पोल्ट्री फार्म : पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए यहां से ले सकते हैं प्रशिक्षण, रजिस्ट्रेशन शुरू

Share Product Published - 19 Feb 2021 by Tractor Junction

पोल्ट्री फार्म : पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए यहां से ले सकते हैं प्रशिक्षण, रजिस्ट्रेशन शुरू

जानें, कब से दिया जाएगा प्रशिक्षण और क्या रहेगा कार्यक्रम?

पोल्टी फार्म का व्यवसाय काफी तेजी से बढऩे वाले व्यवसायों में से एक है। यदि सही तरीके से इस व्यवसाय को किया जाए तो काफी अच्छी कमाई की जा सकती है। देखने में आया है कि कुछ लोग बिना प्रशिक्षण के इस व्यवसाय में उतर जाते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि उन्हें सफलता नहीं मिल पाती। इसलिए किसी भी व्यवसाय को करने से पहले उसके बारे में पूर्ण जानकारी एवं प्रशिक्षण लेना बहुत ही आवश्यक हो जाता है ताकि व्यवसाय में आने वाले जोखिमों का भी आसानी से सामना किया जा सके। हमारे देश में कई विश्वविद्यालय विभिन्न व्यवसायों से संबंधित पाठ्यक्रम चलाते हैं। वहीं ऑनलाइन प्रशिक्षण की भी व्यवस्था इन विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों की ओर से की जाती है। यदि आप पोल्ट्री फार्म व्यवसाय में हाथ आजमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको प्रशिक्षण अवश्य ही लेना चाहिए। हाल ही में केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, छह दिनों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इसके लिए 14 मार्च तक आप अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ शुल्क भी देना होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 मार्च से शुरू किया जाएगा।

 

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प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन पक्षियों के बारे में दी जाएगी जानकारी

मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्रायलर, लेयर, टर्की, गिनी फाउल, बटेर, देसी फाउल जैसे पक्षियों को पालने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्यक्रम छोटे स्तर पर कारोबार शुरू करने वालों के लिए है। केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एमपी सागर ने मीडिया को बताया, पोल्ट्री फार्मिंग के क्षेत्र में नए लोगों को जोडऩे के लिए संस्थान समय-समय पर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाता रहता है। अभी तक कैंपस में ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन कोरोना की वजह से पिछली दो बार से ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें छोटे स्तर पर ब्रायलर, लेयर, टर्की, गिनी फाउल, बटेर और देसी फाउल पालन की पूरी जानकारी दी जाएगी।

 


ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?

जो लोग इस ऑनलाइन प्रशिक्षण को लेना चाहते हैं वो 14 मार्च के पहले रजिस्ट्रेशन कर लें। प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इच्छुक उम्मीदवार इस लिंक पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। क्लिक करने पर पंजीकरण फार्म खुलेगा, जिसे भरकर सबमिट करना होगा। इसके लिए उम्मीदवार जीमेल एकाउंट ज़रूरी है फार्म भरने से पहले, प्रशिक्षण फीस का भुगतान संस्थान की वेबसाइट, https://cari.icar.gov.in/payment. php पर दिए गए पेमेंट गेटवे के माध्यम से करा होगा और रसीद की सॉफ्ट कॉपी को पंजीकरण फार्म में अपलोड करना होगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन हेतु मांगे गए दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी तैयार करके पंजीकरण फार्म में अपलोड करनी होगी। इसके बाद में पंजीकरण फार्म भरें और सबमिट करें। इसके बाद आपको ईमेल से कंफर्मेशन और प्रशिक्षण के लिए लिंक भेजा जाएगा।

 

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प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन हेतु आवश्यक दस्तावेज

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन हेतु अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र (अंतिम कक्षा/डिग्री) जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए) की सॉफ्ट कॉपी तैयार करके पंजीकरण फार्म में अपलोड करनी होगी।


यह है प्रशिक्षण शुल्क

सामान्य और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के लिए प्रशिक्षण शुल्क 700 रुपए और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 400 रुपए फीस निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण शुल्क वापस नहीं होगा।


यह रहेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली की ओर से शुरू किया जाने वाला ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम छह दिन का होगा जो 15 मार्च से 20 मार्च तक चलेगा। यह कार्यक्रम का समय सुबह 10:30 से शाम के 05:30 बजे तक का रहेगा। उम्मीदवार को कम्प्यूटर, लैपटॉप या फिर एंड्रावयड फोन की जानकारी होनी चाहिए। इंटरनेट के लिए कम से कम 1.5 जीबी और 4जी डाटा प्लान होना चाहिए।

 

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ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ये रहेगा पाठ्यक्रम

प्रशिक्षण कार्यक्रम में लाभदायक कुक्कुट प्रजातियों की जानकारी, पोल्ट्री फार्म के लिए उचित जगह का चुनाव, सस्ते और टिकाऊ पोल्ट्री आवास और जरूरी संयंत्र, बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग, लेयर चूजों और लेयर मुर्गियों का फार्म प्रबंधन, व्यावसायिक ब्रायलर मुर्गी पालन, गिन फाउल का फार्म प्रबंधन, बटेर पालन, सफल हैचरी प्रबंधन, सफल टर्की पालन, कुक्कुट आहार में पोषक तत्वों की भूमिका, मुर्गी आहार बनाने की विधि, प्रयोगशाला में इसकी जांच एवं दाने का भंडारण, कुक्कुट आहार में विषयुक्त फफंदों की रोकथाम, कुक्कुट अपशिष्ट से कुक्कुट खाद तैयार व उसकी उपयोगिता, मुर्गियों में होने वाले रोग और उनके लक्षण, उपचार व बचाव के लिए जैव सुरक्षा उपाय व टीकाकरण, कुक्कुट पालन के लिए आवश्यक पूंजी, लाभ-हानि का आंकलन और सरकारी योजनाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

 

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