Published - 10 Aug 2020 by Tractor Junction
किसान की फसल ओलावृष्टि, तेज बारीश, आंधी, तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा चलाई गई है। इसके तहत किसान अपनी फसल का बीमा कराकर प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का सत्यापन के बाद बीमा कंपनी से मुआवजा ले सकता है। इसलिए सभी किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए फसलों का बीमा करना चाहिए। इस साल देश के अधिकांश राज्यों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी लेकिन कई किसान अभी तक अपनी फसलों का बीमा नहीं करवा पाए थे। ऐसे में राज्य सरकारों की ओर से फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख को बढ़ा दिया गया है।
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हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। अब राज्य के किसान फसल बीमा योजना के तहत 18 अगस्त तक पंजीकरण करा सकेंगे। इस संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया कि किसान अपनी फसलों का बीमा 18 अगस्त 2020 तक करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत किसान फसलों का बीमा करवाकर लाभ ले सकते हैं। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जो किसान किसी कारण से 31 जुलाई तक फसल बीमा नहीं करवा पाए हैं, ऐसे किसानों के लिए फसल बीमा की तारीख बढ़ाकर 18 अगस्त कर दी गई है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि समय रहते फसल बीमा कराएं।
जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड से फसली ऋण लिया हुआ है, उनकी फसल खुद ही बीमा के दायरे में आ जाती है यानि केसीसी से लोन लेने वाले किसानों की फसल का बीमा स्वत: ही बीमा हो जाता है। इस बात का किसान को पता होना चाहिए क्योंकि जानकारी के अभाव में जब किसान की स्वैच्छा के बिना उसकी फसल का बीमा हो जाता है और उसे इस बात का पता तब चलता है जब उसके खाते से पैसा कटना शुरू हो जाता है। ऐसे में किसान के सामने न चाहते हुए भी बीमा राशि का भुगतान करना पड़ जाता है।
जैसा कि फसल बीमा योजना को अब स्वैच्छिक कर दिया है। किसान चाहे तो अपनी फसल का बीमा कराए और न चाहे तो नहीं, ये किसान पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसलों पर अल्पकालीन फसली ऋण / किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने वाले ऋणी किसान यदि बीमा लेने के इच्छुक न हो तो वह नामांकन कट आफ की तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले संबंधित बैंक शाखाओं से इस संबंध में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करके बीमा से अपने को अलग कर सकते हैं।
राज्य में खरीफ सीजन में अधिसूचित फसलें उड़द, मूंग, ज्वार, कोदो कुटकी, मूंगफली, तिल, कपास, धान, सोयाबीन, मक्का, बाजरा, अरहर हैं। राज्य में सरकार द्वारा इन फसलों को अधिसूचित किया गया है जिसके अनुसार ही किसानों को प्रीमियम भरना है एवं नुकसान होने पर नियत दर से उन्हें फसल के बीमा का भुगतान किया जाएगा।
भारत सरकार ने उन सभी किसानों के लिए नामांकन नि:शुल्क कर दिया है जिन्हें केवल प्रीमियम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है। किसान खरीफ-2020 सीजन के लिए अपनी खाद्य फसलों (अनाज और तिलहन) का महज 2 प्रतिशत की बीमित राशि पर करवा सकते हैं।
जो भी किसान जो पीएमएफबीवाई के तहत नामांकान करना चाहता है, उसे अपने नजदीकी बैंक, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) / ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई), कृषि विभाग के कार्यालय, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या सीधे राष्ट्रीय फसल योजना एनसीआईपी के पोर्टल http://www.pmfby.gov.in/ और प्रधानमंत्री फसल बीमा ऐप ( https://play.google.com/store/apps/details?id=in.farmguide.farmerapp.central ) के माध्यम से ऑनलाइन कर सकता है। बीमा के संबंध में कोई भी जानकारी के लिए किसान भाई फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या केंद्र सरकार के टोल फ्री नंबर 18001801551 पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के तहत नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसानों को आधार संख्या, बैंक पासबुक, भूमि रिकॉर्ड / किरायेदारी समझौते, और स्व-घोषणा प्रमाण पत्र ले जाना होगा। इस सीजन में, योजना के तहत नामांकित सभी किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर नियमित एसएमएस के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा।
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