सुराजी गांव योजना : अब किसानों को 10 रुपए किलो मिलेगी वर्मी कम्पोस्ट खाद

Share Product Published - 16 Dec 2020 by Tractor Junction

सुराजी गांव योजना : अब किसानों को 10 रुपए किलो मिलेगी वर्मी कम्पोस्ट खाद

गोठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट का मूल्य 2 रुपए प्रतिकिलो बढ़ाया

छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना से ग्रामीणो, किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को बहुत फायदा पहुंच रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने  गोठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर आठ रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 10 रुपए प्रति किलोग्राम कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

 

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जानिएं क्या है सुराजी गांव योजना

छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव योजना के तहत स्वीकृत 6 हजार 430 गोठानों में से 4 हजार 487 गोठानों में गोबर खरीदी की जा रही है। खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गोठानों में अब तक 44 हजार टांकों का निर्माण किया गया है। अभी 16 हजार टांके और बनाए जा रहे हैं। अब तक प्रदेश में 8 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन गोठनों में हो चुका है। इसमें 1000 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री की जा चुकी है। 

 


वर्मी कंपोस्ट की न्यूतनम विक्रय दर बढ़ाने से महिलाओं को फायदा

छत्तीसगढ़ के हजारों महिला स्वयं सहायता समूह गोठनों में गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का काम कर रहे हैं। वर्मी कंपोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर में वृद्धि से उनकी आय में इजाफा होगा। इस योजना के तहत सरकार प्रदेश के हर जिले में वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित करने की भी योजना बना रही है। इसके तहत दो रुपए प्रति किलोग्राम पर ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना में अब तक 1.36 लाख गोबर विक्रेताओं को उनसे खरीदे गए गोबर के मूल्य के रूप में 59.08 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। 


वर्मी कंपोस्ट  खाद से जैविक खेती को बढ़ावा

वर्मी कम्पोस्ट खाद से देश में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिए जा रहें है। जिसकी मदद से किसान स्वयं जैविक खाद एवं कीटनाशक बना सकते हैं। छतीसगढ़ राज्य सरकार ने किसानों को जैविक खाद उपलब्ध करवाने के लिए अलग से योजना बनाई है जिसके तहत किसानों एवं पशुपालकों से गोबर की खरीदी कर उन्हें कम दामों पर वर्मी कम्पोस्ट खाद दी जाती है। किसान गोठानों से वर्मी कम्पोस्ट खरीद सकते हैं।


गोबर खरीदी की अभिनव योजना है गोधन न्याय योजना

छत्तीसगढ़ में इस साल हरेली पर्व से देश की अपनी तरह की पहली गोबर खरीदी की अभिनव योजना गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है। जिसके तहत 2 रुपए प्रति किलोग्राम पर ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना में अब तक 1.36 लाख गोबर विक्रेताओं को उनसे खरीदे गए गोबर के मूल्य के रूप में 59.08 करोड़ रूपए का भुगतान मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन उनके खातों में किया जा चुका है।

 

 

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