Published - 05 Oct 2020
केंद्र सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। और इन योजनाओं में आए दिन कई नई योजनाओं को जोड़ा जा रहा है ताकि किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिल सके। इसी प्रकार राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर किसानों के लाभार्थ योजनाएं संचालित कर रही है। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों को आलू के बीज उत्पादन को लेकर योजना चला रखी है। इसके तहत किसानों को राज्य सरकार की ओर से आलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बीज उत्पादन के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराएं जाएंगे ताकि किसान अगले सीजन के लिए आलू के बीज तैयार कर सकें। जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आलू उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रमाणित बीज उत्पादन करने के लिए अनुदान एवं बीज उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
उत्तर प्रदेश के उद्यान राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) श्रीराम चौहान ने मीडिरूा को बताया कि राज्य सरकार ने आलू किसानों के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु आलू बीज वितरण / विक्रय की दरें तय कर दी हैं। निर्धारित दरों पर प्रदेश के किसान अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू का बीज उत्पादन कर सकते है। यह आलू बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा ( प्रमादित ) ( क्षेडी ) का है इससे आगामी वर्षो के लिए बीज तैयार किया जा सकता है इस प्रकार उत्तर प्रदेश में आलू के ( गुणवत्ता ) युक्त बीज की कमी की पूर्ति आसानी से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के आलू कृषक अपने जिले के उद्यान अधिकारी से मिलकर सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर आलू बीज प्राप्त करके अपने निजी खेतों पर बीज उत्पादन कर सकते हैं।
आलू बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत निजी क्षेत्र की आलू बीज उत्पादक संस्थाओं को आलू बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं आलू बीज उत्पादक कृषक समूहों एवं प्रगतिशील कृषकों को उपलब्ध कराए गए आलू के आधारित प्रथम बीज के बाद अग्रिम श्रेणियों- आधारित द्वितीय, प्रमाणित श्रेणी के बीजों के सम्बर्द्धन हेतु बीज उत्पादन कार्यक्रम का राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणित कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा आलू बीज उत्पादन में श्रम लागत को कम करने तथा आटोमेशन को बढ़ावा देने तथा प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल से गुणवत्तायुक्त अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु मशीनी करण तथा सिंचाई की स्प्रिंकलर एवं ड्रिप पद्धति को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उद्यान राज्यमंत्री के अनुसार सफेद एवं लाल आलू बीज प्रजातियों की विक्रय दरें एक समान रखी गई हैं। आधारित प्रथम आलू बीज प्रस्तावित दर 3150 रुपए प्रति क्विंटल, आधारित द्वितीय आलू बीज की दर 2675 रुपए प्रति क्विंटल, ओवर साइज (आधारित प्रथम) की दर 2455 रुपए प्रति क्विंटल, ओवरसाइ (आधारित द्वितीय ) की दर 2395 रुपए प्रति क्विंटल, सीड साइज (ट्रूथफुल) आलू बीज की प्रस्तावित विक्रय दर 2280 रुपए प्रति क्विंटल रखी गई हैं ।
उद्यान राज्य मंत्री के अनुसार प्रसंस्कृत प्रजातियों ले लिए उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के उपरान्त आलू बीज उत्पादन की टैगिंग कराने पर किसानों को 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान देने की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की गई है। आलू की प्रसंस्कृत प्रजातियाँ मुख्य रूप से कुफरी, चिपसोना -1, 3 एंव 4 तथा कुफरी सूर्य आदि है। उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस बीज से किसान गुणवत्ता युक्त बीज का उत्पादन कर अपनी उत्पादकता में वृद्धि कर सकते है। उन्होंने किसानों को इस बीज का उपयोग केवल बीज उत्पादन के करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा की इस बीज की गुणवत्ता बहुत अच्छी है।
उत्तर प्रदेश में लगभग 6.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र फल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए 20-21 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की आवश्यकता होती है। उद्यान विभाग लगभग 40 हजार क्विंटल आधारित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करता है, जिससे किसानों द्वारा अग्रेतर श्रेणी का बीज उत्पादन करके प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी हो सकते है। इससे लाभ यह होगा की गुणवत्ता युक्त प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में अच्छी वृद्धि होगी।
राज्य के इच्छुक किसान जिला उद्यानिकी कार्यालय में प्रभारी से आवेदन लेकर आवश्यक प्रपत्रों के साथ ऑनलाइन पंजीकरण का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, खतौनी की प्रति, फोटो के साथ जमा कराना होगा। किसानों को आलू बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए उत्तर प्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था क्षेत्रीय कार्यालय में नियमानुसार पंजीकरण एवं परिक्षण शुल्क जमा करना अनिवार्य है। जिसकी धनराशि आलू बीज की प्राप्ति के समय जमा करनी होगी। योजना के अंतर्गत किसानों को संबंधित जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालय में विभागीय बेवसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इच्छुक कृषक को योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए http://www.uphorticulture.gov.in/ पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इस हेतु कृषक साइबर कैफे, जन सुविधा केन्द्र, कृषक लोकवाणी संस्था स्वयं के संसाधन से आन लाइन पंजीकरण करा सकते हैं।
विशेष : आलू उत्पादन कार्यक्रम के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए आप इसकी वेबसाइट http://www.uphorticulture.gov.in/ पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।
Social Share ✖