केंद्रीय बजट 2021-22 में किसानों को क्या-क्या मिला?

Share Product Published - 03 Feb 2021 by Tractor Junction

केंद्रीय बजट 2021-22 में किसानों को क्या-क्या मिला?

जानें, केंद्रीय बजट 2021-22 में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?

वित्तमंत्री ने निर्मला सीमारामण द्वारा सोमवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021-22 में हर बार की तरह इस बार भी कई चीजों को सस्ता तो कई सामानों को महंगा किया गया है। बात करें खेती और किसानों से जुड़े सामानों की तो पशुआहार और कृषि यंत्र सस्ते हो गए हैं। वहीं  यूरिया और खाद को महंगा कर दिया गया है। इसके अलावा भी आम आदमी से जुड़ी कई चीजें सस्ती तो कई चीजें महंगी हो गई हैं। वहीं सरकार ने कई वस्तुओं पर कृषि इन्फ्रा सेस भी लगाया है। इस पर सरकार का कहना है कि इस कृषि इन्फ्रा सेस का असर उपभोक्ता पर नहीं पड़ेगा बल्कि इस सेस से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग कृषि क्षेत्र के विकास के लिए किया जाएगा। इसके अलावा बजट में किसानों के हित में कई ऐलान भी किए गए है जिनसे किसानों को लाभ होगा। हालांकि इस बजट में किसानों के लिए ऐसा कुछ  विशेष नहीं दिया गया है जिसकी उन्हें आशा थी। पर जो ऐलान किए गए हैं उनसे किसानों को दीर्घकालीन लाभ मिल सकेगा। 

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केंद्रीय बजट 21-22 : जानें, क्या सस्ता और क्या महंगा?

लाभार्थी वर्ग सस्ता महंगा
किसान सोलर लालटेन, बिजली, कृषि उपकरण, पशुआहार में इस्तेमाल होने वाले मेटेरियल व लोहे के उत्पाद यूरिया, डीएपी खाद, डीजल, सोलर इन्वर्टर
आम आदमी नायलन के कपड़े, स्टील के बर्तन, पेंट, ड्राई क्लीनिंग, पॉलिस्टर के कपड़े, सोलर लालटेन, सोना-चांदी, स्टील के बर्तन, इंश्योरेंस, बिजली, जूता, तांबे का सामान, लोहे के उत्पाद मोबाइल फोन, मोबाइल के चार्जर, मोबाइल पार्ट्स, रत्न, जूते, चमड़ा, तांबे का सामान, सूती कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान, लेदर के जूते, सोलर इन्वर्टर, सेब, काबुली चना, चना दाल, पेट्रोल-डीजल, शराब, ऑटो पार्ट्स

 

इन 10 बिंदुओं से समझिए सरकार का किसानों पर फोकस

क्रं.सं. बजट की  प्रमुख घोषणा किसानों को ऐसे मिलेगा लाभ
1. कृषि ऋण को बढ़ाया गया  खेती किसानी आदि कार्यों के लिए किसानों को मिलने वाले ऋण की मात्रा को बढ़ा दिया गया है। किसानों को पर्याप्त ऋण प्रदान करने के लिए, वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022 में कृषि ऋण बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। जिससे किसानों को पशु पालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए किसानों को आसानी से ऋण मिल सकेगा।
2. ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष में 33 प्रतिशत बढ़ोतरी  वित्त मंत्री ने ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए आवंटन 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। 
3.

 
एपीएमसी को कृषि बुनियादी ढांचा कोष तक पहुंच प्रदान की जाएगी  वित्त मंत्री ने एपीएमसी की बुनियादी ढांचा सुविधाओं में वृद्धि के लिए उसे कृषि बुनियादी ढांचा कोष उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा। 
4.
 
 
सूक्ष्म सिंचाई कोष दोगुना किया गया देश में सिंचाई क्षेत्र का रकबा बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपए की धनराशि के साथ शुरू किए गए, सूक्ष्म सिंचाई कोष को 5,000 करोड़ रुपए और बढ़ाकर इसे दोगुना करने का प्रस्ताव किया। 
5.
 
ऑपरेशन ग्रीन योजना का दायरा बढ़ाया
 
कृषि और सहायक उत्पादों में मूल्य वर्धन और उनके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, वित्त मंत्री सीतारमण ने ‘ऑपरेशन ग्रीन योजना’ का दायरा बढ़ाकर 22 खराब होने वाले उत्पादों को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव किया जो वर्तमान में टमाटर, प्याज और आलू (टॉप्स) पर लागू है। 
6.
 
 
1,000 मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा वित्त मंत्री ने कहा कि करीब 1.68 करोड़ किसान पंजीकृत हैं और ई-नाम के माध्यम से 1.14 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हो रहा है। ई-नाम द्वारा कृषि बाजार में स्थापित पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री ने पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा कायम करने के लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोडऩे का प्रस्ताव रखा। 
7.

 
मछली पकडऩे के 5 प्रमुख केन्द्रों में और निवेश  वित्त मंत्री सीतारमण ने मछली पकडऩे और मछली उतारने वाले केन्द्रों के विकास में पर्याप्त निवेश का प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री ने कहा कि मछली पकडऩे के 5 प्रमुख केन्द्रों- कोच्चि, चेन्नई, विशाखापतनम, पारादीप, और पेटुआघाट- को आर्थिक गतिविधि केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने जल क्षेत्र में मछली पकडऩे के केन्द्रो तथा नदी के तटों और जलक्षेत्रों में मछली उतारने के केंद्र विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा।
8.
 
स्वामित्व योजना का विस्तार 
 
वित्त मंत्री सीतारमण ने पहले से चल रही स्वामित्व योजना का विस्तार देश भर में करने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने सभी राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए स्वामित्व योजना के विस्तार का प्रस्ताव रखा। इस वर्ष के शुरुआत में गांवों में सम्पत्ति के स्वामित्व में पारदर्शिता लाने के लिए स्वामित्व योजना की शुरूआत की गई थी। योजना के अंतर्गत गांवों में संपत्ति के मालिकों को अधिकारों का रिकॉर्ड दिया जाता है। अब तक 1,241 गांवों में करीब 1.80 लाख सम्पत्ति मालिकों को कार्ड प्रदान किए गए हैं।
9. पेट्रोल और डीजल पर कृषि इन्फ्रा सेस का उपभोक्ताओं पर असर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर एग्री सेस लगाने का एलान किया। उन्होंने पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.5 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 4 रुपये का एग्री सेस (कृषि उपकर) लगाने का एलान किया। इसकी वजह यह है कि उन्होंने इन दोनों उत्पादों पर जितना एग्री सेस लगाया है, उतनी ही कमी इनके उत्पाद शुल्क में की है। इस वजह से इनकी कीमतों में इजाफा नहीं होगा।

10. पीएम किसान सम्मान निधि के बजट में कटौती फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले बजट में कटौती की घोषणा की है। दरअसल कृषि मंत्रालय अपना पूरा बजट 2020-21 के दौरान खर्च नहीं कर पाया था। जिससे सरकार ने इस बार बजट में कटौती कर दी। फिस्कल ईयर 2020-21 में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 75,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। जबकि फिस्कल ईयर 2021-22 में इस स्कीम के लिए 65,000 करोड़ दिए गए हैं। मौजूदा फिस्कल ईयर में कृषि मंत्रालय 65,000 करोड़ खर्च पाया है। शायद यही वजह है कि सरकार ने बजट में कटौती कर दी है।हालांकि किसानों को पहले की तरह सालाना रुपये मिलते रहेंगे।

 

 

बजट में किस मंत्रालय को कितनी राशि आवंटित

  • वित्त मंत्रालय- 13,86,273.30 करोड़

  • रक्षा मंत्रालय- 4,78,195.62 करोड़

  • उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय- 2,56,948.40 करोड़

  • कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय- 1,31,531.19 करोड़

  • गृह मंत्रालय- 1,66,546.94 करोड़

  • रेल मंत्रालय- 1,10,054.64 करोड़

  • सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय- 1,18,101 करोड़

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय-1,33,689.50 करोड़

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय- 73,931.77 करोड़

  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय- 12,768.25 करोड़

  • रसायन और उर्वरक मंत्रालय- 80,714.94 करोड़

  • संचार मंत्रालय- 75,265.22 करोड़

  • परमाणु उर्जा विभाग- 18,264 करोड़

  • शिक्षा मंत्रालय-93224.31 करोड़

  • विदेश मंत्रालय- 18154.73 करोड़

  • आवास और शहरी कार्य मंत्रालय- 54581 करोड़

  • जल शक्ति मंत्रालय- 69053 करोड़

  • श्रम एवं रोजगार मंत्रालय- 13306.50 करोड़

  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय- 15699.65 करोड़

  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय- 15943.78 करोड़

  • विद्युत मंत्रालय- 15322 करोड़

  • महिला और बाल विकास मंत्रालय- 24435 करोड़

  • विमान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय- 14794.03 करोड़

  • सामाजिक न्याय और आधिकारिता विभाग-11689.39 करोड़

  • अंतरिक्ष विभाग-13949.09 करोड़

  • इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय- 9720.66 करोड़

  • आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी आयुष मंत्रालय- 2970.30 करोड़

  • नागर विमानन मंत्रालय- 3224.67 करोड़

  • संस्कृति मंत्रालय- 2667.99 करोड़

  • कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय- 2785.23 करोड़

  • नवीन तथा नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय- 5753 करोड़

  • अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय- 4810.77 करोड़

  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय- 4071.23 करोड़

  • जनजातीय कार्य मंत्रालय -7524.87 करोड़

  • युवा मामले और खेल मंत्रालय- 2596.14 करोड़

  • पूर्वोतर क्षेत्र विकास मंत्रालय- 2658 करोड़

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय- 2869.93 करोड़

  • मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय- 4322.82 करोड़

  • कपड़ा मंत्रालय- 3631.64 करोड़

  • पर्यटन मंत्रालय- 2026.77 करोड़

  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय- 1897.13 करोड़

  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय- 1308.66 करोड़

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय- 1409.13 करोड़

  • भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय- 1017.08 करोड़

  • खान मंत्रालय- 1466.82 करोड़

  • योजना मंत्रालय- 1062.77 करोड़

  • राष्ट्रपति, संसद, संघ लोक सेवा आयोग और उपराष्ट्रपति का सचिवालय- 1687.57 करोड़

  • पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय- 1702.35 करोड़

  • पंचायती राज मंत्रालय- 913 करोड़

  • कारपोरेट कार्य मंत्रालय- 712.13 करोड़

  • कोयला मंत्रालय- 534 करोड़

  • संसदीय कार्य मंत्रालय- 65.07 करोड़

  • इस्पात मंत्रालय-39.25 करोड़

कुल मिलाकर बजट में किसानों के हित में कई ऐलान किए गए है जो किसानों को दीर्घकालीन राहत प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

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