Published - 06 Jul 2020
भारत में टिड्डी दल का खतरा अगस्त महीने तक बना रहने की संभावना है। इसे देखते हुए किसानों को सावधानी बरतनी चाहिए। खाद्य एवं कृषि संगठन के टिड्डी स्टेटस अपडेट के अनुसार मानसून की बारिश से पहले भारत-पाक सीमा की ओर जाने वाले वसंत ऋतु में पैदा हुए टिड्डियों के कई झुंडों में से कुछ भारत के पूर्वी और उत्तरी राज्यों में पहुंचे हैं।
कुछ समूह नेपाल तक पहुंच गए। ऐसा पूर्वानुमान है कि मानसून की शुरुआत के साथ टिड्डियों का ये समूह राजस्थान लौटेगा और ईरान और पाकिस्तान से अब भी आ रहे अन्य टिड्डियों के समूहों के साथ मिल जाएगा। इनके जुलाई के मध्य के करीब अफ्रीका के हॉर्न से आ रहे टिड्डियों के समूह के साथ भी मिल जाने की संभावना है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर टिड्डियों में प्रजनन समय से पहले ही शुरू हो चुका है, जहां जुलाई में टिड्डियों के पर्याप्त बच्चे हो जाएंगे जो अगस्त के मध्य में गर्मियों के मौसम में पैदा होने वाले टिड्डियों के झुंड के रुप में सामने आएंगे। भारत में अभी राजस्थान राज्य के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, दौसा तथा भरतपुर और उत्तर प्रदेश के झांसी और महोबा जिलों में गुलाबी टिड्डियों और वयस्क पीली टिड्डियों के झुंड अभी भी सक्रिय बने हुए हैं।
टिड्डियों का यह सिलसिला अगस्त माह तक चलने वाला है अत: किसानों को अपनी फसलों को इनसे बचाने के लिए पहले से ही कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि संभावित हानि से बचा जा सके। वैसे प्रशासन अपने स्तर पर काम करता ही है।
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