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अन्नपूर्णा योजना : किसानों को बीज पर 75 प्रतिशत अनुदान

Published - 13 Aug 2021

जानें, क्या है अन्नपूर्णा योजना और इससे किसान कैसे उठा सकते हैं फायदा

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही है जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए अन्नपूर्णा योजना शुरू की गई है। यह योजना विशेषकर गरीब किसानों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस योजना के तहत किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। इस योजना का लाभ राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों दिया जाता है। बता दें कि राज्य कई किसान ऐसे हैं जो विपुल उत्पादन देने वाली खाद्यान्न फसलों के उन्नत किस्म के बीज नहीं खरीद पाते हैं उनके सामने पैसों की समस्या आती है। ऐसे किसानों को आर्थिक की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है ताकि गरीब तबके के किसान भी इस योजना से लाभान्वित हो सके।

 

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क्या है अन्नपूर्णा योजना

अन्नपूर्णा  योजना 100 प्रतिशत राज्य योजना है। प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध सुनिश्चित किए जाने के लिए 100 प्रतिशत राज्य पोषित योजना अन्नपूर्णा योजना वर्ष 2000-01 से लागू की गई। 


योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति व जनजाति के गरीब किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कर उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाना है।


अन्नपूर्णा योजना के तहत किसानों के लिए क्या हैं प्रावधान

  • बीज अदला बदली कार्यक्रम मेें किसानों के द्वारा दिए गए अलाभकारी फसलों के बीज के बदले 1 हैक्टर की सीमा तक खादन्न फसलों के उन्नत एवं संकर बीज प्रदाय किए जाते हैं। प्रदाय बीज पर 75 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम रु. 1500 /- की पात्रता होती है। कृषक के पास बीज उपलब्ध नहीं होने पर प्रदाय बीज की 25 प्रतिशत नगद राशि कृषक को देनी होती है।
  • बीज स्वालम्बन योजना में किसानों की धारित कृषि भूमि के 1/10 क्षेत्र के लिए आधार / प्रमाणित बीज , 75 प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय किए जाते हैं।
  • बीज उत्पादन कार्यक्रम में शासकीय कृषि प्रक्षेत्र के 10 किलोमीटर की परिधि में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत कृषकों के खेतों पर कम से कम आधा एकड़ क्षेत्र में बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया जाता है। कृषक को आधार प्रमाणित -1 श्रेणी का बीज 75 प्रतिशत अनुदान पर 1 हैक्टेयर तक के लिए प्रदाय किया जाता है। पंजीयन हेतु प्रमाणिक संस्था को देय राशि का भुगतान योजना मद से मिल जाता है। उत्पादित प्रमाणित बीज का आगामी वर्ष में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के कृषकों को निर्धारित कीमत पर वितरण किया जा सकेगा।


केेंद्र क्षेत्रीय योजना के तहत बीज ग्राम योजना का संचालन

सब मिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीज ग्राम कार्यक्रम में केंद्र सरकार का अंश 60 प्रतिशत और 40 राज्य सरकार का सहायतित योजना है। इस कार्यक्रम में तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य श्रेणी के किसानों को एक एकड़ बीजोत्पादन कार्यक्रम लेने हेतु अनाज फसलों के बीज पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। इस योजना में आधार एवं प्रमाणित बीज का उपयोग किया जाता है। कृषक द्वारा उत्पादित बीज का उपयोग स्वयं किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत फसलों के बीज उत्पादन की तकनीकी का प्रशिक्षण किसानों को दिया जाता है। बीजों का भंडारण उचित तरीके से करने हेतु भंडारण कोटी तथा बीजोपचार को बढ़ावा देने के लिए बीज उपचार ड्रम अनुदान पर उपलब्ध कराए जाते हैं।  


राज्य के किसानों को मिल रहा सूरजधारा योजना का भी लाभ

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को दलहन और तिलहन के उच्च गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने के लिए सूरजधारा योजना शुरू की है। यह योजना 100 प्रतिशत राज्य योजना है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं अनसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त बीज प्रदान किए जाते हैं। राज्य में सूरजधारा योजना को वर्ष 2000-01 में लागू किया गया था। इस योजना में किसानों के लिए जो प्रावधान किए गए हैं वे इस प्रकार से हैं- 

  • 1. बीज अदला-बदली- कार्यक्रम में 75 प्रतिशत अनुदान पर अधिकतम 1500 रुपए की सीमा तक बीज उपलब्ध कराये जाते हैं। 
  • 2. बीज स्वालम्बन योजना में किसानों की धारित कृषि भूमि के 1/10 क्षेत्र के लिए आधार / प्रमाणित बीज , 75 प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय किए जाते हैं।
  • 3. बीज उत्पादन कार्यक्रम में शासकीय कृषि प्रक्षेत्र के 10 किलोमीटर की परिधि में 75 प्रतिशत अनुदान पर अधिकतम एक हैक्टेयर तक के लिए आधार/प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराया जाता है।

 

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