेटोरियम का विकल्प नहीं चुना था। इसके अलावा उन लोगों के पास 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज है। यह रकम 5 नवंबर तक ग्राहकों के लोन अकाउंट में डाल देने के लिए कहा गया है। बाद में बैंक और वित्तीय संस्थान इस रकम को सरकार से क्लेम कर सकते हैं। इसी के साथ अगर आपने समय पर ईएमआई चुकाई है तो आपको इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत आपको ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का जो अंतर है, वह कैशबैक के तौर पर मिलेगा। एक्स-ग्रेशिया का मतलब यह है कि सरकार अपनी मर्जी से आपको यह रकम दे रही है। इसे आपको लौटाना नहीं है, यह एक तरह से सरकार का गिफ्ट है। ब्याज पर ब्याज के तौर पर जो कैशबैक मिल रहा है, वह आपके लोन पर बैंकों की ओर से वसूली जाने वाली ब्याज दर पर निर्भर करेगा। बता दें कि जिन लोगों ने फरवरी 2020 तक लोन की ईएमआई का भुगतान किया है सिर्फ उन्हीं लोगों को इसका फायदा दिया जाएगा।
जिन ग्राहकों के खाते फरवरी अंत तक नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के तौर पर क्लासिफाई किया जा चुके हैं उन लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर और बॉन्ड पर लिए गए लोन पर भी यह राहत नहीं मिलेगी।
मान लीजिए आपने एक करोड़ रुपए का होम लोन लिया है और आप इस पर 8 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज चुका रहे हैं तो छह महीने में कुल ब्याज बनता है 4 लाख रुपए। ब्याज पर ब्याज बनता है- 16,269 रुपए। इस स्कीम के तहत यह 16,269 रुपए की राशि ही आपको कैशबैक के तौर पर मिलेगी। यह पैसा आपके अकाउंट में 5 नवंबर 2020 तक आ जाएगा। इस छूट के लिए आपको कुछ नहीं करना है। आपने जिससे लोन लिया है, वही आपके अकाउंट में इस राशि को एडजस्ट कर देगा। बैंकों में कॉर्पोरेट सेंटर से सेंट्रलाइज्ड कैल्कुलेशन के बाद सभी खातों में पैसा जमा कर दिया जाएगा। (ये मात्र एक उदाहरण है जिसके द्वारा आपको योजना गणित समझाया गया है, इसे उसी रूप से देखा जाए।
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