Published - 17 Mar 2020 by Tractor Junction
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। आज हम बात करते हैं सहकारी फसली ऋण की। राजस्थान में किसानों की दशा सुधारने के लिए कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार प्रयासरत है। राज्य सरकार 31 मार्च तक सहकारी फसली ऋण के लिए आवेदन करने वाले सभी किसानों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने विधानसभा में जानकारी दी कि रबी के लिए 31 मार्च तक जितने किसानों ने सहकारी फसली ऋण के लिए आवेदन किया है उन सभी को ऋण उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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विधानसभा में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सरकार द्वारा प्रति किसान को 50 हजार रुपए ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे 25 प्रतिशत बढ़ाकर 62 हजार 500 रुपए किया गया था। अब वर्तमान में यह सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे ऋण सीमा को बढ़ाकर किसान की साख सीमा के अनुसार ऋण देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भूमि विकास बैंक 500 करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है। यदि सरकार को संसाधन मिल जाएंगे तो बैंकों का समायोजन कर आगे बढऩे का प्रयास किया जाएगा। आंजना ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में सरकार द्वारा राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से प्रदेश के पात्र किसानों को 16 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। किसानों की संख्या के लक्ष्य अलग से निर्धारित नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सहकारी बैंक द्वारा राज्य में अल्पकालीन फसली ऋण वितरण के लक्ष्य केंद्रीय सहकारी बैंकवार ही आवंटित किए जाते हैं
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि वर्ष 2019-20 में सहकारी बैंक द्वारा खरीफ 2019 में 18.20 लाख किसानों को 4583.83 करोड़ तथा रबी 2019-20 में 5 मार्च 2020 तक 15.29 लाख किसानों को 4442.50 करोड़ रुपए का फसली ऋण स्वीकृत कर कृषक के डीएमआर (डिजिटल मेंबर रजिस्टर) खाते में जमा करा दी गई है। किसानों को निर्धारित साख सीमा एवं बैंकों के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार फसली ऋण वितरित किए जा रहे हैं।
राजस्थान में ऑनलाइन फसली ऋण वितरण एवं पंजीयन योजना की शुरुआत 3 जून 2019 को हुई थी। राजस्थान देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जिसने सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन वितरण प्रक्रिया से एक साल के अंदर 8 लाख से अधिक नए किसानों को फसली ऋण प्रणाली से जोड़ा है। वहीं 7 लाख किसानों को लगभग 1800 करोड़ रुपए का सहकारी फसली ऋण दिया गया। इसमें बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर पात्र किसान को फसली ऋण वितरित किया जा रहा है। इससे राज्य में 8 लाख नए किसानों को जोडक़र अब तक 21 लाख से अधिक किसान सहकारी फसली ऋण से जोड़े गए हैं और 8244 करोड़ रुपए से अधिक का फसली ऋण किसानों को मिल चुका है।
ऑनलाइन फसली ऋण वितरण एवं पंजीयन योजना में आवेदन
ऑनलाइन फसली ऋण वितरण योजना में फसली ऋण से जुड़े 13 लाख पुराने किसान भी हैं, जो सहकारी बैंकों के साथ अन्य बैंकों से फसली ऋण प्राप्त कर रहे हैं। राज्य में फसली ऋण के लिए फरवरी माह तक 25 लाख किसानों ने आवेदन किया था जिनमें से 21.20 लाख किसानों को खरीफ सीजन में 4583 करोड़ रुपए तथा रबी सीजन में 3661 करोड़ रुपए का फसली ऋण वितरित किया गया है। अब तक 7 लाख नए किसानों को फसली ऋण वितरित किए जा चुके हैं। शेष किसानों को 31 मार्च 2020 तक ऋण वितरित किए जाएंगे।
फसली ऋण वितरण में बायोमैट्रिक सत्यापन ने अपात्र किसानों को दूर कर पात्र किसानों को फसली ऋण से जोड़ा है। राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना में भी बायोमैट्रिक सत्यापन से पात्र किसानों को ऋण माफी की गई है। वर्ष 2018 एवं 2019 की ऋण माफी में वर्तमान सरकार द्वारा लगभग 15 हजार करोड़ रुपए वहन किए गए हैं। वर्ष 2019 की ऋण माफी में लगभग 20 लाख किसानों के लगभग 8 हजार करोड़ रुपए के ऋण माफ हो चुके हैं। ऋण माफी में जिन किसानों के ऋण माफ हुए थे वह राशि किसानों को फसली ऋण के रूप में दी गई थी। ऋण माफी के पश्चात नए फसली ऋण वितरण में ऑनलाइन आवेदन द्वारा अधिकतम साख सीमा स्वीकृत होकर पारदर्शी रूप से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसली ऋण दिया जा रहा है।
किसान फसली ऋण वितरण योजना व सहकारी विभाग की अन्य योजनाओं के लिए http://rajsahakar.rajasthan.gov.in/Homeपर लॉगिन कर सकता है।
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